Wednesday, 11 June 2025

औद्योगिक भ्रमण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रबंध विभाग के बी.बी.ए. के छात्रों को औद्योगिक भ्रमण पर कुलपति प्रो. वन्दना सिंह ने शुभकामनाएँ देते हुए रवाना किया। उन्होंने कहा कि सैद्धांतिक ज्ञान तब ही पूर्ण होता है जब उसे व्यवहारिक रूप में देखा और समझा जाए। औद्योगिक भ्रमण छात्रों को प्रबंधन की नवीनतम तकनीकों, नवाचारों और औद्योगिक परिवेश से रूबरू कराता है।

कुलपति ने कहा कि कक्षा में प्राप्त ज्ञान को वास्तविक दुनिया से जोड़ने का सबसे प्रभावी माध्यम औद्योगिक भ्रमण है। इससे छात्रों को व्यवसायिक निर्णय प्रक्रिया, कार्य प्रणाली, और प्रबंधन के विभिन्न पक्षों की बारीक समझ विकसित होती है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे भ्रमण के दौरान उद्योगों में प्रचलित नवाचारों, नेतृत्व शैली और प्रबंधन पद्धतियों को गहराई से समझें, जिससे वे भविष्य में कुशल प्रबंधक बन सकें।

विभागाध्यक्ष प्रो. मुराद अली ने बताया कि विभाग द्वारा ऐसे औद्योगिक भ्रमण नियमित रूप से आयोजित किए जाते हैं। यह भ्रमण राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की भावना के अनुरूप है, जिसमें वोकेशनल शिक्षा को औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ने का उल्लेख है।  इस अवसर पर विभाग के शिक्षक डॉ. विकास सिंह, समरीन तबस्सुम, सुनील कुमार मौर्य, मोहम्मद सहाबुद्दीन रायीन, राजेश कुमार सहित बी.बी.ए. के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे

विद्यार्थी रोजगार मेले का उठाएं लाभ - कुलपति

दो दिवसीय रोजगार मेला 12 जून से

कॉलेज और परिसर के विद्यार्थियों को मिलेगा मौका

600 से अधिक पदों के लिए होगा चयन

जॉब फेयर-2025

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ के तत्वावधान में 12 और 13 जून को “जॉब फेयर–2025” का भव्य आयोजन किया जा रहा है. दो दिवसीय इस रोजगार मेले में विश्वविद्यालय परिसर और महाविद्यालयों के स्नातक एवं परास्नातक के अंतिम वर्ष और पास आउट विद्यार्थियों को रोजगार देने के लिए तैयारी की गई है. इसमें देश की प्रतिष्ठित 8 कंपनियों में विभिन्न पदों पर जॉब देने के लिए प्रक्रिया की जाएगी.

बुधवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने प्लेसमेंट सेल के पदाधिकारियों और जॉब फेयर के संयोजक प्रो. प्रदीप कुमार को तैयारियों के लिए दिशा- निर्देश दिए. कुलपति ने कहा कि इस परिसर के विद्यार्थियों के साथ ही साथ महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को  भी रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह रोजगार मेला लगाया जा रहा है इसका लाभ  उठायें.

जॉब फेयर के संयोजक प्रो. प्रदीप कुमार ने बताया कि 900 से अधिक विद्यार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जो विद्यार्थी किन्हीं कारणवश ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करा पाए है वह भी सीधे रोजगार मेले में आकर अपना पंजीकरण करा सकते है. ईएलजीआईइंटेलिस्मार्ट प्राइवेट लिमिटेडवी प्रोटेक्टक्रेडियलोआरबीएल बैंकएसबीआई कार्ड्सटीमलीज एयरटेल एवं टीमलीज एयरटेल कंपनी के विभिन्न पदों पर जॉब फेयर में चयन होगा.     

कार्यक्रम की जानकारी देते हुए प्लेसमेंट समन्वयक प्रो. प्रदीप कुमार ने कहा कि रोजगार मेले में आने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को रुकने के लिए विश्वविद्यालय द्वारा निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने बताया कि 12 जून को परिसर और 13 जून को महाविद्यालयों के विद्यार्थियों को मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि रोजगार मेले में भाग लेने आने वाले विद्यार्थी अपने साथ रिज्यूमे, पासपोर्ट साइज़ फोटो और अपने संस्थान का परिचय पत्र अवश्य लेकर आये.

उन्होंने बताया कि प्लेसमेंट के लिए 650  रिक्तियां है. रोजगार मेले का उद्घाटन महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में 12 जून को सुबह 10 बजे होगा उसके बाद प्लेसमेंट पूर्व व्याख्यान का आयोजन होगा. विश्वविद्यालय के प्लेसमेंट सेल, इन्क्यूबेशन सेंटर और इलेक्ट्रिकल विभाग में चयन प्रक्रिया पूरी की जाएगी. 

वृद्धजनों ने किया योग, स्वस्थ रहने का दिया सन्देश


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महिला अध्ययन केंद्र एवं अराइज एंड अवेक संस्था के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को शहर के सुक्खीपुर स्थित वृद्ध आश्रम में वृद्ध जनों को स्वस्थ रहने के गुर बताये गए और योग कराया गया. यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के परिप्रेक्ष्य में आयोजित किया गया था.

कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के निर्देश पर आयोजित योग कार्यक्रम में महिला अध्ययन केंद्र की समन्वयक डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव ने कहा कि जीवन में स्वस्थ रहना सबसे जरुरी है. योग के लिए कोई उम्र की सीमा नहीं है. अपने स्थान पर बैठ कर भी योग किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वर्तमान में रहेंगे तो प्रसन्न रहेंगे. जीवन में जो बीत गया उसको मत सोचिये.

योग गुरु जय सिंह ने वृद्ध जनों को प्राणायाम कराया. इसके साथ उन्होंने शरीर के विभिन्न भागों में दर्द के समय किये जाने वाले अभ्यास को भी बताया. साधना मौर्य  ने सांसों के माध्यम से रिलैक्स रहने के तरीके बताये. वृद्धजनों ने भजन सुनाया.

कार्यक्रम संयोजक जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने योग शिविर में प्रतिभाग किये जनों के प्रति आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर डॉ. मनीष प्रताप सिंह, डॉ. पुनीत सिंह, विकास,अरविंद प्रजापति ,अवनीश, अवधेश, सर्वशक्ति सिंह समेत अन्य उपस्थित रहे. 



Friday, 6 June 2025

 योग की प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवन के लिए उपयोगी – कुलपति

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में “विरासत से विकास: योग की भूमिका” विषयक परिचर्चा आयोजित
योग से संभव है मन की शांति – पंकज मिश्र
युवा पीढ़ी योग को अपने से जोड़े रखे- पवन कुमार

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में शुक्रवार को “विरासत से  विकास: योग की भूमिका” विषय पर ऑनलाइन  परिचर्चा का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक विकास में योग की भूमिका पर गंभीर चर्चा की.

विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने योग की प्राचीन परंपरा को आधुनिक जीवन के लिए उपयोगी बताया. उन्होंने कहा कि मानव जाति तन, मन से स्वस्थ रहेगी तभी हम विकास कर पाएंगे. उन्होंने कहा कि योग हमारी दैनिक दिनचर्या में शामिल रहेगा तभी हम जीवन का आनंद ले पाएंगे. स्वस्थ रहने का वरदान भारतीय परंपरा में पहले से था और आज योग को पूरा विश्व मान रहा है.
बतौर आमंत्रित वक्ता प्रयागराज के आर्ट ऑफ लिविंग के शिक्षक ख्यातिलब्ध योगाचार्य पंकज मिश्र ने कहा कि मस्तिष्क में नए विचारों को जन्म लेने के लिए मन का शांत होना बहुत जरुरी है. आज के इस दौर में योग से ही मन की शांति संभव है. उन्होंने कहा कि मन का विश्राम नहीं हो पा रहा है. इस के पीछे मोबाइल और कंप्यूटर जैसे डिजिटल यंत्रों की भी बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि योग व्यक्ति को ऊर्जावान बनाता है और सम्पूर्ण जीवनशैली पर सकारात्मक प्रभाव डालता है. यह केवल शारीरिक क्रिया नहीं, बल्कि एक ऐसी साधना है जिसे अब वैज्ञानिक प्रमाणिकता भी प्राप्त हो चुकी है.  
बतौर वक्ता लोक दायित्व संस्था के  संयोजक पवन कुमार सिंह ने कहा कि योग भारतीय ग्रामीण जीवन और लोक परंपराओं में गहराई से जुड़ा हुआ है. हम सबको इस बात का विशेष गर्व है कि हजारों साल पूर्व प्रारंभ हुई योग  परंपरा का लाभ आज पूरा विश्व ले रहा है. इस प्रकार की परम्पराओं को युवा पीढ़ी को अपने से जोड़े रखना चाहिए.
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष प्रो. मनोज मिश्र ने कहा कि विरासत में हमें योग मिला है इसे जीवन से जोड़कर आगे ले जाना है. अतिथियों का स्वागत अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. प्रमोद यादव ने किया.
कार्यक्रम का संचालन संयोजक डॉ. श्याम कन्हैया सिंह  ने  और धन्यवाद ज्ञापन नोडल अधिकारी  डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया.  कार्यक्रम में  प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. राज कुमार सोनी, प्रो गिरिधर मिश्र, डॉ. राज बहादुर,  डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रसिकेश, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. शशिकांत यादव, उद्देश्य सिंह, प्रमेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. सतीश जैसल समेत अन्य उपस्थित रहे.

Thursday, 5 June 2025

युवा पीढ़ी प्रकृति के उपहारों का समझे महत्व - कुलपति अराइज एंड अवेक के सहयोग से लगी पोस्टर प्रदर्शनी


अराइज एंड अवेक  के सहयोग से  लगी  पोस्टर  प्रदर्शनी

विश्व पर्यावरण दिवस पर हुआ पौधारोपण

मुक्तांगन में  योग शिविर की हुई शुरुआत

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राज भवन के दिशा- निर्देश पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के  10 कार्यक्रमों के अंतर्गत गुरुवार को प्रकृति के महत्व पर  अराइज एंड अवेक संस्था के सहयोग से  एक ज्ञानवर्धक पोस्टर  प्रदर्शनी  का आयोजन किया गया. प्रदर्शनी में पेड़ की उपयोगिता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को दर्शाने वाली जानकारी दी गई. प्रदर्शनी का उद्घाटन फार्मेसी संस्थान में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने किया. इसके आयोजन का उद्देश्य प्रकृति के प्रति लोगों को जागरूक करना रहा.

कुलपति ने कहा कि हमारे आसपास बहुत सारे ऐसे पौधे हैं जिनके उपयोग से हमें लाभ है और जो हमारे लिए बहुउपयोगी है।  आज की युवा पीढ़ी को इसके महत्व को जानने की जरूरत है।  हमारे भारतीय समाज में पेड़ों के प्रति बहुत ही आस्था रही है । पेड़ों के  संरक्षण का ज्ञान हमारे पूर्वजों ने हमें दिया है. आज की पीढ़ी प्रकृति के उपहारों का महत्व समझे. परीक्षा नियंत्रण डॉ. विनोद कुमार सिंह ने कहा कि पेड़- पौधो के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती. आज पूरी दुनिया पर्यावरण के प्रति संवेदनशील है. हम सभी को अपने स्तर पर कोई भी ऐसा कृत्य नहीं करना चाहिए जिससे प्रकृति को कष्ट हो. इस प्रदर्शनी का संयोजन डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. विवेक पाण्डेय एवं डॉ. अवधेश मौर्य ने किया. प्रदर्शनी में पौधों के महत्व को बखूबी दर्शाया गया. इसके साथ ही पर्यावरण विज्ञान विभाग के विद्यार्थियों द्वारा इको  ब्रिक्स  फॉर्मेशन फॉर प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट, बायोडायवर्सिटी कंजर्वेशन, वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट, पॉल्यूशन मैनेजमेंट, बायोडायवर्सिटी लॉस, ग्रीन टेक्नोलॉजी, बेनिफिट्स ऑफ़ रिन्यूएबल एनर्जी , फैक्टर ऑफ़ बायोडायवर्सिटी लॉस, ग्राउंडवाटर कंजर्वेश विषय पर पोस्टर लगाए गए. इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस समारोह के संयोजक प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. राकेश यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. राज बहादुर यादव, डॉ. धीरेन्द्र समेत अन्य लोग उपस्थित रहे।

इसी क्रम में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर मुक्तांगन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह एवं कुलसचिव महेंद्र कुमार ने पौधरोपण किया. ग्रीन कमेटी के संयोजक प्रो. राजकुमार एवं अन्य शिक्षक, कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय के विभिन्न स्थानों पर पौधे लगाये. मुक्तांगन में एक सप्ताह का योग शिविर प्रारंभ हुआ. कुलपति प्रो.  वंदना सिंह ने प्रतिभागियों के साथ योग किया. योगाचार्य जय सिंह ने जॉइंट रोटेशन, लोलक आसन, ताड़ासन, कोनआसन, तितली आसन, बुद्ध कोणासन, कपालभाति प्राणायाम, शव आसन एवं योग निद्रा मेडिटेशन कराया. इसका संयोजन नोडल अधिकारी डॉ. मनोज कुमार पाण्डेय ने किया. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के अधिकारी, शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे.

