Wednesday, 12 November 2025
वीबीएसपीयू : स्नातक प्रथम सेमेस्टर परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू
आधुनिक युग में ज्ञान नहीं, कौशल है असली पूंजी: प्रो. प्रदीप कुमार
अनुशासन और समर्पण से बनेगी नई पहचानः कुलपति
पीयू बनेगा मौसम का प्रहरी, स्थापित होगा ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन
Tuesday, 11 November 2025
शरीर, मन और आत्मा का सामंजस्य है जरूरी –कुलपति
सकारात्मक सोच और जागरूकता से ही संभव है मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा: प्रो. वंदना सिंह
Saturday, 1 November 2025
आई ट्रिपल ई स्थापना सप्ताह में छात्रों ने दिखाई तकनीकी प्रतिभा
Wednesday, 29 October 2025
शोधार्थियों को मिलेगा प्रशिक्षण और आर्थिक सहयोग
शोध और नवाचार को बढ़ावा देगी डीएसटी–पर्स परियोजना
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) की “डीएसटी–पर्स” परियोजना की प्रगति समीक्षा बैठक कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में कुलपति सभागार में आयोजित हुई। बैठक में कुलपति ने दिसंबर 2025 तक सभी स्वीकृत उपकरणों और रसायनों की खरीद प्रक्रिया पूर्ण करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि परियोजना के वैज्ञानिक सामाजिक उत्तरदायित्व (एसएसआर) के तहत विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के 10 शोधार्थियों को शोध उपकरणों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चयनित विद्यार्थियों को उनके शोध कार्य हेतु पाँच हजार रुपये तक की वित्तीय सहायता भी दी जाएगी। इसके अतिरिक्त दो परास्नातक छात्रों को डिज़र्टेशन कार्य में सहयोग देने, 20 छात्रों को दो हजार रुपये तक की सहायता और पाँच छात्रों को स्टार्टअप या औद्योगिक सहयोग के अंतर्गत कृषि उत्पादों से जुड़े लघु उपकरणों के डिज़ाइन हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान करने की घोषणा की गई।
परियोजना समन्वयक डॉ. धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि डीएसटी द्वारा परियोजना की प्रथम वर्ष की धनराशि 22 मई 2025 को जारी की गई थी। परियोजना से जुड़ी टीम ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उच्च दक्षता वाले सोलर सेल का सफल प्रदर्शन किया है, जबकि हाइड्रोजन ऊर्जा के क्षेत्र में जल अपघटन तकनीक से हाइड्रोजन उत्पादन की दिशा में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की गई है। ऊर्जा संचयन हेतु उच्च धारिता वाले सुपर कैपेसिटर और पर्यावरण–अनुकूल हरित स्नेहक का विकास भी किया गया है। अब तक 15 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैं, जबकि 18 शोध पत्र प्रकाशनार्थ भेजे गए हैं। बैठक में आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रोजेक्ट सह-समन्वयक डॉ. काजल डे, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. रमांशु सिंह, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. दिनेश वर्मा, डॉ. अजीत सिंह और डॉ. मिथिलेश यादव आदि प्राध्यापक उपस्थित रहे।
Sunday, 19 October 2025
Saturday, 18 October 2025
ज्ञान का दीप ही सच्चे प्रकाश का स्रोतः डॉ. रसिकेश
पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने रचा इतिहास ,पहली बार क्यूएस रैंकिंग में मिला स्थान
पीयू परिवार की सामूहिक मेहनत, समर्पण का परिणामः प्रो. वंदना सिंह
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर ने अपनी शैक्षणिक यात्रा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। विश्वविद्यालय को पहली बार विश्व-प्रतिष्ठित क्यूएस (QS) रैंकिंग प्रणाली में स्थान प्राप्त हुआ है। दक्षिण एशिया की रैंकिंग में विश्वविद्यालय ने 397वाँ स्थान हासिल किया है, जबकि एशिया स्तरीय रैंकिंग में यह 1200-1400 बैंड में शामिल हुआ है।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता पूरे विश्वविद्यालय परिवार की सामूहिक मेहनत, समर्पण और उत्कृष्ट शैक्षणिक दृष्टिकोण का परिणाम है। उन्होंने कहा कि “यह उपलब्धि विश्वविद्यालय के शिक्षकों, शोधार्थियों, कर्मचारियों और छात्रों की एकजुट मेहनत का परिणाम है। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम गुणवत्ता, नवाचार और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के मानकों पर स्वयं को और मजबूत करें।”
विश्वविद्यालय ने हाल के वर्षों में शिक्षण, अनुसंधान और नवाचार को नई दिशा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें नई अनुसंधान प्रयोगशालाओं की स्थापना, अंतरराष्ट्रीय शोध परियोजनाओं में भागीदारी, उद्योगों के साथ सहयोग और गुणवत्ता आधारित प्रकाशनों को प्रोत्साहन प्रमुख हैं। सतत ऊर्जा, स्वास्थ्य विज्ञान, सामाजिक विज्ञान और नैनो प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में भी विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय योगदान दिया है।
यह उपलब्धि न केवल विश्वविद्यालय के लिए गौरव की बात है, बल्कि संपूर्ण पूर्वांचल क्षेत्र के लिए भी प्रेरणादायक है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि आने वाले वर्षों में अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान गुणवत्ता के क्षेत्र में विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि आने वाली रैंकिंग में स्थिति और सुदृढ़ हो।
Friday, 17 October 2025
स्वदेशी मेला आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सराहनीय कदम - कुलपति
Thursday, 16 October 2025
विश्व खाद्य दिवस पर पीयू में जागरूकता कार्यक्रम
Wednesday, 15 October 2025
साइबर अपराधियों से डरने की नहीं है जरूरत : डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में बुधवार को मिशन शक्ति -5 के अंतर्गत छात्राओं के लिए "साइबर क्राइम जागरूकता" विषय पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि भारत में साइबर अपराधों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। पिछले चार वर्षों में इन अपराधों में लगभग 400 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि छात्राओं को साइबर अपराधियों से डरने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि उन्हें तकनीकी रूप से सशक्त होकर उनका साहसपूर्वक सामना करना चाहिए।
नोडल अधिकारी डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने बताया कि छात्राओं के सशक्तिकरण हेतु मिशन शक्ति फेज-5 के तहत लगातार जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं मिशन शक्ति की सदस्य डॉ. अन्नू त्यागी ने कहा कि साइबर अपराधी लोगों के मनोविज्ञान का सहारा लेकर हावी होते हैं, इसलिए सतर्क रहना ही सुरक्षा की कुंजी है।कार्यक्रम का संचालन अनुश्रेया सिंह ने किया।
पदार्थ की संरचना को समझने में स्पेक्ट्रोस्कोपी महत्वपूर्ण : प्रो मृगेंद्र दुबे
Tuesday, 14 October 2025
नई पीढ़ी को भारतीय ज्ञान, परंपरा के लिए करें प्रेरितः स्वांत रंजन
गुरु में अग्नि का भाव होना चाहिएः प्रो. ओम प्रकाश पांडे
पीयू में भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में विश्वविद्यालय एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संयुक्त तत्वावधान में “भारतीय ज्ञान परंपरा” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में वक्ताओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध आयामों—शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति और नैतिकता पर विस्तारपूर्वक विचार व्यक्त किए।
