Tuesday, 18 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में आगामी सत्र से शुरू होंगे नए पाठ्यक्रम

भारतीय ज्ञान परंपरा, इंटीग्रेटेड एमसीए और एमएससी फूड टेक्नोलॉजी से जुड़े पाठ्यक्रमों की होगी पढ़ाई

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को  कुलपति सभागार में विद्या परिषद की बैठक आहूत की गई। बैठक में विश्वविद्यालय परिसर में नए पाठ्यक्रमों को शुरू करने समेत अन्य निर्णय लिए गए। विश्वविद्यालय परिसर में ऐसे पाठ्यक्रमों को शुरू करने की तैयारी है जिससे विद्यार्थियों को बेहतर रोजगार मिल सके और उन्हें पढ़ने के लिए बाहर न जाना पड़े।
एमसीए के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड पाठ्यक्रम को परिसर में प्रारंभ करने के लिए विचार किया गया। इस पाठ्यक्रम में 12 वीं के बाद विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। वैश्विक सॉफ्टवेयर उद्योग को ध्यान में रखते हुए विद्यार्थियों में विशेष कौशल को विकसित करने के लिए इस पाठ्यक्रम की शुरुआत की जा रही है। 
इसके साथी फूड टेक्नोलॉजी विषय में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर सहमति दी। भारतीय ज्ञान विज्ञान को विद्यार्थियों से परिचित कराने के लिए भारतीय ज्ञान परंपरा पाठ्यक्रम के अंतर्गत एक वर्षीय वैदिक ज्योतिष डिप्लोमा पाठ्यक्रम, एक वर्षीय वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा पाठ्यक्रम एवं एक वर्षीय वैदिक वास्तु शास्त्र डिप्लोमा पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय परिसर में संचालन करने हेतु अध्ययन परिषद ने  सहमति दी है।
उच्च शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश के दिशा निर्देशों के क्रम में विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध महाविद्यालय में स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध कोर्सेज को पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने हेतु अध्ययन परिषद के संयोजकों द्वारा स्वयं पाठ्यक्रम पर चर्चा की गई।इसके साथ ही शोध निदेशक बनाए जाने हेतु गठित समिति की संस्तुतियों पर विभिन्न विषयों के 84 शोध निर्देशक बनाए जाने पर सहमति दी गई।
बैठक का संचालन कुलसचिव महेंद्र कुमार ने किया। इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पांडे, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो.राजेश सिंह,प्रो.सौरभ पाल,प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. श्रीश कुमार सिंह, प्रो. संदीप सिंह, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, उप कुलसचिव बबीता सिंह समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे.

Monday, 17 March 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत में नेचर इंडेक्स रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने नेचर इंडेक्स रैंकिंग 2024 में उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है । इसके साथ ही भारत में 125 वां स्थान है ।

विश्वविद्यालय का काउंट 2 और शेयर 0.74 दर्ज किया गया है, जो इसके शोध और अकादमिक उत्कृष्टता को दर्शाता है। बताते चले कि विश्वविद्यालय द्वारा उच्च श्रेणी के रिसर्च जर्नल्स में प्रकाशन के फलस्वरूप यह उपलब्धि हासिल हुई है।  जो विश्वविद्यालय की वैज्ञानिक शोध क्षमता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च शिक्षा में बढ़ती प्रतिष्ठा को प्रमाणित करती है।

नेचर इंडेक्स एक प्रतिष्ठित वैश्विक मानक है, जो शोध पत्रों की गुणवत्ता और प्रभाव को मापता है। यह सूचकांक शिक्षण संस्थानों और शोध केंद्रों के शोध कार्यों का आकलन करता है, जिससे उनकी वैश्विक शोध प्रतिष्ठा को आँका जाता है।इसमें दो प्रमुख मैट्रिक्स का उपयोग किया जाता है। काउंट किसी संस्थान द्वारा प्रकाशित कुल शोध पत्रों की संख्या, किसी शोध पत्र में संस्थान के योगदान का अनुपात, विशेष रूप से जब शोध में कई संस्थान शामिल होते हैं । नेचर इंडेक्स नीति-निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के लिए एक महत्वपूर्ण मानक है, जिससे वे उन्नत शोध और नवाचार के लिए संस्थानों की गुणवत्ता का मूल्यांकन कर सकें।

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा शोध की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है जिसके फलस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में, पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी, सामाजिक विज्ञान और नवाचार के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है।  साथ ही साथ विज्ञान, पर्यावरण, चिकित्सा, कंप्यूटर विज्ञान और कृषि विज्ञान  के क्षेत्र में उत्कृष्ट शोध कार्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थानों के साथ शोध सहयोग से शोध कार्य चल रहे है। पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने शोध को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं, शोध अनुदान, और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे कई कदम उठाए हैं। उच्च गुणवत्ता वाले शोध के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रयोगशालाएं, राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अकादमिक सहयोग,  इंडस्ट्री- शोध को उद्योगों से जोड़कर व्यावहारिक समाधान विकसित किया जा रहा है । विश्वविद्यालय को (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) द्वारा A+ की उच्च रैंकिंग प्राप्त हुई है । विश्वविद्यालय को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार द्वारा डीएसटी-पर्स योजना के अंतर्गत 07 करोड़ 13 लाख रुपये का अनुदान भी  प्राप्त हुआ है । विश्वविद्यालय की यह उपलब्धि उत्तर प्रदेश और भारत के उच्च शिक्षा परिदृश्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। विश्वविद्यालय अब अंतरराष्ट्रीय शोध मानकों को प्राप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "पूर्वांचल विश्वविद्यालय का मुख्य लक्ष्य शोध कार्यों को प्रोत्साहित करना और वैज्ञानिक नवाचारों में विश्वविद्यालय की भागीदारी बढ़ाना है। शिक्षकों और शोधार्थियों की मेहनत का परिणाम है कि आज पूर्वांचल विश्वविद्यालय इस सम्मानजनक स्थान पर पहुंचा है। इस वर्ष विश्वविद्यालय नेचर इंडेक्सिंग में प्रथम बार आया है, विश्वविद्यालय उच्च श्रेणी के शोध कार्यों को बढ़ावा दे है जिससे हमें आशा ही पूर्ण विश्वास है कि आने वाले वर्षों में रैंकिंग में और सुधार हो सकेगा।"

Monday, 10 March 2025

विद्यार्थी कॉरपोरेट की गतिविधियों से होंगे परिचित- प्रो. वंदना सिंह

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारियों को लेकर कुलपति ने की बैठक

विश्वविद्यालय में 25 मार्च को होगा कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में सोमवार को  कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह की अध्यक्षता में कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव की तैयारी को लेकर विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं  अधिकारियों की बैठक आहूत की गई.

बैठक में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि  कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव में देश के कारपोरेट सेक्टर के  विशेषज्ञ विद्यार्थियों से सीधा संवाद करेंगे.  इससे जहां एक तरफ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी कॉरपोरेट सेक्टर में हो रही गतिविधियों से सीधे परिचित होंगे.  विश्वविद्यालय अपनी गतिविधियों को कॉरपोरेट सेक्टर को परिचित करा सकेगा.कॉरपोरेट कॉन्क्लेव के लिए उन्होंने गठित समिति के सदस्यों से विचार विमर्श किया.

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में आयोजित होने वाला कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव विद्यार्थियों के  बहुत हितकर है. उन्होंने विभागाध्यक्षों से विद्यार्थियों के बड़ी संख्या में सहभागिता लिये चर्चा की.

कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव के प्रोफेसर अविनाश ने कहा कि कॉर्पोरेट कॉन्क्लेव का आयोजन 25 मार्च को विश्वविद्यालय में होगा जिसमें एक दर्जन से अधिक कॉरपोरेट सेक्टर के उच्च पदों पर कार्यरत लोग जुड़ेंगे. विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के विद्यार्थियों के लिए समानांतर सत्रों का आयोजन भी किया जायेगा. उन्होंने कहा कि आज कॉर्पोरेट सेक्टर में तेजी से प्रगति और परिवर्तन हो रहे है, विद्यार्थी उसके लिए अपने को तैयार कर सके यह बहुत जरूरी है.  

इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, डॉ. राजकुमार सोनी, डॉ. आशुतोष सिंह, उप कुलसचिव अमृत लाल, डॉ. रसिकेश, डॉ. अमरेन्द्र सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. नृपेन्द्र सिंह समेत अन्य शिक्षक उपस्थित रहे. 

Saturday, 8 March 2025

महिलाएं सशक्त होंगी, तभी होगा समाज का विकास: प्रो मानस पांडेय

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में  अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग में "वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिला सशक्तिकरण की दशा एवं दिशा" विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. मानस पांडेय ने  कहा कि समाज का सशक्तिकरण तब तक संभव नहीं जब तक महिलाएं सशक्त न हों। उन्होंने कहा कि सरकार महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक योजनाओं के माध्यम से ऋण उपलब्ध करा रही है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने देश की कई महिलाओं का नाम लेते हुए बताया कि अपनी काबिलियत से आज भी उच्च पदों पर आसीन हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के बिना समाज और देश का विकास संभव नहीं होगा।

विशिष्ट वक्ता डॉ. आशुतोष सिंह ने कहा कि 2001 को महिला सशक्तिकरण वर्ष घोषित किया गया था और इससे संबंधित राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। उन्होंने कहा कि स्वयं सहायता समूह और गैर-सरकारी संगठन महिलाओं के अधिकारों को मजबूत करने में सहायक रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इससे महिलाओं को निर्णय लेने की स्वतंत्रता और आत्म सम्मान प्राप्त होता है।कार्यक्रम में डॉ. निशा पांडे ने स्वागत उद्बोधन दिया और महिलाओं के आत्मसम्मान की रक्षा हेतु शपथ दिलाई। संचालन दीपांजलि ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. राकेश उपाध्याय ने किया। इस अवसर पर डॉ. अंजनी कुमार मिश्र, डॉ. सुशील कुमार सिंह, प्रिंस सिंह, हर्ष एवं डॉ. नितिन डॉ. नितिन चौहान उपस्थित रहे।

Friday, 7 March 2025

किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे- प्रो. वंदना सिंह



"पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का हुआ आयोजन

दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए  दिलाई गई  प्रतिज्ञा

जौनपुर. कुलाधिपति एवं श्री राज्यपाल उत्तर प्रदेश श्रीमती आनंदीबेन पटेल के निर्देश के क्रम में वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गाँव में शुक्रवार को "पढ़े विश्वविद्यालय,बढ़े विश्वविद्यालय एवं पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय" कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इसके साथ ही विश्वविद्यालय के मुक्तांगन में  दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत के लिए कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों को प्रतिज्ञा दिलाई.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि किताबें न केवल शिक्षा का एक स्रोत हैं, बल्कि  हमारे मानसिक विकास, सोचने की क्षमता और व्यक्तित्व निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. उन्होंने कहा कि इन्टरनेट के इस दौर में भी किताबों का अपना एक अलग महत्व है. किताबों से हमें ज्ञान मिलता है और नए विचार और दृष्टिकोण से परिचित भी होते है.  किताबों को अपने जीवन से जोड़े रखे.
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कुलपति सभागार में अधिकारियों  और कर्मचारियों के साथ समय किताब पढ़ी. इसी क्रम में विश्वविद्यालय के विज्ञान, अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय, प्रबंध अध्ययन संकाय, फार्मेसी, विधि संकाय  और इंजिनीयरिंग संकाय के  विभागों में दिन में  11बजे से 12 बजे  तक शिक्षकों और विद्यार्थियों ने किताब पढ़ी. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के भी विभिन्न  विभागों में कर्मचारियों ने किताब पढ़ी.
कार्यक्रम की संयोजक डॉ जान्हवी श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार विद्यार्थियों को आकृतियों में भी बैठा कर किताबें पढ़ाई गई. प्रबंध अध्ययन संकाय में संकाय के नाम की आकृति, संकाय भवन में डीएनए, रज्जू भईया संसथान में पुस्तक, मुक्तांगन में भारत माता एवं फार्मेसी संस्था में ओम लिखी आकृति में भी विद्यार्थियों को किताब पढ़ने के लिए बैठाया गया था. विभिन्न गतिविधियों का संयोजन डॉ. अनुराग मिश्र एवं डॉ. शशिकांत ने किया.
विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम की विविध गतिविधियों में कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ.  विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो राम नारायण, प्रो. राजेश सिंह., प्रो. वीडी शर्मा, डॉ. माया सिंह,  डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. आलोक गुप्त, डॉ. ऋषिकेश, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. चन्दन सिंह, मनोज पाण्डेय, डॉ.नितेश जायसवाल, डॉ. प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह समेत शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी शामिल रहे.
विश्वविद्यालय ने कार्यक्रम को सकुशल संपन्न कराने के लिए पर्यवेक्षकों को भी नियुक्त किया था. इसमें प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अशोक कुमार श्रीवास्तव, प्रो.  अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. रवि प्रकाश, उप कुलसचिव बबिता सिंह, श्री अमृत लाल को जिम्मेदारी दी  गई थी. गाजीपुर पीजी कॉलेज के प्राचार्य प्रो.राघवेन्द्र कुमार पाण्डेय को गाजीपुर का समन्वयक बनाया गया था.

Monday, 3 March 2025

ड्रोन के इस्तेमाल के लिए कौशल जरूरी – प्रो. वंदना सिंह


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन
  
जौनपुर.  फोर इंस्टीट्यूट ऑफ ड्रोन टेक्नोलॉजी एंड रिसर्च , गुरुग्राम, हरियाणा द्वारा संस्थान-उद्योग इंटरफेस के तहत वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में ड्रोन जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह कार्यक्रम केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के सहयोग से संपन्न हुआ । 

उद्घाटन एवं अभिमुखीकरण सत्र में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि आज तकनीकी के इस युग में ड्रोन का उपयोग बढ़ता जा रहा है. इसके बेहतर इस्तेमाल के लिए नए  कौशल की आवश्यकता है. इसमें रोजगार के अवसर भी बढे है. 
प्रथम सत्र का प्रशिक्षण श्री विजय तांबे द्वारा प्रदान किया गया। उन्होंने ड्रोन टेक्नोलॉजी की बढ़ती मांग, इसके अनुप्रयोगों तथा उद्योग जगत में इसके बढ़ते प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में  विद्यार्थियों को ड्रोन संचालन, निर्माण, मेंटेनेंस, एविएशन नियमों तथा औद्योगिक उपयोग से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी । प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को थ्योरी के साथ-साथ प्रायोगिक सत्रों में भी भाग लेने का अवसर मिला । उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आज विभिन्न क्षेत्रों जैसे कृषि, रक्षा, आपदा प्रबंधन, सर्वेक्षण, लॉजिस्टिक्स, और सिनेमैटोग्राफी में तेजी से अपनी जगह बना रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से छात्रों को इन संभावनाओं से अवगत कराते हुए करियर के नए आयाम खोलने का प्रयास किया जा रहा है ।
कार्यक्रम की रूपरेखा एवं उद्देश्यों पर केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो.  अविनाश डी. पाथर्डिकर ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितेश जायसवाल ने किया.
कार्यक्रम में  प्रो. मानस पांडे, प्रो. अशोक श्रीवास्तव, प्रो. सौरभ पाल, डॉ आलोक दास , श्याम त्रिपाठी एवं मुख्य छात्र सदस्य आदित्य पांडेय, दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, शिवांश श्रीवास्तव, हरी ओम साहू, आर्यन पाण्डेय, आयुष गुप्ता समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

गुणवत्तापूर्ण शोध से समाज को होगा लाभः प्रो. वंदना सिंह



पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को कुलपति ने किया सम्मानित

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" (पर्स) अनुदान से सम्मानित किया जाना न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश के लिए गर्व की बात है। इस प्रतिष्ठित उपलब्धि से विश्वविद्यालय में शोध और नवाचार को एक नई दिशा मिलेगी, जिससे समाज को भी व्यापक लाभ होगा।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि को एक ऐतिहासिक कदम बताया और कहा कि यह सम्मान शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की पहचान को और सशक्त करेगा। इस परियोजना से जुड़े शोध न केवल अकादमिक क्षेत्र को समृद्ध करेंगे, बल्कि उद्योग और समाज के लिए भी उपयोगी साबित होंगे। इससे विद्यार्थियों को उच्चस्तरीय शोध के अवसर मिलेंगे, जिससे वे नवाचार और उद्यमिता की ओर अग्रसर हो सकेंगे। उन्होंने पर्स प्रोजेक्ट इंप्लीमेंटेशन ग्रुप के सदस्यों को सम्मानित किया, जिसमें डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. काजल डे, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. रामांशु सिंह, डॉ. मिथिलेश सिंह, डॉ. दिनेश वर्मा एवं प्रो. गिरिधर मिश्र शामिल रहे। उन्होंने पर्स टीम को यह भी निर्देश दिया कि वे प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कार्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करें और शोध में प्राप्त परिणामों को उच्च गुणवत्ता वाले जर्नल्स में प्रकाशित करें तथा पेटेंट फाइल करें।

 कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि हमें सरकार की हर परियोजनाओं पर पैनी नजर रखनी होगी। हमारे विश्वविद्यालय के अन्य विभाग के लोग भी अपने से संबंधित परियोजनाओं पर अनुदान ले आए ताकि विश्वविद्यालय के उच्च शिक्षा और शोध की गुणवत्ता में सुधार हो ।

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह ने कहा इस परियोजना के अंतर्गत उच्च श्रेणी के नैनो-मटेरियल्स विकसित किए जाएंगे, जिनका उपयोग सोलर सेल, बैटरी, थर्मोइलेक्ट्रिक डिवाइस एवं हाइड्रोजन एनर्जी डिवाइस बनाने में किया जाएगा। इसके साथ ही, एस.एस.आर. कार्यक्रम के माध्यम से अन्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शोधार्थियों को भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।कार्यक्रम का संचालन पर्स ग्रुप के सह-समन्वयक डॉ. काजल डे ने किया।

इस अवसर पर विश्वविद्यालय के आचार्यों ने विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रो. मानस पांडेय, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. वीडी शर्मा, प्रो. अविनाश पाथर्डिकर, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रमोद यादव, उपकुलसचिव अजीत सिंह सहित अन्य शिक्षक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

Saturday, 1 March 2025

यह सम्मान उत्तर प्रदेश के लिए है गर्व की बात – कुलपति प्रो. वंदना सिंह

नई दिल्ली में  आयोजित   राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह  में विश्वविद्यालय को मिला प्रतिष्ठित सम्मान


जौनपुर. नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह 2025 के अवसर पर वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति समेत  डीएसटी पर्स टीम को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने सम्मानित किया. कुलपति प्रो. वंदना सिंह को  मिले सम्मान को विश्वविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गिरिधर ने प्रतिनिधि के तौर पर प्राप्त किया.
विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शनिवार को आयोजित कार्यक्रम में नई दिल्ली में आयोजित सम्मान समारोह में प्राप्त अवार्ड को प्रो. गिरिधर मिश्र एवं पर्स टीम ने कुलपति प्रो. वंदना सिंह को सौंपा. विश्वविद्यालय से पर्स की टीम के  प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी एवं डॉ. काजल डे ने कार्यक्रम में  प्रतिभाग किया.

सम्मान समारोह में भारत  सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. ए. के. सूद,  राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के अध्यक्ष प्रो. आशुतोष शर्मा, सचिव–आयुष श्री वैद्य राजेश कोटेचा, सचिव–डी.बी.टी. डॉ. राजेश एस. गोखले, सीएसआईआर की महानिदेशक डॉ. एन. कालासेलवी, तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. अभय कारंडीकर सहित देशभर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति व आचार्य उपस्थित रहे.
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश से वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ही एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसे इस वर्ष यह प्रतिष्ठित अनुदान और सम्मान प्राप्त  हुआ है। भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने विश्वविद्यालय को "प्रमोशन ऑफ यूनिवर्सिटी रिसर्च एंड साइंटिफिक एक्सीलेंस" अनुदान प्रदान किया है.
इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने पर्स टीम सहित पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह अनुदान विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं शोध में उत्कृष्ट योगदान का प्रमाण है, जो न केवल संस्थान बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है. इस परियोजना के अंतर्गत सौर ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा, और उन्नत बैटरी प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में शोध को नई ऊर्जा मिलेगी.
इस अवसर पर योग गुरु जय सिंह ने शिक्षकों एवं अधिकारियों को मन केन्द्रित करने के लिए  ध्यान का अभ्यास कराया.
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. मनोज मिश्र,  प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. ए. के. श्रीवास्तव, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. राज बहादुर यादव,  डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. सुनील कुमार डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. शशिकांत, उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, अमृत लाल, बबिता सिंह समेत लोग  उपस्थित रहे.

Friday, 28 February 2025

वित्त के सॉफ्टवेयर का ज्ञान है जरूरी - प्रो. अजय द्विवेदी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में एमबीए वित्त के छात्रों के लिए हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ/इनक्यूबेशन सेंटर में एमबीए वित्त के छात्रों के लिए एक विशेष कक्षा का आयोजन किया गया। इस सत्र का उद्देश्य छात्रों को वित्त क्षेत्र की नौकरियों के लिए साक्षात्कार में पूछे जाने वाले सामान्य प्रश्नों की जानकारी देना था।

इस विशेष कक्षा के मुख्य वक्ता प्रबंधन संकाय के डीन एवं डीएसडब्ल्यू कार्यालय के निदेशक प्रो. अजय द्विवेदी ने छात्रों को साक्षात्कार की प्रक्रिया, संभावित प्रश्नों और उनके उत्तरों की रणनीति के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों में आमतौर पर बैलेंस शीट, कैश फ्लो स्टेटमेंट, बजटिंग, वित्तीय विश्लेषण और बाजार के वर्तमान रुझानों से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। साथ ही, उन्होंने छात्रों को इंटरव्यू में आत्मविश्वास बनाए रखने और प्रभावी उत्तर देने की तकनीक पर भी मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि आज कल वित्त के सॉफ्टवेयर का भी ज्ञान जरूरी है।

कार्यक्रम के अंत में केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ/इनक्यूबेशन सेंटर के निदेशक प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने इस तरह के कार्यक्रमों को भविष्य में भी जारी रखने की बात कही, जिससे छात्रों को करियर संबंधी चुनौतियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार किया जा सके।छात्रों को इस तरह की विशेष कक्षाओं का लाभ उठाने और अपने करियर को मजबूती देने के लिए प्रेरित किया। यह विशेष कक्षा केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ/इनक्यूबेशन सेंटर में आयोजित की गई, जहां छात्रों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और अपने संदेह दूर किए। कार्यक्रम के दौरान प्लेसमेंट सेल के कर्यालय प्रभारी श्याम त्रिपाठी एवं मुख्य छात्र सदस्य आदित्य पांडे, दिव्यांशु संजय, रुद्रांश चतुर्वेदी, श्रेया मिश्रा, शिवांश श्रीवास्तव, हरी ओम साहू, आर्यन पाण्डेय, आयुष गुप्ता समेत कई छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे

विकसित राष्ट्र के लिए युवाओं की सोच वैज्ञानिक होः प्रो. रामलखन सिंह

नवाचारों से भारत हो रहा है मजबूतः प्रो. वंदना सिंह

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के परिसर के आर्यभट्ट सभागार में विज्ञान संकाय के बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एवं एनवायर्नमेंटल साइंस विभाग  द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया | दूसरे दिन पोस्टर एवं मॉडल प्रस्तुतीकरण हुआ | विज्ञान दिवस 28 फरवरी जो सीवी रमन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है कि उपलक्ष्य में मनाया जाता है इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राम लखन सिंह पूर्व कुलपति नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू झारखंड पधारे उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एवं राष्ट्र के विकसित भारत के लिए युवाओं को वैज्ञानिक सोच नवाचार शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में  आगे बढ़-चढ़कर करने के लिए आह्वान किया |उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र का विकास तभी हो सकता है जब वहां के युवा की वैज्ञानिक सोच हो और अपने नित्य कर्मों में अध्ययन के साथ-साथ वह समाज के नव निर्माण में और एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अपने नवाचारों के माध्यम से कर सकता है और राष्ट्र का प्रत्येक क्षेत्र यथा कृषि, स्वास्थय, अवसंरचना, अन्तरिक्ष  में समावेशी विकास हो सके |

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर वंदना सिंह कुलपति ने कहा की हम अमृत कल के समय में जी रहे हैं और नित्य नए नवाचारों से हम अपने भारत को मजबूत कर रहे हैं | भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपने युवा पीढ़ी को सशक्त करना पड़ेगा | इस दिशा में भारत सरकार के स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, शोध और अनुसंधान में प्रोत्साहन दिया जा रहा है | उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार की तरफ से दिल्ली में पर्स योजना के तहत सम्मान किया जा रहा है और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसको यह 7.13 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला है |  इस प्रोजेक्ट से आने वाले कुछ ही समय में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा | संकाय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर राजेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।

दुसरे दिन होने वाले कार्यक्रम पोस्टर प्रस्तुतीकरण के निर्णायक में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. सौरभ पाल एवं डॉ राम नरेश यादव  रहे मॉडल एग्जीबिशन के निर्णायक मंडल में प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. प्रमोद कुमार |इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रथम दिन एवं द्वितीय दिवस के कार्यक्रम का सम्पूर्ण विवरण आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया और यह बताया गया कि

रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कोमल जायसवाल एवं  ग्रुप रहा,  द्वितीय स्थान पर तान्या प्रजापति समूह रहे, तृतीय स्थान पर शालिनी पांडेय समूह रहे । क्विज कंपटीशन में प्रथम स्थान पर  बिपिन कुमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग, द्वितीय स्थान पर अलीजा आज़मी एवं  साक्षी पांडेय,  तृतीय स्थान अनुराग सिंह और श्याम सुंदर ने प्राप्त किया ।साइंस फिक्शन स्टोरी राइटिंग में प्रथम स्थान पर शीतल सिंह  बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, द्वितीय  स्थान पर  विशाल यादव एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, तृतीय स्थान पर वैष्णवी अरोड़ा बीएससी बायोटेक्नोलॉजी रहे।पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सताक्षी श्रीवास्तव बीएससी आनर्स बायो टेक्नोलॉजी, द्वितीय स्थान पर अनुराग यादव बीएससी बायोटेक्नोलॉजी मोहम्मद हसन महाविद्यालय,  अनुज्ञा निषाद एवं नैना सिंह एमएससी बायोटेक्नोलॉजी तृतीय स्थान पर रहे . मॉडल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर  साक्षी पांडेय, नेहा नाज एवं सुंदर चौहान समूह, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय स्थान पर श्रेया सिंह एवं सृष्टि सिंह बीएससी हॉनर्स  बायोटेक्नोलॉजी तथा आस्था श्रीवास्तव, नितिन चौहान, विशाल यादव, प्रीति विश्वकर्मा दिव्यांश, हेरा पलक तृतीय स्थान पर रहे इस कार्यक्रम में कुल 539 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और परिसर के विभागों बायोटेक्नोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एनवायर्नमेंटल साइंस, रज्जू भईया संस्थान, इंजीनियरिंग संस्थान, फार्मेसी संस्थान विधि संस्थान के अलावा शिया कॉलेज और मो. हसन महाविद्यालय के छात्रों ने भी भाग लिया|

 इस कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की छात्रा स्नेहा कुमारी और छात्र शुभम सिंह चौहान ने किया | विशिष्ट अतिथि का जीवन परिचय बायोटेक्नोलॉजी विभाग की शोध छात्र आतिफा हफीज ने पढ़ा | धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता दिया |इस अवसर पर प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. एस पी तिवारी, डॉ नीरज अवस्थी , डॉ इन्द्रेश गंगवार, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुजीत चौरसिया, डॉ पुनीत धवन, डॉ विवेक पांडे, डॉ संजीव कुमार मौर्य, डॉ दिनेश कुमार, डॉ. सिपाही लाल, डॉ विवेक सिंह, डॉक्टर श्वेता सोनम, डॉ. मारुति प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ विजय शंकर पांडे, मिस ईशानी भारती, डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ दीपक कुमार, डॉ अभय कुमार आदि थे

Thursday, 27 February 2025

 विकसित राष्ट्र के लिए युवाओं की सोच वैज्ञानिक होः प्रो. रामलखन सिंह

नवाचारों से भारत हो रहा है मजबूतः प्रो. वंदना सिंह

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन


 वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के परिसर के आर्यभट्ट सभागार में विज्ञान संकाय के बायोटेक्नोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एवं एनवायर्नमेंटल साइंस विभाग  द्वारा आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के दो दिवसीय कार्यक्रम का समापन हो गया | दूसरे दिन पोस्टर एवं मॉडल प्रस्तुतीकरण हुआ | विज्ञान दिवस 28 फरवरी जो सीवी रमन इफेक्ट के नाम से जाना जाता है कि उपलक्ष्य में मनाया जाता है इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर राम लखन सिंह पूर्व कुलपति नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू झारखंड पधारे उन्होंने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए एवं राष्ट्र के विकसित भारत के लिए युवाओं को वैज्ञानिक सोच नवाचार शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में  आगे बढ़-चढ़कर करने के लिए आह्वान किया |उन्होंने कहा कि कोई राष्ट्र का विकास तभी हो सकता है जब वहां के युवा की वैज्ञानिक सोच हो और अपने नित्य कर्मों में अध्ययन के साथ-साथ वह समाज के नव निर्माण में और एक विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अपने नवाचारों के माध्यम से कर सकता है और राष्ट्र का प्रत्येक क्षेत्र यथा कृषि, स्वास्थय, अवसंरचना, अन्तरिक्ष  में समावेशी विकास हो सके |

कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रोफेसर वंदना सिंह कुलपति ने कहा की हम अमृत कल के समय में जी रहे हैं और नित्य नए नवाचारों से हम अपने भारत को मजबूत कर रहे हैं | भारत तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में से एक है और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हमें अपने युवा पीढ़ी को सशक्त करना पड़ेगा | इस दिशा में भारत सरकार के स्टार्टअप, इनक्यूबेटर, शोध और अनुसंधान में प्रोत्साहन दिया जा रहा है | उन्होंने वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को भारत सरकार की तरफ से दिल्ली में पर्स योजना के तहत सम्मान किया जा रहा है और वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय प्रदेश का एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जिसको यह 7.13 करोड़ का प्रोजेक्ट मिला है |  इस प्रोजेक्ट से आने वाले कुछ ही समय में विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के लिए मील का पत्थर साबित होगा |

विज्ञान का संकाय के संकाय अध्यक्ष एवं कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर राजेश शर्मा ने अतिथियों का स्वागत किया।

दुसरे दिन होने वाले कार्यक्रम पोस्टर प्रस्तुतीकरण के निर्णायक में प्रो. संतोष कुमार, प्रो. सौरभ पाल एवं डॉ राम नरेश यादव  रहे मॉडल एग्जीबिशन के निर्णायक मंडल में प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. राजकुमार, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. प्रमोद कुमार |इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रथम दिन एवं द्वितीय दिवस के कार्यक्रम का सम्पूर्ण विवरण आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता बायोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा प्रस्तुत किया गया और यह बताया गया कि

रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर कोमल जायसवाल एवं  ग्रुप रहा,  द्वितीय स्थान पर तान्या प्रजापति समूह रहे, तृतीय स्थान पर शालिनी पांडेय समूह रहे । क्विज कंपटीशन में प्रथम स्थान पर  बिपिन कुमार मैकेनिकल इंजीनियरिंग, द्वितीय स्थान पर अलीजा आज़मी एवं  साक्षी पांडेय,  तृतीय स्थान अनुराग सिंह और श्याम सुंदर ने प्राप्त किया । साइंस फिक्शन स्टोरी राइटिंग में प्रथम स्थान पर शीतल सिंह  बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, द्वितीय  स्थान पर  विशाल यादव एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, तृतीय स्थान पर वैष्णवी अरोड़ा बीएससी बायोटेक्नोलॉजी रहे।पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर सताक्षी श्रीवास्तव बीएससी आनर्स बायो टेक्नोलॉजी, द्वितीय स्थान पर अनुराग यादव बीएससी बायोटेक्नोलॉजी मोहम्मद हसन महाविद्यालय,  अनुज्ञा निषाद एवं नैना सिंह एमएससी बायोटेक्नोलॉजी तृतीय स्थान पर रहे । मॉडल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पर  साक्षी पांडेय, नेहा नाज एवं सुंदर चौहान समूह, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, द्वितीय स्थान पर श्रेया सिंह एवं सृष्टि सिंह बीएससी हॉनर्स  बायोटेक्नोलॉजी तथा आस्था श्रीवास्तव, नितिन चौहान, विशाल यादव, प्रीति विश्वकर्मा दिव्यांश, हेरा पलक तृतीय स्थान पर रहे. इस कार्यक्रम में कुल 539 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और परिसर के विभागों बायोटेक्नोलॉजी, बायो केमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी एनवायर्नमेंटल साइंस, रज्जू भईया संस्थान, इंजीनियरिंग संस्थान, फार्मेसी संस्थान विधि संस्थान के अलावा शिया कॉलेज और मो. हसन महाविद्यालय के छात्रों ने भी भाग लिया| कार्यक्रम का संचालन विश्वविद्यालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग की छात्रा स्नेहा कुमारी और छात्र शुभम सिंह चौहान ने किया | विशिष्ट अतिथि का जीवन परिचय बायोटेक्नोलॉजी विभाग की शोध छात्र आतिफा हफीज ने पढ़ा | धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव डॉ मनीष कुमार गुप्ता दिया |इस अवसर पर प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. एस पी तिवारी, डॉ नीरज अवस्थी , डॉ इन्द्रेश गंगवार, डॉ जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ सुजीत चौरसिया, डॉ पुनीत धवन, डॉ विवेक पांडे, डॉ संजीव कुमार मौर्य, डॉ दिनेश कुमार, डॉ. सिपाही लाल, डॉ विवेक सिंह, डॉक्टर श्वेता सोनम, डॉ. मारुति प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ विजय शंकर पांडे, मिस ईशानी भारती, डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ दीपक कुमार, डॉ अभय कुमार आदि थे

 विज्ञान दिवस की पूर्व संध्या पर रंगोली ने सबका मन मोहा


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय में दो दिवसीय विज्ञान दिवस उत्सव के अंतर्गत पहले दिन 27 फरवरी को विज्ञान में प्रौद्योगिकी पर आधारित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन संपन्न हुआ | इस कार्यक्रम में साइंस फिक्शन स्टोरी राइटिंग, रंगोली, साइंस क्विज़ प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया |

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रोफेसर डी डी दूबे पूर्व कुलपति वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय ने विज्ञान संकाय के सभागार में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि विश्व निर्माण के लिए हर छात्र के अंदर समर्पण की भावना होनी चाहिए विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में ज्यादा स्वायतता मिलनी चाहिए | छात्रों को विषय और प्रयोगों के प्रति संवेदनशील और गंभीर होना चाहिए | विद्यर्थियों को विचारक की तरह सोचना चाहिए तथा वह अच्छे व्यक्ति बने और प्रयोगशालाओं में होने वाले प्रायोगिक पहलुओं को सिद्धांत से समन्वय स्थापित करना चाहिए | कार्यक्रम के दूसरे विशिष्ट अतिथि वीर बहादुर सिंह पूर्वाञ्चल विश्वविद्यालय के लोकपाल, प्रोफेसर रमेश मणि त्रिपाठी ने विद्यार्थियों के लिए प्रयोगशालाओं की उपयोगिता एवं विकसित भारत के लिए वर्तामान युवा पीढ़ी जो अगले 20 वर्षो में विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञान के अनुप्रयोग से कैसे इसका प्रयोग नवाचार में कर सकते हैं उस पर विशेष प्रकाश डाला | उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विश्वविद्यालय को शिक्षा के क्षेत्र में नए प्रयोगों और पाठ्यक्रमों के लिए अधिक स्वायतता मिलनी चाहिए |  छात्रों को परिसर के साथ-साथ विभिन्न राष्ट्रीय स्तर  के शैक्षणिक संस्थानों में औद्योगिक प्रशिक्षण के रूप में अपने कौशल को बेहतर बनानें के लिए जरूर जाना चाहीये | जिससे उनका लाभ आने वाले समय में भारत को विकसित बनाने में अपना योगदान दे सके |

कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में आयोजन सचिव डॉ. मनीष कुमार गुप्ता ने बताया और संयोजक, प्रो. राजेश शर्मा संकाय अध्यक्ष ने किया कार्यक्रम की महत्ता और अतिथियों का स्वागत किया | कार्यक्रम का संचालन डॉ एस पी तिवारी ने किया धन्यवाद ज्ञापन बायोटेक्नोलॉजी की शोधछात्रा मंजूषा सिंह ने दिया |

रंगोली प्रतियोगिता में कुल 88 प्रतिभागियों ने भाग लिया और विभिन्न प्रकार के विज्ञान, अंतरिक्ष, महाकुंभ, चंद्रयान, गगनयान, आईपीआर से संबंधित विभिन्न विषयों पर रंगोली बनाए गए जिसका कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डीडी दुबे एवं प्रोफेसर रमेश मणि त्रिपाठी  द्वारा अवलोकन किया और विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया| निर्णायक मंडल में डॉ श्याम कन्हैया, डॉ सुजीत कुमार चौरसिया एवं डॉक्टर आलोक दास रहे |

साइंस फिक्शन स्टोरी में विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालय मोहम्मद हसन एवं शिया कॉलेज, परिसर के रज्जू भैया संस्थान, विधि संस्थान फार्मेसी, इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान, के कुल 88 विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया इस प्रतियोगिता का आयोजन डॉ विवेक कुमार पांडे को डॉ दिनेश कुमार ने किया तथा उक्त कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ मनीष प्रताप सिंह, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ शशिकांत यादव अपने सहभागिता देते हुए बच्चों का उत्साह सहायक कक्ष डॉ विवेक कुमार पांडे को डॉ दिनेश कुमार ने किया उक्त कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में डॉ नितिन सिंह डॉ मनीष प्रताप सिंह डॉक्टर शशिकांत यादव अपने सहभागिता देते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया ।

साइंस क्विज कंपटीशन में कुल 162 प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया और इस कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में प्रो. गिरधर मिश्र, डॉ नितेश जायसवाल एवं डॉ धर्मेंद्र कुमार रहे तथा विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया।

इस अवसर पर विज्ञान संकाय के आयोजन समिति के शिक्षक डॉ विवेक पांडे, डॉ दिनेश कुमार, डॉ. सिपाही लाल, डॉ संजीत कुमार मौर्य, डॉ विवेक सिंह, डॉक्टर श्वेता सोनम, डॉ. मारुति प्रसाद, डॉ राजेश कुमार, डॉ विजय शंकर पांडे, मिस ईशानी भारती, डॉ प्रतिमा श्रीवास्तव, डॉ दीपक कुमार, डॉ अभिषेक श्रीवास्तव मोहम्मद, डॉ अभय कुमार श्रीवास्तव उपस्थित रहे. 


Tuesday, 25 February 2025

सोशल मीडिया रोजगार दिलाने में है सहायक- डॉ. दिग्विजय

केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल द्वारा आयोजित हुआ विशेष व्याख्यान

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट सेल में मंगलवार को विद्यार्थियों के  लिए रोजगार और सोशल मीडिया  पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. जनसंचार विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने  विद्यार्थियों से  सोशल मीडिया के प्रयोग एवं रोजगार के लिए उसके उपयोग पर विस्तार से चर्चा की.
विशेष व्याख्यान में डॉ.  दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि आज कल बहुत से नियोक्ता बेहतर लोगों की तलाश में सोशल मीडिया के मंचों का सहारा  ले रहे है. इसलिए सोशल मीडिया  पर अपनी मजबूत  प्रोफाइल बनाये.  उन्होंने कहा कि  सोशल मीडिया के माध्यम से रोजगार की तलाश करने वालों को संपर्क बनाने में काफी  मदद मिलती है. इसके साथ ही बहुत सारी ऐसी प्रोफेशनल बातें सीखने को और जानने को मिलती है जो अन्य मंचों पर उपलब्ध नहीं होती.
उन्होंने कहा कि जिस क्षेत्र में आपको रोजगार की तलाश करना है उससे जुड़े समूहों, कंपनियों से ऑनलाइन जुड़ाव करे. इसके साथ ही ऑनलाइन होने वाली गंभीर चर्चा में भी अपनी बात रखे. उन्होंने  कहा कि अत्यधिक सोशल मीडिया के प्रयोग से आजकल गोपनीयता का भी संकट आ गया है. अनावश्यक सामग्रियों को सोशल मीडिया मंचों पर पोस्ट करने से बचना चाहिए. विशेष व्याख्यान में विद्यार्थियों को उन्होंने ऑनलाइन पोस्ट लेखन की तकनीकी से भी परिचित कराया.
उन्होंने बताया की आजकल कॉर्पोरेट सेक्टर उमीदवारों की नियुक्ति  के पहले उनके सोशल मीडिया की प्रोफाइल की अच्छे से पड़ताल करते है. कई बार पहले से किये गए सोशल मीडिया के पोस्ट से नौकरी नहीं मिल पाती. इस अवसर पर विभिन्न संकायों के विद्यार्थी उपस्थित रहे.

"वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" कार्यशाला सम्पन्न

वेबसाइट के होम पेज पर 6500 से ज्यादा संस्थान सदस्य बने

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय में "वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन" योजना पर कार्यशाला मंगलवार को आयोजित हुई। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की शैक्षिक उन्नयन मुहिम के तहत मानद पुस्तकालय अध्यक्ष प्रो.  राजकुमार ने योजना की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए यह सुअवसर है जिसका लाभ हर शिक्षक और विद्यार्थी को मिले। इसकी कार्ययोजना प्रगति पर है जिसे शीघ्र ही अमलीजामा पहनाया जाएगा। तकनीकी और संचार के युग में हमें एक ही प्लेटफार्म पर हर विषय के जर्नल और शोध सामग्री एक क्लिक पर उपलब्ध होगी।

तकनीकी सत्र में डॉ. विद्युत मल ने बताया कि 6500 से अधिक संस्थान इसके सदस्य हैं, जिससे 1.38 करोड़ शोध सामग्री निःशुल्क उपलब्ध है। यह सुविधा विवि के हॉस्टल, पुस्तकालय व संकाय भवनों में आई.पी. आधारित एक्सेस से मिलेगी।
एचआरडी विभागाध्यक्ष डॉ. रसिकेश ने इसे शैक्षणिक क्रांति बताया। साथ ही कहा कि इंटरनेट की उपलब्धता होने पर इस योजना को गति मिलेगी। व्यवसाय प्रबंधन के डॉ. प्रमेन्द्र विक्रम सिंह ने इसे विवि की प्रगति में सहायक कहा। प्राध्यापक उद्देश्य सिंह ने अपनी जिज्ञासाएं रखीं। तकनीकी सहायक प्रशांत यादव ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में विभिन्न प्राध्यापक व छात्र उपस्थित रहे.

Thursday, 20 February 2025

पीयू में आरटीआई व जनहित गारंटी अधिनियम पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 एवं जनहित गारंटी अधिनियम 2011 पर एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन गुरुवार को हुआ।  कार्यशाला का आयोजन अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय की ओर से किया गया। 

इसमें आरटीआई ऑनलाइन उत्तर प्रदेश के टीम हेड डॉ. राहुल सिंह ने बतौर विशिष्ट अतिथि ने आरटीआई अधिनियम 2005 एवं जनहित गारंटी अधिनियम 2011 की बारीकियों से अवगत कराया।
उन्होंने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम नागरिकों को सरकारी विभागों से जानकारी प्राप्त करने का अधिकार देता है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के तहत नागरिकों को सरकारी सेवाओं की समयबद्ध उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।
उन्होंने प्रतिभागियों को इन कानूनों का सही ढंग से उपयोग करने के तरीके बताए और कहा कि आरटीआई कैसे भ्रष्टाचार को रोकने में सहायक हो सकता है। उन्होंने कहा कि सूचना का मुख्य मकसद पारदर्शिता था। सूचना ऑब्जेक्ट के रूप में है, सूचना वही मिलेगी जो भौतिक रूप में हो या उनके ऑफिस के रिकॉर्ड में हो। 250 देश में सूचना के अधिकार को लागू किया गया है।
कार्यशाला में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि इसका उपयोग सकारात्मक होना चाहिए। इसके दुरुपयोग से संबंधित व्यक्ति और दफ्तरों की परेशानियां बढ़ती है। उन्होंने कहा कि आज आरटीआई की वजह से हर अधिकारी  पारदर्शिता से काम कर रहा हैं।  छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी ने अध्यक्षीय उद्बबोधन में कहा कि आज आरटीआई की वजह से दफ्तरों की कार्यशैली में पारदर्शिता आई है। सूचनाओं को प्राप्त करने का यह अचूक हथियार है। 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय कुलसचिव महेंद्र कुमार, प्रो.अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. राजकुमार, प्रो. प्रमोद कुमार यादव. डॉ.रसिकेश, डॉ नृपेन्द्र सिंह, डॉ. अनुराग मिश्र, डॉ आलोक गुप्ता ,डॉ प्र्मेंद्र विक्रम सिंह,  डॉ .आलोक दास, डॉ प्रियंका सिंह आदि मौजूद थीं।

Tuesday, 18 February 2025

विश्वविद्यालय में वीर बहादुर सिंह को किया गया नमन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह की जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति पर पुष्प अर्पित कर शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने नमन किया।

परीक्षा नियंत्रक डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि वीर बहादुर सिंह ने  सदैव लोकहित में कार्य किया। जौनपुर जनपद में स्थापित विश्वविद्यालय की स्थापना में उनके अद्वितीय योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

व्यावहारिक मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष एवं कार्यवाहक वित्त अधिकारी प्रोफेसर अजय प्रताप सिंह ने कहा कि स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह जी के जीवन में समय का बड़ा महत्व था उन्होंने अपने जीवन में समय को बहुत ही महत्वपूर्ण माना। वह समय से अपने कार्यालय पहुंचते थे।

अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रोफेसर मनोज मिश्र ने कहा कि स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह जी ने पूर्वांचल के विद्यार्थियों में ज्ञान-विज्ञान एवं कौशल की वृद्धि के लिए इस विश्वविद्यालय की स्थापना की। जो आज  अड़तीस वर्षों में  शिक्षण-प्रशिक्षण, विज्ञान, साहित्य, कला और अन्य विधाओं में उच्चस्तरीय शोध केंद्र की भूमिका निभा रहा है तथा यहां से ज्ञान प्राप्त कर  विद्यार्थी वैश्विक स्तर पर विभिन्न क्षेत्रों में अपना योगदान प्रमुखता से दे रहे हैं।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने कहा कि स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह जी की प्रतिमा विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर स्थापित है जो सदैव विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा स्रोत का कार्य करती है।

इस अवसर पर  प्रो.संदीप सिंह,प्रो. देवराज, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. नूपुर तिवारी, प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. गिरधर मिश्र, उप कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, डॉ. मनीष गुप्त,डॉ श्याम कन्हैया सिंह, डॉ.प्रमेंद्र विक्रम सिंह,डॉ. पुनीत धवन, डॉ. धीरेंद्र चौधरी,कर्मचारी संघ के महामंत्री रमेश यादव,राज नारायण सिंह,संतोष उपाध्याय, सुशील प्रजापति,जितेंद्र पाण्डे,शील निधि सिंह, समेत  लोग उपस्थित रहे।

Thursday, 13 February 2025

सबको जोड़कर चलेंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे - कलराज मिश्र

नव भारत के निर्माण में पं. दीनदयाल उपाध्याय जी के विचार विषयक संगोष्ठी का आयोजन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नवभारत के निर्माण में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचार विषयक संगोष्ठी का आयोजन गुरुवार को रज्जू भईया संस्थान  के आर्यभट्ट सभागार में किया गया,

संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि राजस्थान के पूर्व राज्यपाल श्री कलराज  मिश्र जी  ने कहा कि सबको जोड़कर चलेंगे तभी श्रेष्ठ बनेंगे. इसी विचारधारा से आज हमारा देश निरंतर आगे बढ़ रहा है. पंडित जी के एकात्म मानववाद और अंत्योदय में यह धारणा समाहित रहीं.

पंडित दीन दयाल जी अध्ययन के दौरान ही अपनी कक्षा के कमजोर विद्यार्थियों को पढ़ाते थे. कमजोरों के प्रति उनकी संवेदनशीलता बचपन से ही  रही. उन्होंने कहा कि पारिवारिक स्थिति ठीक ना होने के बाद भी देश के प्रति समर्पण का भाव रहा और नौकरी न करने का निर्णय लेकर उन्होंने अपना पूरा जीवन समाज को समर्पित कर दिया.  प्रारंभ से ही सामूहिकता की भावना के साथ विपन्न लोगों में आत्मविश्वास पैदा करने का निरंतर कार्य किया.

उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति आधुनिक विज्ञान के साथ प्राचीन ज्ञान को जोड़कर नए भारत के निर्माण में बड़ी भूमिका अदा  कर रही है.  आधुनिक और प्राचीन ज्ञान के समन्वय के साथ अगर काम किया जाए तो हम दुनिया में सबसे आगे रहेंगे और यही पंडित जी का विचार रहा है.उन्होंने कहा कि आज देश का मेधा स्टार्टअप के माध्यम से देश की तस्वीर को बदल रहा है पहले नौकरियां और अवसर न उपलब्ध होने के कारण लोग विदेश की तरफ रुख  करते थे लेकिन अब विदेशों से आकर भारत में नए स्टार्टअप के माध्यम से देश की नई तस्वीर प्रस्तुत कर रहे हैं. उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों को आत्मसात करने और उनके सिद्धांतों के माध्यम से नवभारत के निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया.

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के जीवन संघर्ष से आज के युवा प्रेरणा ले और भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी भूमिका अदा करें. उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत की मुहिम पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के विचारों को धरातल पर उतार रही है.

संगोष्ठी के बीज वक्ता दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण मिश्रा ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी ने देश की आर्थिक नीति कर व्यवस्था किसने की खेती की स्थिति कैसी हो सामाजिक संरचना कैसी हो नीचे के लोगों को ऊपर कैसे लाया जाए इन सब पर दूरदृष्टि के साथ कार्य किया. अपने संबोधन में श्री मिश्र ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का चिंतन केवल राजनीतिक नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति, समाज और अर्थव्यवस्था के उत्थान का मार्गदर्शक है.

संगोष्ठी के संयोजक एवं शोध पीठ अध्यक्ष प्रो. मानस पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि  कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का चिंतन भारतीय संस्कृति समाज और राजनीति को नई दिशा देने वाला है. दीनदयाल उपाध्याय सेवा प्रतिष्ठान के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशि मिश्र मंचासीन रहे.  कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ. अनुराग मिश्र ने किया.

इस अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. विजय सिंह, डॉ. शैलेन्द्र सिंह,डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. नितेश जायसवाल, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,  डॉ. पुनीत सिंह, डॉ. राहुल राय, डॉ अंकित सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. राजन तिवारी, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष  नन्द किशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव, डॉ. प्रमोद कुमार कौशिक, विश्वविद्यालय के शोधार्थी एवं छात्र-छात्राओं की गरिमामयी उपस्थिति रही. 



Tuesday, 11 February 2025

समाज को नई दिशा देने वाले विचारक थे पं. दीनदयाल उपाध्याय- कुलपति

पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर कुलपति समेत शिक्षकों और छात्रों ने किया नमन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मंगलवार को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह समेत विश्वविद्यालय के अधिकारियों, शिक्षकों और कर्मचारियों ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। सभी ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के विचारों और उनके एकात्म मानववाद के सिद्धांत को याद किया।

कार्यक्रम में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा  "पंडित दीनदयाल उपाध्याय भारतीय राजनीति और समाज को एक नई दिशा देने वाले महान विचारक थे। उन्होंने अंत्योदय के माध्यम से समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचाने का संकल्प लिया था। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और हमें उनसे प्रेरणा लेकर राष्ट्र के उत्थान में योगदान देना चाहिए।"

शोधपीठ के संयोजक एवं अध्यक्ष प्रो. मानस पाण्डेय ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय जी का एकात्म मानववाद केवल एक विचार नहीं, बल्कि संपूर्ण समाज के सर्वांगीण विकास का व्यापक दर्शन है। उनके विचार हमें समाज में समरसता एवं राष्ट्रवाद को सशक्त करने की प्रेरणा देते हैं।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा, "आज के दौर में हमें दीनदयाल जी के सिद्धांतों को अपनाकर देश के समग्र विकास की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उनका दर्शन न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है।"

परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा, "दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन हमें आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कार्य करने की प्रेरणा देता है। हमें शिक्षा और शोध के क्षेत्र में उनके विचारों को आत्मसात कर आगे बढ़ना चाहिए।" कार्यक्रम का संचालन डॉ. अनुराग मिश्र ने किया।

इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. देवराज सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. राजन तिवारी समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे ।

Monday, 10 February 2025

 प्राथमिकता पर करे है स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण - डीएम

शासन की योजना स्मार्टफोन वितरण को लेकर जिलाधिकारी गंभीर  

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में सोमवार को  विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों के प्राचार्य एवं प्रबंधकों की  स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण के सम्बन्ध में  जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र द्वारा एक आवश्यक बैठक ली गई।  उन्होंने बैठक  में शासन की महत्वाकांक्षी  योजना स्मार्टफोन एवं टैबलेट वितरण  की समीक्षा की।
जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने कई कॉलेजों द्वारा स्मार्टफोन और टैबलेट वितरण में की जा रही शिथिलता को लेकर कहा कि यदि तीन दिनों के अंदर वितरण का डेटा वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया गया तो नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने कहा कि स्मार्टफोन तथा टैबलेट को विद्यार्थियों में समय पर वितरित न करना अपराध की श्रेणी में आएगा जिसके लिए दंड के प्रावधान सुनिश्चित किए जाएंगे। उन्होंने समस्त कालेजों  से आए हुए प्राचार्य एवं प्रबंधकों  से इस संबंध में  सीधा संवाद किया और एक-एक कर प्रगति की समीक्षा की साथ ही  महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी विद्यार्थियों को डिजिटल सशक्त बनाने हेतु  स्मार्टफोन और टैबलेट को उन तक पहुंचाने का जिम्मा आप को सौंपा है जिसे प्राथमिकता पर करे है। तीन दिनों के भीतर नियमानुसार  त्वरित कार्यवाही करें इसमे एक भी स्मार्टफोन से जुड़ा प्रकरण लंबित न रहे।  जौनपुर के सीआरओ अजय कुमार अम्बष्ट ने क्रमवार महाविद्यालयों की  सूची प्रस्तुत की जिनके यहां अभी तक स्मार्ट फोन और टैबलेट वितरित नही हुए हैं। विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार ने सभी प्राचार्य गण से इस बिंदु पर त्वरित कार्यवाही की अपेक्षा की। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने महाविद्यालय से आए हुए समस्त प्रतिनिधिगण से कहा कि आगामी 3 दिवस में सभी पात्र विद्यार्थियों को नियमानुसार स्मार्टफोन और टैबलेट  वितरित कर वेबसाइट पर अपलोड कर दें। कार्यक्रम में स्वागत एवं संचालन जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रो.मनोज मिश्र ने किया। इस अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी गोरखनाथ पटेल,उप कुलसचिव अजीत सिंह, संजय सिंह,रजनीश सिंह,राजेश सिंह सहित संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्य एवं प्रबंधक उपस्थित रहे।

Saturday, 8 February 2025

धान एवं गेहूं की कटाई में आंखों की सुरक्षा जरूरी- प्रो. अनूप के घोष

दो दिवसीय व्याख्यान माला का हुआ समापन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में दो दिवसीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत पीजीआई चंडीगढ़ के माइक्रोबायोलॉजी  डिवीजन के प्रोफेसर अनूप के० घोष का व्याख्यान आयोजित हुआ l उन्होंने पहले दिन फंगल किरैटाइ‌टिस एवं दूसरे दिन शनिवार को सूक्ष्मजीव विज्ञान एवं इसमें सम्भावनाओं के विषय पर व्याख्यान दिया l 

प्रो.घोष के कहा कि फसलों की कटाई के समय किसानों की लापरवाही के कारण धान के छिलकों के आंखों में लगने के कारण कार्निया की ऊपरी परत डैमेज हो जाती है। जिससे फंगल किरैटाइ‌टिस रोग को फैलाने वाले फंगस आँखों को संक्रमित कर देते हैं। सही समय  पर इलाज न कराने पर रोगी के आंखों की रोशनी चली जाती है। 
इसके अलावा उन्होंने कोविड के दौरान होने वाले ब्लैक फंगस का मुख्य  कारण भी विस्तार में समझाया। प्रो. घोष के अनुसार अत्यधिक मात्रा में लिये जाने वाले स्टेरॉयड और कोविड के संक्रमण में एबढ़े हुए डाइबिटीज को ब्लैक फंगस का मुख्य कारण बताया। 
दूसरे दिन के व्याख्यान में उन्होंने पृथ्वी पर विकास के दौरान होने वाली घटनाओं को बड़े रोचक तरीके से बताया। उन्होंने कहा कि सूक्ष्मजीव मानव जीवन के लिए लाभदायक होते के साथ ही साथ हानिकारक भी हैं जो विभिन्न प्रकार के रोगों को मनुष्यों में फैलाने के लिए जिम्मेदार हैं। 
 इस अवसर पर  डॉ मनीष गुप्ता, श्रीवास्तव, डॉ ईषानी भारती, डॉ० प्रतिमा श्रीवास्तव,  डॉ. सिपाही बाल पटेल, डॉ श्वेता सोनम, डॉ. दिनेश कन्नौजिया. डॉ मारुति प्रसाद उपस्थित रहे l कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कैम्पस के विज्ञान संकाय के साथ साथ मोहम्मद हसन पी जी कॉलेज के विद्यार्थियों ने भी प्रतिभाग किया l कार्यक्रम का संचालन डॉ० एस. पी. तिवारी ने  तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ० ऋषि श्रीवास्तव द्वारा किया गया।

जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास जरूरी-एस पी सिटी


आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं को मिला प्रमाण पत्र 

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  के आर्यभट्ट सभागार में शनिवार को मिशन शक्ति फेज 5 के अंतर्गत आयोजित मिशन वीरांगना विषयक दस दिवसीय कार्यशाला में आत्मरक्षा हेतु मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो का प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रमाण पत्र देकर  उत्साहवर्धन किया.

मुख्य अतिथि एसपी सिटी अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि आत्मरक्षा के प्रशिक्षण से छात्राओं के भीतर संबल और आत्मविश्वास है। जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास बहुत जरूरी है। छात्राओं को किसी भी समस्या का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए। जीवन की विपरीत परिस्थितियों में  समस्याओं को परास्त करें और साथ ही साथ अपने परिवार और पुलिस की सहायता अवश्य लें।

विशिष्ट अतिथि वॉरियर एजुकेशन स्पोर्ट काउंसिल की 
अध्यक्ष शिवानी मिश्रा ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से सरकार का लक्ष्य नारी शक्ति को सशक्त बनाना है ।

अध्यक्षीय संबोधन में  अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर अजय द्विवेदी ने कहा कि बिना आधी आबादी को सशक्त किए विकसित भारत का स्वप्न पूर्ण नहीं किया जा सकता।महिलाओं को सामाजिक,आर्थिक ,स्वास्थ्य में सशक्त बनाना होगा जिसके माध्यम से विकसित भारत का लक्ष्य पूर्ण होगा।

कार्यशाला के प्रशिक्षक  राष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाडी प्रवीण मिश्रा ने  मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो की कला का प्रदर्शन किया. इसी के साथ ही कार्यशाला में प्रशिक्षण प्राप्त की हुई छात्राओं ने भी मार्शल आर्ट और ताइक्वांडो की कला को प्रदर्शित किया।
गौरतलब है कि  महिला अध्ययन केंद्र द्वारा विश्वविद्यालय के द्रौपदी छात्रावास में 17 से 26 जनवरी तक आत्मरक्षा के लिए कार्यशाला आयोजित की गई थी.
महिला अध्ययन केंद्र की प्रभारी डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने कार्यशाला के परिणामों पर प्रकाश डाला और अतिथियों का स्वागत किया. संचालन प्रबंध अध्ययन संकाय के शिक्षक उद्देश्य सिंह ने किया व धन्यवाद भाषण डॉ सोनम झा ने किया।
इस अवसर पर डॉ. वनीता सिंह, डॉ. प्रियंका सिंह, डॉ. पूजा सक्सेना, डॉ झांसी मिश्रा, डॉ. जया शुक्ला, डॉ. निमिषा यादव, रिचा सिंह,  समरीन तबस्सुम, जया शुक्ला, डॉ  आलोक दास समेत अन्य उपस्थित रहे.

Friday, 7 February 2025

अच्छी नौकरी के लिए करे परिश्रम - विवेक कुमार


मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना  के क्रियान्वयन हेतु जागरूकता कार्यक्रम  का हुआ आयोजन 

जौनपुर.वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना उच्च शिक्षा के क्रियान्वयन हेतु जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. 
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारत सरकार, शिक्षा मंत्रालय के निदेशक केंद्रीय शिक्षुता सलाहकार विवेक कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रशिक्षण योजना विद्यार्थियों को कुशल बनाने के लिए भारत सरकार के प्रमुख कार्यक्रमों में से एक है। उत्तर प्रदेश सरकार भी इसके सफलता के लिए प्रयासरत है. उन्होंने  राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना भारत सरकार एवं मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा), उत्तर प्रदेश सरकार के उद्देश्यों पर चर्चा की.  इसके साथ ही अपरेंटिसशिप  अधिनियम के विविध आयामों पर प्रकाश डाला.उन्होंने कहा कि सभी लोग नौकरी चाहते है पर नौकरी के लिए जो तैयारी है वह नहीं करते. जब तक परिश्रम से किसी कार्य को नहीं सीखते तब तक आपको  एक अच्छी नौकरी नहीं  मिल सकती. सरकार का यह प्रयास है कि पढाई के साथ कैसे आपको रोजगार मिले.  उन्होंने शिक्षुता के लिए आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया समझाई. 
कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि अपने व्यवहार से आप शिक्षा जगत में आगे बढ़ सकते है, सरकार द्वारा चलाए गए योजनाओं  से हमें जुड़ना चाहिए. हमारे विद्यार्थी इस योजना से जुड़ेंगे तो निश्चित रूप से उन्हें लैब मिलेगा.परीक्षा नियंत्रण  डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि सबसे पहले हमें  वर्तमान समय के साथ चलना चाहिए, भूत से आप सीखिए और भविष्य के लिए सोचे, उन्होंने कहा कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना नहीं करना पड़ेगा.वित्त अधिकारी प्रो अजय प्रताप सिंह ने कहा विश्व के कई देशों में शिक्षुता योजना चलाई जा रही है जिसके सकारात्मक परिणाम मिले है. कार्यक्रम के उद्देश्यों पर ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के निदेशक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने प्रकाश डाला. संचालन डॉ नितेश जायसवाल ने किया.इस अवसर पर प्राचार्य प्रो.राघवेंद्र पाण्डेय, डॉ.कर्मचन्द यादव, डॉ.गंगेश दीक्षित, डॉ.नीलेश सिंह, श्याम त्रिपाठी सहित विभिन्न महाविद्यालयों के शिक्षक एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

Thursday, 6 February 2025

विवि के कौशल विकास केंद्र का उत्तर प्रदेश कौशल विकास के साथ हुआ एमओयू


जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के परिसर में स्थापित कौशल विकास केन्द्र में रोजगारपरक प्रशिक्षण हेतु कोर्स चलाए जाने के लिए  उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के निदेशक मयंक गंगवार एवं  विश्वविद्यालय के कौशल विकास की नोडल अधिकारी डॉ.जाह्नवी श्रीवास्तव ने लखनऊ में समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया. अब राजकीय प्रशिक्षण प्रदाता के रूप में विश्वविद्यालय द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जायेगा ।
गुरुवार को नोडल अधिकारी डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने कुलपति को समझौता पत्र सौंपा. विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो वंदना सिंह जी के कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाने वाला यह  प्रशिक्षण लोगों को आत्मनिर्भर बनाएगा. उन्होंने कहा आने वाले समय में और भी प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे. विश्वविद्यालय के कौशल विकास केंद्र में परिसर के विद्यार्थियों, ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं एवं कम पढ़े लिखे युवाओं को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण दिए जायेंगे ।इस अवसर पर प्रो.मानस पांडेय , प्रो.अजय प्रताप सिंह एवं डॉ. रसिकेश एवं अन्य उपस्थित रहे ।