Wednesday, 4 June 2025

साइबर अपराध से बचने के लिए तकनीकी ज्ञान और जागरूकता जरुरी- कुलपति


विश्वविद्यालय में साइबर अपराध जागरूकता कार्यक्रम का हुआ आयोजन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में बुधवार को साइबर थाना एवं विश्वविद्यालय के साइबर क्लब द्वारा  साइबर जागरूकता अभियान के अंतर्गत साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में नए तरह के साइबर क्राइम और उनसे बचाव पर साइबर विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की. अध्यक्षीय उद्बोधन में  विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि आज साइबर अपराध बहुत तेजी से बढ़ रहा है इससे बचने के लिए सभी को तकनीकी का सही ज्ञान और जागरूकता बहुत आवश्यक है.  उन्होंने कहा कि साइबर अपराधी हमारी जागरूकता की कमी का फायदा उठाकर हमें डरा धमका कर ठगी करते है.  इस तरह के अपराधियों से  सावधान रहने की आवश्यकता है.
विश्वविद्यालय के कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि साइबर अपराधियों से डरने की जरूरत नहीं है बल्कि धैर्य से काम करने की जरूरत है. पहले से आज की तुलना में जागरूकता बढ़ी है जिसके कारण साइबर अपराधी पकडे जा रहे है. उन्होंने कहा कि अधिकांश साइबर अपराधियों का अंतिम उद्देश्य वित्तीय फ्रॉड करना होता है. साइबर क्राइम थाना जौनपुर के प्रभारी निरीक्षक राजकुमार सिंह ने विस्तार के विविध साइबर अपराधों के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि आज डिजिटल अरेस्ट एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है. पुलिस, जज, सीबीआई, आरबीआई के अफसर बनकर साइबर अपराधियों द्वारा बड़े लोगों को डराया और धमकाया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर कोई मोबाइल पर पैसे की मांग करें या डराए तो उसकी शिकायत साइबर क्राइम पोर्टल या साइबर थाने में जरूर  करें. इसी क्रम में आलोक सिंह ने भी साइबर अपराध से बचने के उपाय बताये. साइबर क्राइम थाने के संग्राम यादव ने कहा कि साइबर अपराधी लालच देकर लोगों को फंसा रहे हैं इन्वेस्टमेंट फ्रॉड बहुत तेजी से बढ़ रहा है. एक साल में पैसा डबल करने  का प्रलोभन अगर मिले तो सावधान रहें.  इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बच्चों को गेमिंग एप से दूर रखें बहुत सारे साइबर अपराधी गेमिंग एप के माध्यम से फ्रॉड कर रहे हैं. उन्होंने लोन एप से हो रहा है फ्रॉड को भी बताया. कहा कि सावधानी के साथ  बैंकों से लोन लेना चाहिए. विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने  नए तरीके के साइबर अपराधों के विविध आयामों पर विस्तार से प्रकाश डाला एवं अतिथियों का स्वागत किया. 
 इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, बबीता सिंह, प्रो. मनोज मिश्र, प्रो. गिरिधर  मिश्र, डॉ. राज बहादुर यादव, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. शशिकांत यादव, संजय सिंह, ऋचा सिंह, सुशील प्रजापति, साइबर थाने के सुगम यादव एवं आकांक्षा सिंह  समेत अन्य अन्य लोग उपस्थित रहे.  

Sunday, 1 June 2025

पीयू के अमृत सरोवर में हुई "चन्दन वाटिका" की स्थापना

पीयू में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का भव्य शुभारंभ

वी
र बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में 21 दिवसीय कार्यक्रमों की भव्य शुरुआत रविवार को ऐतिहासिक अमृत सरोवर परिसर में की गई। इस अवसर पर "चन्दन वाटिका" की स्थापना कर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने चन्दन के पौधे रोपित किए और इस नवाचारी उपवन की आधारशिला रखी।
कार्यक्रम का आयोजन माननीय कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से किया गया, जिसका उद्देश्य योग, प्रकृति और मानसिक शांति के प्रति जन-जागरण फैलाना है। उद्घाटन अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि योग एक समग्र जीवन-पद्धति है, जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करती है। उन्होंने 'चन्दन वाटिका' को ध्यान, साधना एवं शोध की दिशा में एक प्रेरणादायक पहल बताया।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार से हुई। योग प्रशिक्षक जय सिंह ने उपस्थित जन को योगासन एवं प्राणायाम का अभ्यास कराया। संयोजक एवं छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. प्रमोद कुमार यादव ने कहा कि चन्दन वाटिका विद्यार्थियों और कर्मचारियों के लिए ध्यान व चिंतन का एक शांतिपूर्ण स्थान सिद्ध होगी।

कार्यक्रम का समन्वय नोडल अधिकारी प्रो. राजकुमार एवं विश्वविद्यालय के खेलकूद विभाग ने किया। कार्यक्रम में प्रो. विक्रम देव शर्मा, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. राजबहादुर यादव, डॉ. पुनीत धवन सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
अगले 21 दिनों तक विश्वविद्यालय में योग संगोष्ठियाँ, सामूहिक योगाभ्यास, नि:शुल्क योग शिविर, योग प्रदर्शनी, सूर्य नमस्कार सत्र व योग मैराथन जैसे कार्यक्रम आयोजित होंगे। समापन अवसर पर भव्य "योग महोत्सव" का आयोजन किया जाएगा, जिसमें एक साथ सूर्य नमस्कार योग मुद्रा का प्रदर्शन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।

Thursday, 29 May 2025

पीयू परिसर की सेमेस्टर परीक्षा 2025 का मूल्यांकन शुरू

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर में संचालित पाठ्यक्रमों की सम सेमेस्टर/वार्षिक परीक्षा 2025 की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाबा साहब देवरस केंद्रीय मूल्यांकन भवन में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो० वंदना सिंह ने मंगलवार को  विधिवत पूजन के उपरांत प्रारंभ कराया.

उन्होंने डा. संजीव गंगवार, श्रीमती जया शुक्ला, डॉ. अजय मौर्या, डॉ. अनीष, डॉ. पंकज को मूल्यांकन हेतु उत्तर पुस्तिकाओं का आवंटन किया. उन्होंने कहा कि  उत्तर पुस्तिकाओं का समय पर सुचितापूर्ण मूल्यांकन करें.

परीक्षा नियंत्रक डॉक्टर विनोद कुमार सिंह ने राजभवन एवं उत्तर प्रदेश शासन, उच्च शिक्षा विभाग के निर्देश के क्रम में समर्थ पोर्टल का उपयोग करते हुए यथाशीघ्र परीक्षा परिणाम घोषित करने हेतु समन्वयक मूल्यांकन डॉ. अमरेंद्र कुमार सिंह एवं मूल्यांकन समिति डॉ० धर्मेन्द्र सिंह, डॉ० प्रवीण कुमार सिंह, अशोक कुमार यादव एवं सत्यम उपाध्याय को आवश्यक दिशा- निर्देश दिया.

उपकुलसचिव अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय परिसर में संचालित समस्त पाठ्यक्रमों की सम सेमेस्टर की परीक्षाएं प्रारंभ है और मई  के द्वितीय सप्ताह तक संचालित होनी है. जिन विषयों की परीक्षाएं संपन्न होती जा रही हैं उन पाठ्यक्रमों की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कार्य भी होता रहेगा जिससे परीक्षा समाप्त होने के उपरांत समय से परीक्षा परिणाम घोषित किया जा सके.

परीक्षा मूल्यांकन के उद्घाटन अवसर पर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. देवराज, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, , डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह,  श्याम त्रिपाठी, लाल बहादुर, जय सिंह, मनु मिश्रा आदि उपस्थित रहे. 


Friday, 23 May 2025

विद्यार्थियों की प्रतिभा निखारने पर ज़ोर दें शिक्षकः प्रो. वंदना सिंह


नए सत्र में विश्वविद्यालय की दिशा पर हुआ मंथन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति सभागार में शुक्रवार को संकाय एवं विभागाध्यक्षों की बैठक विश्वविद्यालय की दिशा को नए आयाम देने के संबंध में हुई। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में शिक्षण गुणवत्ता, छात्र सहभागिता, अनुसंधान और प्लेसमेंट जैसे अहम मुद्दों पर विंदुवार विस्तार से चर्चा की गई।

कुलपति ने कहा कि “हम चाहते हैं कि कक्षा का वातावरण ऐसा हो, जहां छात्र केवल उपस्थिति दर्ज न कराएं, बल्कि ज्ञान की गंगा में गोते लगाएं,” । उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे केवल पाठ्यक्रम न पढ़ाएं,  बल्कि पठन-पाठन को आनंदमयी यात्रा बनाएं। बैठक में यह तय किया गया कि शिक्षकों को क्लासरूम एवं प्रैक्टिकल कक्षाओं में बच्चों के साथ अधिक सक्रिय रूप से जुड़ना होगा। क्विज़, चर्चा,  केस स्टडी और अन्य संवादात्मक तरीकों से छात्रों की पर्सनालिटी को संवारा जाएगा।“प्रतिभा को पहचानिए, मंच दीजिए और सराहना की परंपरा को संस्कृति बनाइए,” यह विचार बैठक का सार बनकर उभरा। एक्स्ट्रा करिकुलर गतिविधियों को नया जीवन देने की बात हुई। खेल,  संगीत,  नृत्य, थिएटर जैसे क्षेत्रों में छात्रों को प्रोत्साहित करने के लिए नियमित अभ्यास की व्यवस्था और परिसर स्तर पर स्पर्धाओं की योजना बनाने पर भी चर्चा की गई। पेपर पब्लिकेशन की गुणवत्ता और प्रोजेक्ट लाने पर भी जोर दिया गया। उच्च इम्पैक्ट फैक्टर वाले शोध-पत्रों के प्रकाशकों को सम्मानित किया जाएगा ताकि शोध की गुणवत्ता और प्रेरणा दोनों बढ़े।

बैठक में प्रो. मानस पांडे द्वारा प्रस्तुत 9 सूत्रीय प्रस्ताव पर सभी सदस्यों ने विचार विमर्श किया। बोर्ड ऑफ स्टडी में इंडस्ट्री एक्सपर्ट, पूर्व छात्र और सीनियर छात्रों की सलाह लेकर पाठ्यक्रम को अधिक व्यावसायिक और व्यावहारिक बनाया जाएगा। उनकी सलाह को अध्ययन परिषद के पाठ्यक्रम की डिजाइन में शामिल किया जाएगा। एनसीसी, एनएसएस और छात्र सुविधा केंद्र को और अधिक क्रियाशील बनाने पर भी सहमति बनी।कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा, “हम सीमित संसाधनों में भी असीम संभावनाएं तलाशेंगे। आने वाला सत्र ऐसा होगा, जहां छात्र कहेंगे — हां, हमने सही संस्थान चुना है।”उन्होंने पिछले सत्र की उपलब्धियों के लिए शिक्षकों को बधाई दी और नए सत्र के लिए प्रेरणास्पद शुभकामनाएं भी दीं। विश्वविद्यालय की प्रगति को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय ज्ञान, शोध और नवाचार की त्रिवेणी बनकर उभर रहा है। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. संदीप सिंह, प्रो. गिरधर मिश्रा, प्रो. सौरभ पाल, प्रो. मुराद अली. प्रो. मिथिलेश सिंह, प्रो. संतोष कुमार, प्रो. नूपुर गोयल,  उप कुलसचिव अजीत प्रताप सिंह, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ रसिकेश, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. नृपेंद्र सिंह, डॉ धीरेंद्र चौधरी डॉ वनिता सिंह समेत सभी संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय स्तर पर ग्रामीण जल समस्याओं के समाधान हेतु नई पहल

जल से जुड़ी समस्याओं पर शोध को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आज विश्वविद्यालय में वाटर रिसर्च ग्रुप की बैठक का आयोजन किया गया। कुलपति प्रो. वंदना सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में विश्वविद्यालय स्तर पर गठित जल अनुसंधान समिति के सदस्यों ने भाग लिया।

बैठक में भूमिगत जल मूल्यांकन (ग्राउंडवॉटर असेसमेंट), जल जनित बीमारियों और जल में मौजूद अशुद्धियों की पहचान पर विस्तृत चर्चा किया गया। प्रथम चरण में  विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए गांवों के जल स्रोतों की वैज्ञानिक जांच करेगी। साथ ही, पानी में मौजूद अशुद्धियों का विश्लेषण कर नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से शुद्धिकरण की दिशा में कार्य किया जाएगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि "हमारा शोध केवल शोध पत्रों के प्रकाशन तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि उसका सीधा लाभ समाज को मिलना चाहिए। इसी सोच के साथ इस अनुसंधान समिति का गठन किया गया है।" उन्होंने आगे कहा कि समिति द्वारा ब्लॉक स्तरीय जल अध्ययन भी किया जाएगा जिससे व्यापक स्तर पर समाधान की दिशा में कदम बढ़ाए जा सकें।
बैठक में समिति सदस्य प्रो. गिरिधर मिश्र, डॉ. काजल, डॉ. धीरेंद्र चौधरी, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. एस.पी. तिवारी एवं डॉ. रामनरेश यादव  रहे।

Thursday, 22 May 2025

डॉ. आलोक गुप्ता को भूटान में मिला 'बेस्ट अकादेमी अवार्ड'

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के प्रबंध अध्ययन संकाय के वित्तीय अध्ययन विभागाध्यक्ष डॉ. आलोक गुप्ता को भूटान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में ‘बेस्ट अकादेमी अवार्ड’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें 10-13 मई 2025 के बीच रॉयल यूनिवर्सिटी ऑफ भूटान के नार्बुलिंग रिग्टर कॉलेज, पारो में आयोजित सम्मेलन में प्रदान किया गया।डॉ. गुप्ता को यह सम्मान कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में उनके विशिष्ट योगदान एवं  “ रोल आफ एआई एंड सोशल मीडिया इन सोशल ट्रांसफारमेशन”  विषय पर प्रस्तुत शोधपत्र के लिए दिया गया। संगोष्ठी में वे "सतत और न्यायसंगत भविष्य की ओर: विज्ञान, प्रौद्योगिकी, राजनीति एवं अर्थशास्त्र की भूमिका" विषयक तकनीकी सत्र के अध्यक्ष भी रहे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न देशों के शिक्षकों एवं शोधकर्ताओं को संबोधित करते हुए कृत्रिम बुद्धिमत्ता की सामाजिक परिवर्तन में भूमिका और इसके नए शोध क्षेत्रों पर प्रकाश डाला।डॉ. गुप्ता ने एआई  के बढ़ते प्रभाव, संभावनाओं एवं चुनौतियों पर बल देते हुए इसे अनुसंधान और नवाचार का नया मंच बताया। उनके इस सम्मान पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने उन्हें बधाई दी।इसके अतिरिक्त जय नारायण मिश्रा पीजी कॉलेज, लखनऊ के पूर्व प्राचार्य प्रो. सुनील दत्त शर्मा, संकायाध्यक्ष प्रो. अजय द्विवेदी, विभाग के प्राध्यापक सुशील कुमार, डॉ. अबू सालेह, मनोज त्रिपाठी, यशी सिंह सहित छात्रों ने भी उन्हें बधाई दी। 

