प्रधानमंत्री की परिकल्पना भारत को सेमीकंडक्टर की डिजाइन, विनिर्माण और प्रौद्योगिकी विकास के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करने की है, जिससे देश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा मिले। यह परियोजना धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (DSIR), गुजरात में सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन सुविधा निर्माण, असम के मोरीगांव में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OAST) सुविधा और गुजरात के साणंद में आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (OSAT) सुविधा के लिए आधारशिला रखी गई। प्रधानमंत्री ने कहा है कि इन सुविधाओं के जरिए सेमीकंडक्टर इको-सिस्टम दृढ़ होगा और भारत में इसकी जड़ें मजबूत हो जाएंगी। ये यूनिट्स सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री में हजारों युवाओं को रोजगार मुहैया कराएंगी। इलेक्ट्रॉनिक्स, टेलीकम्युनिकेशन जैसे क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देंगी। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो वंदना सिंह, कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय राय, निदेशक प्रो प्रमोद कुमार यादव, प्रो देवराज सिंह, प्रो मिथिलेश सिंह, प्रो गिरिधर मिश्र, डा प्रमोद कुमार, डा नीरज अवस्थी, डा धीरेंद्र चौधरी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Wednesday, 13 March 2024
इंडियाज टेकेड: चिप्स फॉर विकसित भारत' का लाइव पीयू के विद्यार्थियों ने देखा
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment