Friday, 18 April 2025

ट्रंप की टैरिफ नीति का असर पड़ेगा पूरी दुनिया पर - प्रो पुरोहित

ट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पर कार्यशाला आयोजित

जौनपुर।वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग द्वारा शुक्रवार को "ट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव" विषय पर एक दिवसीय ऑनलाइन वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. एच. सी. पुरोहित संकाय अध्यक्ष प्रबंध अध्ययन संकाय , दून विश्वविद्यालय देहरादून नेट्रंप की टैरिफ नीति का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की।

एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स एवं बीकॉम ऑनर्स के विद्यार्थियों के विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रोफेसर पुरोहित ने कहा की ट्रंप की  टैरिफ नीति सिर्फ व्यापार संतुलन  करने से संबंधित नहीं है, यह विश्व की दो बड़ी आर्थिक महाशक्तियों के वर्चस्व से संबंधित है और इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका और चीन का योगदान 43 प्रतिशत से अधिक है, परंतु इसका सबसे अधिक प्रभाव चीन वियतनाम, मेक्सिको, कंबोडिया और बांग्लादेश जैसे देश पर पड़ने वाला है । इस नीति से अमेरिका चीन की सामरिक शक्ति पर अंकुश लगाने और दुनिया में उसके दबदबे  को कमजोर करना चाहता है लेकिन दो आर्थिक शक्तियों के बीच वर्चस्व की इस जंग का असर विश्व में विभिन्न देशों के बीच सप्लाई चैन को बड़े पैमाने पर प्रभावित करेगा ।

ट्रंप के इस कदम से वैश्विक स्तर पर मंदी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है । भारत पर भी इसका असर देखने को मिलेगा क्योंकि भारत में विनिर्माण क्षेत्र के अधिकांश उत्पाद चीन से आयात किए जाते हैं इससे स्पष्ट है कि चीन से आयात होने उपकरण महंगे होने पर यहां निर्मित हो रही वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं । हालांकि चीन डंपिंग नीति के तहत भारत सहित अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ा सकता है परंतु डंपिंग नीति के सहारे अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में कई तरह की चुनौतियाँ होंगीl

उन्होंने कहा कि इस नीति का हल आर्थिक विश्लेषण से अधिक राजनीतिक फलक पर ढूंढना होगा और इसमें विश्व व्यापार संगठन को  महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगीl

इस अवसर पर प्रोफेसर मानस पांडे विभागाध्यक्ष, व्यावसायिक अर्थशास्त्र विभाग ने विषय प्रवर्तन एवं मुख्य वक्ता का स्वागत करते हुए आज के परिप्रेक्ष्य में विषय की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष कुमार सिंह ने किया। 

इस अवसर पर विभाग के समस्त शिक्षक डॉ राकेश उपाध्याय डॉ निशा पांडे, डॉ अंजनी, डॉ सुशील सिंह, सुश्री दीपांजलि, श्री हर्ष, श्री प्रिंस एवम् विद्यार्थी उपस्थित रहे ।


Wednesday, 16 April 2025

जल बचाने की मुहिम में जन भागीदारी जरूरी: प्रो. एम.पी. सिंह


पीयू में जल संचयन- जन भागीदारी के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का हुआ आयोजन

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पर्यावरण विज्ञान विभाग द्वारा जल संचयन- जन भागीदारी के अंतर्गत विशेष व्याख्यान  का आयोजन किया गया. विशेष व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता  इलाहाबाद विश्वविद्यालय प्रयागराज के  बायोटेक्नोलॉजी विभाग के प्रो. एम.पी सिंह ने जल के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने  कहा कि जल बचाने की मुहिम में जन भागीदारी जरूरी है. जल को बचाने की जिम्मेदारी हर व्यक्ति की है.

उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष पहले की तुलना में कम वर्षा हो रही है ऐसी स्थिति में हमें कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं के निर्माण हेतु कार्य करने की जरूरत है.  वर्षा ऋतु में आने वाले जल के संरक्षण और उनके सतत प्रबंधन के साथ-साथ भूगर्भ जल का कम से कम दोहन करना होगा.

प्रो. सिंह ने बताया कि भारत  मे प्रति व्यक्ति जल की उपलब्धता 1513 क्यूबिक मीटर संकट को दर्शाता है. जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाला समय बहुत ही भयावह होगा, आपदाओं का सामना करना पड़ेगा, नदियों का जलस्तर भी  घटेगा. इससे कृषि और पेयजल प्रभावित होगा इसलिए हमें निरंतर जल संचयन एवं वृक्षारोपण करने की जरूरत है. इन प्रयासों से हम भविष्य की समस्याओं से निजात पा सकेंगे.