पीयू इलेक्ट्रॉनिक्स के विद्यार्थियों का वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर में चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर के इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग के छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर पर एक और उपलब्धि अर्जित की है। विभाग के तीन प्रतिभावान छात्र — अक्ष चौबे, अनुभवी जायसवाल और मुकुल — का चयन भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के अधीन कार्यरत प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन सेंटर (VECC), कोलकाता में प्रशिक्षण हेतु हुआ है।

इस प्रशिक्षण के अंतर्गत छात्र उच्चस्तरीय प्रयोगशालाओं में वैज्ञानिक अनुसंधान, परमाणु ऊर्जा यंत्रों की कार्यप्रणाली और उन्नत सिग्नल प्रोसेसिंग जैसे तकनीकी क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त करेंगे। यह चयन विभाग की मजबूत शैक्षणिक गुणवत्ता, अनुसंधान उन्मुख वातावरण और विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत का प्रमाण है।

प्रशिक्षण हेतु हुए चयन का श्रेय विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश के कुशल मार्गदर्शन को भी जाता है। साथ ही, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. विक्रांत भटेजा ने तकनीकी तैयारी में विशेष भूमिका निभाई। विभाग के सभी शिक्षकों — डॉ. प्रवीण सिंह, डॉ. रीतेश बरनवाल, डॉ. अजय मौर्य, डॉ. विशाल यादव, डॉ. अनीश अंसारी, डॉ. पी.सी. यादव, डॉ. पारुल त्रिवेदी और सुश्री प्रीति शर्मा — ने छात्रों को शुभकामनाएं दीं।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नवाचार प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया। विभाग के कुछ अन्य छात्रों का चयन इसरो और डीआरडीओ जैसे संस्थानों में भी हुआ है। यह सफलता भावी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा है और इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग को तकनीकी उत्कृष्टता का प्रतीक बनाती है।

Tuesday, 20 May 2025

चिकित्सा, स्वचालित वाहन के क्षेत्र में नई तकनीक होगी विकसितः डॉ. सविनय नागेन्द्र

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग में कंप्यूटर दृष्टि के क्षेत्र पर व्याख्यान का आयोजन

इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग द्वारा कंप्यूटर दृष्टि (कंप्यूटर विज़न) के क्षेत्र में एक उच्च स्तरीय आमंत्रित व्याख्यान का आयोजन ऑनलाइन माध्यम से किया गया। इस व्याख्यान का विषय " डाउनस्ट्रीम कार्यों के लिए बड़े आधारभूत विजन मॉडल्स की शून्य-प्रशिक्षण विभाजन क्षमताओं का कुशलतापूर्वक उपयोग विभिन्न अनुप्रयोगों के लिए" था। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता के रूप में डॉ. सविनय नागेन्द्र, अनुसंधान वैज्ञानिक, मेटा, कैलिफोर्निया, अमेरिका से आमंत्रित थे।डॉ. नागेन्द्र ने कहा कि कैसे बड़े विजन मॉडल्स बिना किसी विशेष प्रशिक्षण आँकड़ों के नई छवियों को समझने और उनका विभाजन करने में सक्षम होते हैं। उन्होंने इन क्षमताओं के प्रभावी उपयोग पर भी विस्तार से प्रकाश डाला, जैसे चिकित्सा छवि विश्लेषण, स्मार्ट निगरानी प्रणालियाँ और स्वचालित वाहन आदि क्षेत्रों में इनका अनुप्रयोग। उन्होंने यह भी समझाया कि शून्य-प्रयास तकनीकें भविष्य में मशीन दृष्टि प्रणाली को अधिक लचीला और कुशल बना सकती हैं।इस कार्यक्रम के संयोजक इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश रहे, जबकि संचालन डॉ. ज्योति प्रशांत सिंह ने किया। कार्यक्रम में कंप्यूटर विज्ञान एवं अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भटेजा सहित इलेक्ट्रॉनिक्स तथा कंप्यूटर इंजीनियरिंग विभागों के समस्त शिक्षकगण एवं विद्यार्थीगण ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे।यह व्याख्यान तकनीकी ज्ञान के अद्यतन और शोध के नए आयामों को समझने हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुआ।

Friday, 16 May 2025

उत्साह और सहभागिता के साथ आयोजित होंगे योग के कार्यक्रम- कुलपति

पीयू में योग पर कार्यक्रमों  को लेकर तैयारी

राज भवन के निर्देश पर जून में होंगे विविध कार्यक्रम

'एक पृथ्वीएक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर होंगे कार्यक्रम 


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने राजभवन के आदेश के क्रम में जून माह में होने वाले 10 योग कार्यक्रमों के सफलतापूर्वक आयोजन के लिए शुक्रवार को कुलपति कार्यालय में आयोजन समिति के साथ बैठक की. बैठक में 'एक पृथ्वीएक स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम पर कार्य योजना तैयार की गई.

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस एक उत्सव की तरह है. इससे जुड़े सभी १० कार्यक्रम पुरे उत्साह और सहभागिता के साथ आयोजित किये जाए.

प्रदेश की राज्यपाल एवं  कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल  द्वारा विश्वविद्यालयों में आगामी अंतर्राष्ट्रीय  योग दिवस को अधिक प्रभावी एवं आकर्षक बनाने के लिए 10 प्रकार के कार्यक्रम करने हेतु सुझाव दिए गए है. यह कार्यक्रम 1 जून से 21 जून तक होंगे.

इसमें विरासत से विकास, योग की भूमिका पर परिचर्चा, एक साथ योगः संकल्प और सामूहिकता का प्रतीक के अंतर्गत भव्य योग प्रदर्शन का आयोजन किया जायेगा.  इसके साथ ही ज्ञान और अनुभव का संगम विषय पर अंतर्राष्ट्रीय योग संगोष्ठी, विश्वविद्यालय में एक योग पार्क विकसित किया जाएगा जहाँ विद्यार्थी एवं शिक्षक शांत वातावरण में योगाभ्यास कर सकें. योग पर पुस्तक का भी प्रकाशन होगा. योग स्वस्थ समाज की ओर बढ़ते कदम सोच के साथ  मैराथन का आयोजन होगा. विश्वविद्यालय में अमृत सरोवर के पास एक चंदन वाटिका बनाई जाएगी.

ऊर्जा और एकाग्रता का अनुभव के लिए सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन किया जाएगाजिससे विद्यार्थियों में ऊर्जा का संचार हो और एकाग्रता में वृद्धि हो. विभिन्न रोगों पर योग के सकारात्मक प्रभावों पर वैज्ञानिक शोध और शोध पत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा.

इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, प्रो. गिरिधर मिश्र, प्रो. राम नारायण, डॉ. राज बहादुर यादव, डीआर अजीत प्रताप सिंह, डॉ.  जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. धीरेन्द्र , डॉ. मनोज पाण्डेय, जय सिंह उपस्थित रहे.