मुख्य वक्ता, इसरो के पूर्व वैज्ञानिक एवं प्रधानमंत्री के पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ओम प्रकाश पांडे ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा का मूल उद्देश्य आत्मचेतना को जागृत करना है। उन्होंने महाराणा प्रताप की तलवार और सबरी माला के पंचधातु दर्पण का उल्लेख करते हुए भारतीय कारीगरों की वैज्ञानिक दक्षता की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय महिलाएं जब आंगन में तुलसी लगाती थीं, तो वह केवल आस्था का नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण का भी प्रतीक था।
प्रो. पांडे ने कहा कि “गुरु में अग्नि भाव होना चाहिए। शिक्षा कभी केवल परीक्षण या पुस्तकों का विषय नहीं, बल्कि ज्ञान का विषय होना चाहिए।” उन्होंने कुल परंपरा और गुरुकुल परंपरा को भारतीय शिक्षण प्रणाली की जड़ बताया।
सारस्वत अतिथि, राजीव गाँधी राष्ट्रीय विमानन विश्वविद्यालय अमेठी के कुलगुरु प्रो. भृगुनाथ सिंह ने भारतीय ज्ञान परंपरा में इंजीनियरिंग एवं तकनीकी योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय परंपरागत विज्ञान को आधुनिक पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना समय की आवश्यकता है।
विशिष्ट अतिथि, गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ. प्रेमलता देवी ने भारतीय ज्ञान परंपरा में महिलाओं की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने की। उन्होंने योग और प्राणायाम को भारतीय ज्ञान परंपरा का अभिन्न अंग बताते हुए कहा कि मंत्रों की शक्ति चेतना और ऊर्जा के स्रोत हैं।
कार्यक्रम का संचालन ईश्विका सिंह एवं स्वागत प्रो. मानस पांडे एवं धन्यवाद शानू सिंह ने दिया ।
इस अवसर पर प्रान्त प्रचारक रामचंद्र, विभाग प्रचारक आदित्य, पूर्व विधायक सुरेंद्र सिंह, प्रो. सूर्य प्रकाश सिंह, डॉ. विजय सिंह, डॉ. राहुल सिंह, कुलसचिव केशलाल, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, डॉ. विजय तिवारी, डॉ. अनुराग मिश्रा, डॉ. सुनील कुमार, पर्यावरण प्रमुख महेंद्र, डॉ. प्रियंका कुमारी, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. अजय दुबे एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के ज्ञानेंद्र, वरुण, शिवम सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।
Monday, 13 October 2025
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पूर्वांचल की दो बेटियां चमकीं
रसोईघर के अपशिष्ट से बन सकेगी ऊर्जाः प्रो. ओपी. सिन्हा
Thursday, 9 October 2025
पीयू में जिंदल सॉ लिमिटेड ने किया कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव
Wednesday, 8 October 2025
अंशिका, अदिति ने “आवर फोर्से आवर प्राईड” पर दिया प्रेरणादायक भाषण
Monday, 6 October 2025
परिणाम को समझें और उस पर काम करें: सुनील दत्त
Saturday, 4 October 2025
मूट कोर्ट विद्यार्थियों के व्यावहारिक प्रशिक्षण की रीढ़ : गौतम बघेल
Thursday, 2 October 2025
स्थापना दिवस
Wednesday, 20 August 2025
शत- प्रतिशत विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति सुनिश्चत करें विभागः डीएम
फार्म भरवाने के लिए अलग से पटल खोलें विद्यालयः कुलपति
Tuesday, 19 August 2025
मोबाइल ने सबको फोटोग्राफी की तकनीकी से सीधे जोड़ा- – प्रो. मनोज मिश्र
पीयू में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी दिवस
Monday, 18 August 2025
सीपीआर आकस्मिक हृदयाघात में जीवन रक्षक : डॉ. शिव शक्ति
सीपीआर प्रशिक्षण समय की मांग: प्रो वंदना सिंह
पीयू में सीपीआर प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
Friday, 15 August 2025
संघर्ष और साहस की अमर गाथा है स्वतंत्रता दिवस- प्रो. वंदना सिंह
Thursday, 14 August 2025
कुलपति ने कमेटी संयोजकों के साथ की दीक्षांत तैयारी बैठक
पीयू का दीक्षांत समारोह 6 अक्टूबर को
