Friday, 27 September 2024

प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल होगा पूर्वांचल-कुलपति

=जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में शुक्रवार को  दीक्षांत समारोह  के पश्चात धन्यवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि समर्पण और निष्ठा से किए गए हर कार्य की सराहना होती है। मनोयोग से किया गया कोई भी कार्य असफल नहीं होता। उन्होंने माननीय कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के चतुर्दिक विकास की बात करते हुए बताया कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय शिक्षा और सुविधाओं में निरंतर सुधार करते हुए देश के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची  में शामिल होने की दिशा में अग्रसर है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिवार की एकजुटता से यह भव्य दीक्षांत समारोह संभव हुआ है जिसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी संकल्पित हों कि शीघ्र ही  वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों की सूची में शामिल हो।भविष्य में यह एक ऐसा संस्थान बने जहां विश्व के हर छोर के विद्यार्थी ज्ञान अर्जित करने के लिए आएं।

कार्यक्रम को कुलसचिव महेंद्र कुमार, वित्त अधिकारी संजय कुमार राय, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अजय द्विवेदी, और कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नंद किशोर सिंह ने भी संबोधित कर  व्यवस्था से जुड़े सभी कमेटी के सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र द्वारा किया गया।

इस अवसर पर  उप कुलसचिव अमृत लाल, अजीत प्रताप सिंह, दीपक कुमार सिंह, बबीता सिंह, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. देवराज,प्रो.प्रमोद कुमार यादव, प्रो. राकेश यादव, डॉ. राजबहादुर यादव ,प्रो.रजनीश भास्कर,डॉ मनीष गुप्त, प्रो. गिरधर मिश्र,प्रो प्रदीप कुमार, डॉ. आशुतोष सिंह,डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ अन्नू त्यागी,डॉ वनिता सिंह, डॉ. अनुराग मिश्र,डॉ. मुनेंद्र सिंह,डॉ. परमेंद्र सिंह, डॉ प्रियंका सिंह, महामंत्री रमेश यादव, डॉ. पी. के. कौशिक, रामजी सिंह, श्याम त्रिपाठी, रजनीश सिंह, डॉ. राजेश सिंह, डॉ.ओम प्रकाश गुप्त,डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य सहित समस्त शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

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