Saturday, 10 May 2025

पीयू में प्रो. वंदना राय और डॉ. विद्युत को दी गई विदाई


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में सेवानिवृत्त होने पर बायोटेक विभाग की प्रोफेसर वंदना  राय एवं विवेकानंद केंद्रीय पुस्तकालय प्रभारी  रहे डॉ. विद्युत कुमार मल्ल के विदाई समारोह का आयोजन किया गया. शिक्षकों और कर्मचारियों ने 25 वर्षों की सेवा की यादों को साझा किया और अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह देकर उन्हें सम्मानित किया गया.विदाई समारोह को संबोधित करते हुए प्रो. मानस पाण्डेय ने कहा कि प्रोफेसर वंदना राय ने अपने शिक्षण एवं शोध कार्य से दुनिया के दो प्रतिशत साइंटिस्ट सूची में शामिल होकर  विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया। साथ ही साथ डॉ. विद्युत कुमार मल्ल ने पुस्तकालय के विकास में अपना अमूल्य योगदान दिया है. शोध गंगा की सफलता और पुस्भीतकालय को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस तक ले जाने के लिए उन्हें बधाई दी.प्रो. वंदना राय ने कहा कि आज विश्वविद्यालय निरंतर प्रगति कर रहा है और सुविधाओं का भी विस्तार हुआ है. आने वाले समय में और भी ऊंचाई हासिल करेगा ऐसी पूरी उम्मीद है. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया. डॉ. विद्युत कुमार मल्ल ने कहा कि दुसरे प्रदेश के होने बाद भी यहाँ के लोगों ने अपना बना लिया और अब वह बंगाली भाषा के साथ साथ भोजपुरी भी बोल लेते है. उन्होंने छात्रों के लिए सन्देश दिया कि जब भी समय मिले पुस्तकालय जरुर जाये. कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर अविनाश पाथर्डीकर ने किया।इस अवसर पर प्रो. देवराज, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. प्रदीप कुमार, प्रो. रजनीश भास्कर, प्रो. मुराद अली, प्रो. रवि प्रकाश, प्रो. संतोष कुमार, डॉ. श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. वनिता सिंह, कर्मचारी संघ ने महामंत्री रमेश यादव समेत विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे.

नशरा फ़ातिमा का ASRI 2025 राष्ट्रीय इंटर्नशिप हेतु चयन


देश भर से हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयजौनपुर की बी.ए. (S.P.J.) द्वितीय वर्षचतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा नशरा फ़ातिमा को प्रतिष्ठित Abhijit Sen Rural Internship Programme (ASRI) 2025 के लिए चुना गया है। यह चयन न केवल विश्वविद्यालय बल्कि पूरे पूर्वांचल क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है।
ASRI 2025: देश की ग्रामीण समझ के लिए एक राष्ट्रीय मंच
National Foundation for India (NFI) द्वारा संचालित यह इंटर्नशिप प्रोग्राम देशभर के चुनिंदा युवाओं को ग्रामीण भारत की सामाजिकआर्थिकऔर नीतिगत संरचना को नजदीक से समझने का अवसर देता है। आमतौर पर इस प्रोग्राम के लिए देशभर के सैकड़ों छात्र आवेदन करते हैंलेकिन हर वर्ष केवल 40-50 छात्रों का चयन किया जाता है। इसका चयन बेहद प्रतिस्पर्धात्मक होता है और इसमें चयनित होना उच्च शैक्षणिक और सामाजिक समझ का प्रतीक माना जाता है।
इंटरव्यू का चरण और चयन प्रक्रिया
नशरा फ़ातिमा को पहले चरण में शॉर्टलिस्ट किया गया था और उन्हें 22 मार्च2025 को नेशनल फाउंडेशन फॉर इंडिया (NFI), नई दिल्ली में पैनल इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। इंटरव्यू का स्थान था: National Foundation for India, Upper Ground Floor, Core 4A, India Habitat Centre, Lodi Road, New Delhi-110003। यह साक्षात्कार चयन प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा थाजहां देशभर से चुनिंदा छात्रों ने भाग लिया।

Wednesday, 7 May 2025

कुलपति ने परीक्षा केंद्रों का किया औचक निरीक्षण

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों की चल रही सेमेस्टर परीक्षाओं के केन्द्रों का बुधवार को कुलपति प्रो वंदना सिंह ने औचक  निरीक्षण किया. उन्होंने परीक्षा केन्द्रों पर सीसीटीवी,  बिजली और विद्यार्थियों के लिए पेयजल सुविधा को भी देखा. कहा कि पारदर्शी तरीके से परीक्षाओं को संपन्न कराये. उन्होंने कक्ष निरीक्षकों को निर्देशित किया कि विद्यार्थियों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं में भरी जाने वाली सूचनाओं का मिलान अवश्य करे.  
जौनपुर जनपद के परीक्षा केंद्रों पर निरीक्षण के दौरान कुलपति ने परीक्षा व्यवस्था का बारीकी से अवलोकन किया साथ ही विद्यार्थियों से परीक्षा के बारे में भी जानकारी ली. कुलपति के साथ निरीक्षण में परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह भी मौजूद रहे.
परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि केडीएस पीजी कॉलेज जौनपुर, कौशिल्या महाविद्यालय पर प्रकाश व्यवस्था के लिए निर्देश दिए गए है, बिजली न होने की स्थिति में परीक्षा के दौरान जनरेटर चलाया जाये. इसके साथ ही मड़ियाहूं पीजी कॉलेज की परीक्षा का भी  निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि सभी परीक्षा केंद्रों पर बिजली की वैकल्पिक व्यवस्था कार्यरत होनी चाहिए.

Saturday, 3 May 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा का वैज्ञानिक अध्ययन करेगा पूर्वांचल विश्वविद्यालय


भारतीय परंपराओं की वैज्ञानिक पुनर्परिभाषित की ओर एक ठोस कदम

-अध्ययन के लिए कुलपति ने किया समिति का गठन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय ने भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में पुनः स्थापित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण पहल की है। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय शोध समिति का गठन किया गया हैजिसका उद्देश्य भारत की प्राचीन सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से विश्लेषित कर उसे जनमानस के समक्ष प्रस्तुत करना है।

भारत का इतिहास वेदउपनिषदआयुर्वेदयोगनाट्यशास्त्रज्योतिषवास्तु शास्त्रऔर दर्शन जैसे ज्ञान के विविध क्षेत्रों से समृद्ध रहा है। यह परंपराएं न केवल आध्यात्मिकता की प्रतीक रही हैंबल्कि इनके पीछे वैज्ञानिक तर्कअनुभव और प्रयोग आधारित आधार भी मौजूद हैं। किंतु आधुनिक काल में इन विषयों को प्रायः केवल आस्था या पौराणिक संदर्भों से जोड़कर देखा गयाजिससे इनकी वैज्ञानिकता जनसामान्य की दृष्टि से ओझल हो गई।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि “भारतीय ज्ञान परंपरा सिर्फ संस्कृति का हिस्सा नहीं हैबल्कि यह हमारे जीवन का वैज्ञानिक मार्गदर्शन भी करती है। हमारा प्रयास है कि हम इन परंपराओं की वैज्ञानिक बुनियाद को पुनः खोजेंउसका विश्लेषण करेंऔर शोध आधारित प्रमाणों के साथ उसे शैक्षणिक व सामाजिक पटल पर प्रस्तुत करें।”