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 29 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन 6अक्तूबर को होगा। इस संबंध में गुरुवार को कुलपति सभागार में कुलपति प्रो वंदना सिंह की अध्यक्षता में तैयारी बैठक हुई । समिति के संयोजकों से बिन्दुवार वार्ता की गई। कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने राजभवन द्वारा प्रेषित निर्देशों के बारे में संयोजकों को जानकारी दी।
विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए 53 समितियों का गठन किया गया है। कुलपति प्रो वंदना सिंह ने कहा कि दीक्षांत की तैयारी के संबंध में सभी निर्देशों का प्राथमिकता के साथ पालन किया जाय। सभी संयोजक अपनी टीम के साथ लग जाएं। इस संबंध में कमेटी के संयोजक शिक्षकों से दीक्षांत समारोह को और भी बेहतर बनाएं जाने के लिए सुझाव मांगें गये। संचालन कुलसचिव डॉ विनोद कुमार सिंह ने किया।
इस अवसर पर वित्त अधिकारी आत्म प्रकाश धर द्विवेदी, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो.अजय द्विवेदी, छात्र अधिष्ठाता प्रो.प्रमोद यादव, प्रो.मनोज मिश्र, प्रो.राजकुमार सोनी, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. राकेश यादव, प्रो.राजबहादुर, प्रो.सौरभ पाल, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. गिरधर मिश्र, प्रो.रविप्रकाश, प्रो. सुरजीत यादव, डॉ अमरेंद्र कुमार सिंह, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ सुनील कुमार, डॉ. शशिकांत यादव, उपकुलसचिव अमृतलाल, बबिता सिंह, अजीत प्रताप सिंह,समस्त प्रशासनिक अधिकारी सहित कमेटी के संयोजक उपस्थित रहे।
पीएच.डी. प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने बताया कि परीक्षा के लिए कुल 4,150 छात्रों को प्रवेश पत्र जारी किए गए थे, जिनमें से 2,711 छात्र परीक्षा में शामिल हुए। इनमें से 1,161 छात्र सफल घोषित किए गए, जिससे इस वर्ष का उत्तीर्ण प्रतिशत 42.83% रहा। प्रवेश परीक्षा में अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को 70 अंक तथा आरक्षित वर्ग (ओबीसी, एससी, एसटी, दिव्यांग एवं आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के अभ्यर्थियों को 63 अंक प्राप्त करने पर उत्तीर्ण होंगे । परीक्षा समिति के समन्वयक प्रो. गिरधर मिश्र ने बताया कि सफल 1,161 अभ्यर्थियों के साथ-साथ प्रवेश परीक्षा से छूट प्राप्त 2,796 अभ्यर्थियों को मिलाकर कुल 3,957 अभ्यर्थियों को डीआरसी में साक्षात्कार का अवसर मिलेगा। उप कुलसचिव अजीत सिंह ने कहा कि प्रवेश हेतु रिक्त सीटों का निर्धारण आरक्षण नियमों के अनुरूप किया जा रहा है, जिसे शीघ्र जारी किया जाएगा। कार्यक्रम में डॉ. धीरेंद्र चौधरी, राजेंद्र सिंह सहित शैक्षणिक विभाग के अन्य उपस्थित रहे
विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाना जरूरी: कुलपति
पीयू में ‘महर्षि नागार्जुन’, ‘ब्रह्मगुप्त’ स्मार्ट क्लासरूम का उद्घाटन
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के उमानाथ सिंह प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी संस्थान में आज दो अत्याधुनिक स्मार्ट क्लासरूम ‘महर्षि नागार्जुन’ तथा ‘ब्रह्मगुप्त’ का लोकार्पण विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वन्दना सिंह के कर-कमलों द्वारा किया गया।
यह नामकरण कुलपति कि प्रेरणा से प्राचीन भारत के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त एवं रसायनशास्त्र के अग्रणी आचार्य महर्षि नागार्जुन की ज्ञान परंपरा को नमन करने एवं नवाचार में उनके योगदान को देखते हुए किया गया है। यह पहल डिजिटल युग में शिक्षा को सशक्त बनाने की दिशा में विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का सशक्त उदाहरण है।