इस अवसर पर प्रो.रामनारायण ने कहा कि वर्षा जल संरक्षण से भूजल स्तर को बढ़ाने के उपायों को सुझाया. कहा कि जल स्रोतों के संरक्षण से प्रकृति का संरक्षण होगा.

इस अवसर  पर जल संचयन- जन भागीदारी के नोडल अधिकारी, पर्यावरण विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवर्तन किया गया. इस अवसर पर  विज्ञान संकाय के  डॉ. एस.पी. तिवारीडॉ. दीपक कुमार समेत अन्य उपस्थित रहे. धन्यवाद ज्ञापन छात्रा वर्षा यादव एवं कार्यक्रम का संचालन अंकिता यादव ने किया. 

Tuesday, 15 April 2025

 पीयू को एआईसीटीई से मिली इंटीग्रेटेड एमसीए की मान्यता


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक और बड़ी सफलता मिली है। विश्वविद्यालय को अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) से बीसीए और एमसीए के अतिरिक्त इंटीग्रेटेड एमसीए प्रोग्राम की भी 60 सीटों के साथ मान्यता प्राप्त हुई है।

इसके साथ ही बीसीए कार्यक्रम में सीटों की संख्या 100 से बढ़ाकर 120 तथा एमसीए में 60 से बढ़ाकर 90 कर दी गई है। यह उपलब्धि विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह के मार्गदर्शन और दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम मानी जा रही है।
कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने इस अवसर पर इंजीनियरिंग संकाय के अध्यक्ष  प्रो. सौरभ पाल के नेतृत्व में कार्य कर रही टीम को बधाई दी। उन्होंने टीम के सदस्यों डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. मुनींद्र सिंह,  डॉ. पंकज कुमार, डॉ. सोनम झा, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. विकास चौरसिया तथा कंप्यूटर एप्लीकेशन विभाग के समस्त शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा कि यह मान्यता विश्वविद्यालय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ बेहतर भविष्य निर्माण में सहायक सिद्ध होगी। इससे पूर्वांचल क्षेत्र के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की तकनीकी शिक्षा सुलभ होगी और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।

पीयू परिसर पाठ्यक्रमों की सेमेस्टर परीक्षा शुरू

21 अप्रैल से महाविद्यालयों की होगी परीक्षा    


जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के परिसर पाठ्यक्रमों की परीक्षा मंगलवार को प्रारंभ हो गई। परीक्षा के पहले दिन कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने फार्मेसी संस्थान में संचालित बी. फार्मा. की परीक्षा का निरीक्षण किया। उन्होंने परीक्षा की पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने पर बल देते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि  विद्यार्थी उत्तर पुस्तिका  में भरी जाने वाली आवश्यक सूचनाओं को स्पष्ट रूप से भरे। परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह ने बताया कि परिसर के बाद 21 अप्रैल से महाविद्यालयों की परीक्षाएं तीन पाली में  प्रारंभ होगी। जौनपुर और गाजीपुर जनपद के सम्बद्ध महाविद्यालयों में संचालित कला, वाणिज्य और विज्ञान की  स्नातक स्नातकोत्तर के  सम-सेमेस्टर की परीक्षा सकुशल कराने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। परीक्षा केंद्रों का निर्धारण करते हुए केन्द्रों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि नोडल केन्द्रों की सूची भी जारी की गई है। सम्बंधित महाविद्यालय इन केन्द्रों से प्रश्नपत्र लेंगे और परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को जमा करेंगे।  उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी की निगरानी में परीक्षा होगी। फार्मेसी संकाय में आयोजित परीक्षा के निरीक्षण में परीक्षा नियंत्रक डॉ. विनोद कुमार सिंह, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. मनोज मिश्र,  प्रो. प्रमोद यादव, डॉ. नृपेंद्र सिंह शामिल रहे.