इस नवगठित समिति में विविध विषयों के विशेषज्ञों को शामिल किया गया हैजिसमें प्रो. गिरिधर मिश्रप्रो. अविनाश पाथर्डीकरप्रो. प्रताप मिश्रा डॉ. धीरेंद्र चौधरी और डॉ. पवन कुमार पाण्डेय हैं। समिति की अध्यक्ष  कुलपति प्रो. वंदना सिंह है  जिससे प्रगति की सम्यक निगरानी की जा सके ।

समिति न केवल भारतीय ज्ञान परंपरा के वैज्ञानिक विश्लेषण पर कार्य करेगीबल्कि विश्वविद्यालय स्तर पर नवाचारशोध परियोजनाओंशोधार्थियों के प्रशिक्षण और पाठ्यक्रम विकास में भी योगदान देगी। इसके अतिरिक्त समिति का उद्देश्य विभिन्न भारतीय और अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर अनुसंधान सहयोग  को बढ़ावा देना है।

ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय योगआयुर्वेद एवं भारतीय जीवनशैली के वैज्ञानिक प्रभावों पर शोध प्रारंभ कर रहा है और इस दिशा में कई राष्ट्रीय संस्थानों से एमओयू भी किए जा रहे हैं। इस प्रयास के अंतर्गत छात्र-छात्राओं को भारतीय ज्ञान परंपरा के अनुरूप शोध प्रोजेक्ट्सइंटर्नशिप और सेमिनार में सहभागिता का अवसर भी प्रदान किया जाएगा।

Friday, 2 May 2025

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में समर्थ पोर्टल के माध्यम से होंगे प्रवेश

पीयूकैट-2025 के प्रवेश लिए कुलपति ने लांच किया पोर्टल


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल  विश्वविद्यालय परिसर में संचालित कोर्सों में सत्र 2025-26 में समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश हेतु पंजीकरण प्रारंभ हो गया है.  कॉन्फ्रेंसिंग कक्ष में शुक्रवार को कुलपति प्रो.  वंदना सिंह ने परिसर में चल रहे विभिन्न पाठ्यक्रमों में ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए “समर्थ पोर्टल” पर आवेदन फॉर्म लॉन्च किया. विश्वविद्यालय में पहली बार समर्थ पोर्टल से प्रवेश होंगे. पाठ्यक्रमों की उपलब्ध सीटों के सापेक्ष इच्छुक अभ्यर्थी विश्वविद्यालय के पात्रता परीक्षा के लिए आवेदन कर सकते है.

विश्वविद्यालय में स्नातक स्तर के 20, परास्नातक स्तर  के 26 एवं डिप्लोमा के 5 पाठ्यक्रमों में पीयू कैट 2025 के माध्यम से प्रवेश होंगे. इस वर्ष 9 नए आधुनिक पाठ्यक्रम भी प्रारंभ हो रहे हैं, जिनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) हैं, वास्तु शास्त्र में डिप्लोमा, वैदिक ज्योतिष शास्त्र डिप्लोमा, वैदिक कर्मकांड डिप्लोमा, एल.एल. एम., एम.सी.ए इन्टीग्रेटेड जैसे पाठ्यक्रम शामिल हैं. ऑनलाइन आवेदन 10 जून तक स्वीकार किए जाएंगे.

समर्थ पोर्टल के माध्यम से छात्र ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, फीस भुगतान, दस्तावेज अपलोड, मेरिट सूची एवं सीट आवंटन जैसी सभी प्रक्रियाओं को सरल और पारदर्शी रूप से पूरा कर सकेंगे. छात्र हेल्प डेस्क  के माध्यम से ऑनलाइन सहायता भी प्राप्त कर सकते हैं.

उक्त से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारी,संचालित विषयों का विवरण एवं उपलब्ध सीटों की  विस्तृत जानकारी विश्वविद्यालय की वेबसाइट  vbspu.ac.in पर उपलब्ध है.

ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के लिए शुभारम्भ अवसर पर रजिस्ट्रार महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद सिंह, पीयूकैट के अध्यक्ष प्रो. रजनीश भास्कर, समन्वयक प्रो. मिथिलेश सिंह,प्रो. अरुण कुमार सिंह, प्रो. प्रमोद यादव, प्रो. गिरिधर मिश्र, नोडल अधिकारी डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. धीरेन्द्र चौधरी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डी.आर. बबीता सिंह, अमृत लाल सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे.


Wednesday, 23 April 2025

पीयू में पहलगाम आतंकी हमले में मृतकों को दी गई श्रद्धांजलि


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय  में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मृतकों  को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सरस्वती सदन में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने शोक सभा का आयोजन किया। दो मिनट का मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई. इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि इस घटना से पूरे देशवासियों को गहरा दुःख हुआ है. इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम ह। इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार, परीक्षा नियंत्रक विनोद कुमार सिंह, डीआर अमृत लाल, अजीत प्रताप सिंह, बबिता सिंह, प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. राकेश यादव, कर्मचारी संघ के अध्यक्ष नन्द किशोर सिंह, महामंत्री रमेश यादव समेत अन्य उपस्थित रहे.

इसी क्रम में विश्वविद्यालय के  राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा भी श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम किया गया . इसके साथ ही  संकाय भवन से विश्वविद्यालय गेट तक शांति मार्च निकला गया. शांति मार्च में शिक्षक और विद्यार्थी शामिल हुए और घटना की निंदा की.  कार्यक्रम का संयोजन  डॉ.शशिकांत यादव ने किया। शांति मार्च में प्रो. राजेश शर्मा, प्रो. राम नारायण, डॉ. एस पी तिवारी, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ सुनील कुमार, डॉ. अवधेश मौर्य, डॉ. नितेश जायसवाल, प्रो. प्रमोद कुमार यादव, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. अश्वनी कुमार यादव एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं शामिल हुई.

Tuesday, 22 April 2025

पृथ्वी की रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य – प्रो. ध्रुवसेन सिंह


नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ना होगा- प्रो. वंदना सिंह

विश्व पृथ्वी दिवस 2025 के अवसर " हमारी शक्ति,  हमारा ग्रह "  विषयक  ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयजौनपुरउत्तर प्रदेश के अंतर्विषयक ऊर्जा एवं जल शोध संस्थानभू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग  एवं लोक दायित्वआज़मगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पृथ्वी दिवस 2025 के अवसर " हमारी शक्ति,  हमारा ग्रह "  विषयक  ऑनलाइन राष्ट्रीय सेमिनार आयोजित किया गया.

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता लखनऊ विश्वविद्यालयलखनऊ के भू विज्ञान विभाग के अध्यक्ष प्रो. ध्रुवसेन सिंह ने कहा कि भारतीय संस्कृति प्रकृति की रक्षा का संदेश देती है. सभी ग्रहों में पृथ्वी पर ही जीवन है. इस ग्रह को मानव के क्रियाकलापों से ही सबसे बड़ा खतरा है. पृथ्वी के अलावा कोई ऐसा ग्रह नहीं है जो हमारे घर की तरह हो इसकी रक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है.