कार्यक्रम के दौरान कुलपति प्रो सिंह ने कहा कि “ज्ञान के ऐतिहासिक स्रोतों को आधुनिक तकनीकी माध्यमों से जोड़कर हम न केवल अपने सांस्कृतिक बोध को पुष्ट करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य भी बनाते हैं। ये स्मार्ट क्लासरूम इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।”
इन दोनों स्मार्ट क्लासरूम में नवीनतम तकनीकी सुविधाएं जैसे — इंटरैक्टिव डिजिटल बोर्ड, हाई-स्पीड वाई-फाई, प्रोजेक्शन सिस्टम, लाइव स्ट्रीमिंग की सुविधा एवं एकीकृत ऑनलाइन लर्निंग पोर्टल की व्यवस्था की गई है, जिससे छात्र-छात्राओं को एक आधुनिक, सहभागिता पूर्ण एवं सशक्त शिक्षण अनुभव प्राप्त हो सके।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह, वित्त अधिकारी आत्म प्रकाश धर द्विवेदी, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. राजकुमार, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. संतोष कुमार, डॉ. मनीष प्रताप सिंह, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. रमांशु प्रभाकर सिंह, डॉ. रामनरेश यादव, डॉ. उदय राज प्रजापति, डॉ. सुशील शुक्ला, डॉ. मंगला प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के अनेक शिक्षक गण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
Tuesday, 12 August 2025
रैगिंग में संलिप्त पाने पर सख्त कार्रवाई होगी : कुलपति
पीयू में एंटी रैगिंग सप्ताह का हुआ शुभारंभ
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में मंगलवार को एंटी रैगिंग सप्ताह का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने रैगिंग को छात्र जीवन के लिए एक गंभीर अपराध बताते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी प्रकार की रैगिंग को सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि रैगिंग के विरुद्ध सख्त कानून बने हुए हैं और यदि कोई विद्यार्थी इसमें संलिप्त पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रो. सिंह ने यह भी निर्देश दिया कि विश्वविद्यालय के प्रत्येक विभाग में एंटी रैगिंग से संबंधित पोस्टर लगाए जाएं, ताकि सभी छात्र जागरूक हो सकें और इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहें।
उन्होंने यह भी कहा कि विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर एंटी रैगिंग स्क्वॉड के सदस्यों के नाम व मोबाइल नंबर उपलब्ध रहे जिससे कोई भी पीड़ित छात्र तत्काल सहायता प्राप्त कर सके।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी आत्म प्रकाश धर द्विवेदी ने कहा कि रैगिंग जैसी कुप्रथा विद्यार्थियों के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न करती है और इसके उन्मूलन हेतु सभी को मिलकर कार्य करना होगा।
कुलानुशासक प्रोफेसर राजकुमार सोनी ने कहा कि शिक्षण संस्थान अनुशासन और संस्कार का केंद्र होते हैं। ऐसे में रैगिंग जैसी नकारात्मक प्रवृत्तियों के लिए यहां कोई स्थान नहीं है। उन्होंने छात्रों से सकारात्मक माहौल बनाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. मनीष प्रताप सिंह ने बताया कि एंटी रैगिंग सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों जैसे पोस्टर प्रदर्शनी, छात्र संवाद, और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा, जिससे छात्र रैगिंग के खिलाफ एकजुट हो सकें।
कार्यक्रम में प्रो.संतोष कुमार, डॉ प्रमोद कुमार , डॉक्टर सुनील कुमार, डॉ. इंद्रेश कुमार, डॉ राजीव कुमार, डॉ राजित राम सोनकर, डॉ.अवधेश कुमार मौर्य, डॉ. वनिता सिंह, डॉ सोनम झा, उद्देश्य सृष्टि सिंह डा. रामनरेश यादव, विपुल मिश्रा, अंशुल दुबे, सोनू कुमार यादव आदि शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।
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