Saturday, 12 April 2025

पीयू में प्लेसमेंट ब्रोशर का विमोचन

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के केंद्रीय प्रशिक्षण एवं प्लेसमेंट प्रकोष्ठ द्वारा सत्र 2025 के लिए तैयार प्लेसमेंट ब्रोशर का विमोचन शुक्रवार को विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय का यह ब्रोशर देशभर के प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट हाउसों और कंपनियों तक पहुंचाया जाएगा, ताकि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को उच्चस्तरीय रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।

प्रो. वंदना सिंह ने ब्रोशर की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, नवाचार, अनुसंधान और विद्यार्थियों की प्रतिभा को उजागर करने वाला एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में छात्र-छात्राओं को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ संचार कौशल और व्यावसायिक आचार संहिता की समझ होनी चाहिए। इस दिशा में विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट प्रकोष्ठ निरंतर प्रयासरत है।

इस अवसर पर आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता उन्नयन और उद्योग जगत से बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने ब्रोशर की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों, इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योगों से साझेदारी और विद्यार्थियों की योग्यता का समावेश किया गया है।कार्यक्रम में डॉ. नितेश जायसवाल एवं डॉ. विशाल यादव, उप समन्वयक भी उपस्थित रहे।

Wednesday, 9 April 2025

भारतीय ज्ञान परंपरा में समाहित है वैज्ञानिक दृष्टिकोणः प्रो. बीएल शर्मा

भारतीय ज्ञान परंपरा पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ आयोजन 

जौनपुर। भारतीय ज्ञान परंपरा एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण" विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन बुधवार को वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के इनक्यूबेशन सेंटरफार्मेसी भवन में किया गया।

राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीएल शर्मा ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा न केवल अध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध हैबल्कि उसमें वैज्ञानिक चिंतन और तर्क शीलता की गहराई भी समाहित है।

उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा केवल ज्ञान का संचय नहींबल्कि व्यवहार में उतारने की प्रक्रिया है। इसमें प्रकृतिमानव और ब्रह्मांड के मध्य संतुलन की बात की गई हैजो आज के सतत विकास की अवधारणा से मेल खाती है।

उन्होंने कहा कि जीवन में विपत्ति से बचाव के पांच ही साधन है। मंत्रमणिऔषधिस्नान और दान। उन्होंने कहा कि श्रुति, स्मृति, सदाचार, आत्मा की आवाज  से धर्म बनता है। साथ ही कहा कि हमारी संस्कृति भाषण से नहीं आचरण से सिखाने की है। पश्चिम ने मशीन को महत्व दिया हमारे देश ने मानव को प्रमुख माना। उन्होंने सनातन से लेकर आयुर्वेद और धर्म की विस्तार से व्याख्या की।   

अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर वंदना सिंह ने कहा कि जीवन में धर्म का आचरण करने से बहुत
से समस्याओं का समाधान खुद ही हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत की परिकल्पना को एक वृक्ष के उदाहरण से समझाते हुए कहा कि जब वृक्ष हरा भरा रहेगा तभी वह विकसित होगा और अच्छे फल देगा। उन्होंने कहा कि हम भारतीय ज्ञान परंपरा पर शोध के लिए नया ग्रुप बना रहे हैं। इस संबंध में एक एमओयू भी शीघ्र किया जाएगा।  बतौर मुख्य वक्ता बीएचयू के डॉ. एम. के सिंह चौहान ने कहा कि भारतीय परंपरा का मुख्य आधार संगीत रहा है। उन्होंने कहा कि मंत्रों के रिद्म, राग और उच्चारण का मानव के जीवन में अलग-अलग प्रभाव है। उन्होंने कहा कि बहुत से रोगों का निदान मेडिसिन से नहीं, थिरैपी और योग के माध्यम से संभव होता है। बीएचयू के आईएमएस प्रो. अजीत सिंह ने कहा कि भारत में बहुत से आधुनिक रोग, मस्कुलर पेन, बैक पेन, सरवाइकल पेन जैसी समस्या का समाधान योग, थिरैपी और मेडिटेशन से संभव है। इसमें खासतौर से खान-पान और लाइफस्टाइल को बदल कर ठीक किया जा सकता है। बीएचयू आईएमएस के डॉ. शुभम श्रीवास्तव ने आदमी की दिनचर्या, बैठने के पोस्चर, सूर्य की किरणों से लाभ को भारतीय परंपरा से जोड़ते हुए विस्तृत ढंग से प्रकाश डाला। कहा कि हमारे यहां प्रार्थना, सूर्य नमस्कार, योग शुरू से ही भारतीय परंपरा में था।