उन्होंने कहा कि हम पानी बना नहीं सकते तो निरंतर प्रदूषित करने का अधिकार नहीं है. भारत में नदियों को माँ का दर्जा दिया गया. इसके किनारे सभ्यता और संस्कृति का विकास हुआ है. उन्होंने जल, वायु और स्थल मंडल को प्रदूषण मुक्त रखने के सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ाना होगा. यह जीवाश्म ईंधन की तुलना में एक बेहतर विकल्प है और प्रदूषण से मुक्ति दिलाएगी.

अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि हम न केवल अपने विचारों में बदलाव लाएंबल्कि अपने कार्योंशोध और नवाचारों में भी बदलाव लाएं ताकि हम पृथ्वी को एक संवेदनशीलस्वच्छ और सतत दिशा में आगे बढ़ा सकें. उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जो न केवल आज के लिए बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित और टिकाऊ है. उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों जैसे सौरपवनऔर जल विद्युत की ओर तेजी से बढ़ना होगा.

वक्ता लोक दायित्वआजमगढ़ के  संयोजक पवन कुमार सिंह ने कहा कि धरती का बुखार बढ़ रहा है. धरती को पौधों की हरी चुनरी से ढकना होगा और उसके माथे पर पानी की पट्टी लगानी होगी. उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा में सूर्य की उपयोगिता की बेहतर समझ थी उसे देव कहा गया. आज सूर्य की इस ऊर्जा के प्रयोग को बढ़ा कर पृथ्वी को सुरक्षित रख सकते है. इससे कोई प्रदूषण नहीं होता है.

डीएएडी,  प्राईम फेलो कोलोन विश्वविद्यालयजर्मनी के डॉ. आशीष कुलकर्णी ने कहा कि

हमारे पूर्वजों ने वैज्ञानिक दृष्टि से प्रकृति को देखा और उसके संरक्षण के सन्देश भी दिए. उन्होंने उच्च दक्षता के सोलर सेल बनाये जाने पर व्याख्यान दिया. कहा कि आने वाले समय में सौर ऊर्जा भविष्य है.

अंतर्विषयक जल एवं ऊर्जा अनुसंधान केन्द्र शोध के  संयोजक प्रो. गिरिधर मिश्र ने अतिथियों का स्वागत एवं विषय प्रवर्तन किया.

वेबिनार का संयोजन डॉ. शशिकांत यादव, संचालन डॉ. धीरेन्द्र चौधरी एवं धन्यवाद् ज्ञापन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया. इस अवसर पर प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो. राम नारायण, प्रो. देव राज, डॉ.श्याम कन्हैया सिंह, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. जगदेव, डॉ. सुनील कुमार,  डॉ. अन्नू त्यागी, डॉ. मनोज पाण्डेय, डॉ नितेश जायसवाल समेत अन्य ने प्रतिभाग किया.  

Friday, 18 April 2025

ट्रंप की टैरिफ नीति का असर पड़ेगा पूरी दुनिया पर - प्रो पुरोहित

ट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पर कार्यशाला आयोजित

जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा शुक्रवार को "ट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव" विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. एच. सी. पुरोहित संकाय अध्यक्ष प्रबंध अध्ययन संकाय , दून विश्वविद्यालय देहरादून नेट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।

एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स एवं बीकॉम ऑनर्स के विद्यार्थियों के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर पुरोहित ने कहा की ट्रंप की  टैरिफ नीति सिर्फ व्यापार संतुलन  करने से संबंधित नहीं है, यह विश्व की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के वर्चस्व से संबंधित है और इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका और चीन का योगदान 43 प्रतिशत से अधिक है, परंतु इसका सबसे अधिक प्रभाव चीन वियतनाम, मेक्सिको, कंबोडिया और बांग्लादेश जैसे देश पर पड़ने वाला है । इस नीति से अमेरिका चीन की सामरिक शक्ति पर अंकुश लगाने और दुनिया में उसके दबदबे  को कमजोर करना चाहता है लेकिन दो आर्थिक शक्तियों के बीच वर्चस्व की इस जंग का असर विश्व में विभिन्न देशों के बीच सप्लाई चैन को बड़े पैमाने पर प्रभावित करेगा ।

ट्रंप के इस कदम से वैश्विक स्तर पर मंदी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है । भारत पर भी इसका असर देखने को मिलेगा क्योंकि भारत में विनिर्माण क्षेत्र के अधिकांश उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं इससे स्पष्ट है कि चीन से आयात होने उपकरण महंगे होने पर यहां निर्मित हो रही वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं । हालांकि चीन डंपिंग नीति के तहत भारत सहित अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ा सकता है परंतु डंपिंग नीति के सहारे अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में कई तरह की चुनौतियाँ होंगीl

उन्होंने कहा कि इस नीति का हल आर्थिक विश्लेषण से अधिक राजनीतिक फलक पर ढूंढना होगा और इसमें विश्व व्यापार संगठन को  महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगीl

इस अवसर पर प्रोफेसर मानस पांडे विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग ने विषय प्रवर्तन एवं मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए आज के परिप्रेक्ष्य में विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने किया। 

इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक डॉ राकेश उपाध्याय डॉ निशा पांडे, डॉ अंजनी, डॉ सुशील सिंह, सुश्री दीपांजलि, श्री हर्ष, श्री प्रिंस एवम् विद्यार्थी उपस्थित रहे ।


Wednesday, 16 April 2025

जल बचाने की मुहिम में जन भागीदारी जरूरी: प्रो. एम.पी. सिंह


पीयू में जल संचयन- जन भागीदारी के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का हुआ आयोजन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा जल संचयन- जन भागीदारी के अंतर्गत विशेष व्याख्यान  का आयोजन किया गया. विशेष व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता  इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के  बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. एम.पी सिंह ने जल के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने  कहा कि जल बचाने की मुहिम में जन भागीदारी जरूरी है. जल को बचाने की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है.

उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष पहले की तुलना में कम वर्षा हो रही है ऐसी स्थिति में हमें कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण हेतु कार्य करने की जरूरत है.  वर्षा ऋतु में आने वाले जल के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन के साथ-साथ भूगर्भ जल का कम से कम दोहन करना होगा.

प्रो. सिंह ने बताया कि भारत  मे प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 1513 क्यूबिक मीटर संकट को दर्शाता है. जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाला समय बहुत ही भयावह होगा, आपदाओं का सामना करना पड़ेगा, नदियों का जलस्तर भी  घटेगा. इससे कृषि और पेयजल प्रभावित होगा इसलिए हमें निरंतर जल संचयन एवं वृक्षारोपण करने की जरूरत है. इन प्रयासों से हम भविष्य की समस्याओं से निजात पा सकेंगे.

इस अवसर पर प्रो.रामनारायण ने कहा कि वर्षा जल संरक्षण से भूजल स्तर को बढ़ाने के उपायों को सुझाया. कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण से प्रकृति का संरक्षण होगा.

इस अवसर  पर जल संचयन- जन भागीदारी के नोडल अधिकारी, पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया. इस अवसर पर  विज्ञान संकाय के  डॉ. एस.पी. तिवारीडॉ. दीपक कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे. धन्यवाद ज्ञापन छात्रा वर्षा यादव एवं कार्यक्रम का संचालन अंकिता यादव ने किया.