प्रबंध अध्ययन संकाय के प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने धर्म के मापनी विकास शोध पत्र को विस्तार से समझाया। कहा कि धर्मानुकूल आचरण करने वाला ही जीवन में सफल होता है।  

अतिथियों का स्वागत संगोष्ठी के समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र एवं विषय प्रवर्तन प्रो मानस पांडे ने किया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ धीरेन्द्र कुमार चौधरी ने किया।

इस अवसर पर प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो देवराज,  प्रो प्रमोद यादव, प्रो मनोज मिश्र,  प्रो सौरभ पाल,  प्रो रजनीश भास्कर, प्रो. प्रदीप कुमार, डॉ. रसिकेश, डॉ. आशुतोष सिंह, डॉ. मनीष गुप्ता, डॉ. शचींद्र मिश्र, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ. वनिता सिंह, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. अनुराग मिश्र, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. नीतेश जायसवाल, आदि सभी विभाग के संकायाध्यक्ष और विभागाध्यक्ष उपस्थित थे।



Tuesday, 8 April 2025

इंजीनियरिंग संकाय के तीन छात्रों का डीआरडीओ में चयन

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालयजौनपुर के इंजीनियरिंग संकाय के तीन प्रतिभाशाली छात्रों ने अपने उत्कृष्ट शैक्षणिक प्रदर्शन और तकनीकी कौशल के दम पर देश के प्रतिष्ठित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) में इंटर्नशिप के लिए चयनित होकर विश्वविद्यालय का मान बढ़ाया है। इन छात्रों का चयन डीआरडीओ के देहरादून स्थित इंस्ट्रूमेंट्स रिसर्च एंड डेवलेपमेंट इस्टैब्लिशमेंट (IRDE) प्रकोष्ठ में आठ सप्ताह की ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण हेतु हुआ है।

चयनित छात्रों में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र अंशु शुक्लाउज्ज्वल द्विवेदी और इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग के तृतीय वर्ष के छात्र रोशन कुमार सिंह शामिल हैं। इस इंटर्नशिप के दौरान छात्र अत्याधुनिक अनुसंधान प्रयोगशालाओं में प्रायोगिक प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे तथा रक्षा से जुड़ी परियोजनाओं पर प्रत्यक्ष रूप से कार्य करने का अनुभव भी प्राप्त करेंगे।

 छात्रों की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने उन्हें बधाई देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय के लिए गर्व का विषय है और इससे अन्य छात्रों को भी प्रेरणा मिलेगी। संकायाध्यक्ष प्रो. सौरभ पालइलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष प्रो. रवि प्रकाश और कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रांत भटेजा ने भी छात्रों की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

इस चयन से यह सिद्ध होता है कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय के छात्र राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी उत्कृष्टता की दिशा में सशक्त रूप से अग्रसर हैं।

Monday, 7 April 2025

दृष्टिकोण तय करता है जीवन की ऊँचाई: विकास पूरी

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल द्वारा  न "द विनिंग माइंडसेट" विषयक ऑनलाइन विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया. इसमें  मुख्य वक्ता अम्बिका स्टील्स लिमिटेडनई दिल्ली के  सीएचआरओ विकास पुरी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक मानसिकता के निर्माण के लिए लक्ष्य का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया  कि जिस प्रकार वृक्ष का तना मजबूत होना आवश्यक हैठीक उसी प्रकार हमारे व्यवहार का भी मजबूत होना ज़रूरी है। जीवन में आगे बढ़ने के लिए दो महत्वपूर्ण बिंदुओं उद्देश्य और विरासत पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

श्री पुरी ने आपका दृष्टिकोण ही आपके जीवन की ऊँचाई तय करते है प्रसिद्ध कथन के माध्यम से छात्रों को प्रेरित किया. कहा कि यदि जीवन में आगे बढ़ना है तो बहानों को छोड़ना होगाक्योंकि विजेता बहाने नहीं बनातेवे रास्ते निकालते हैं। साथ हीउन्होंने यह भी कहा कि "विक्टिम माइंडसेट" को त्यागकर "विनर माइंडसेट" अपनाना आवश्यक है।

श्री पूरी के उद्बोधन के बाद छात्र छात्राओं ने अपने सवाल पूछे जिसमें  अपेक्षा सिंहमेहर सिद्दीकी तथा स्वाति चौबे इत्यादि। श्री पूरी ने विस्तार से उनके सवालों के जवाब दिए। इस कार्यक्रम ने छात्रों को अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और एक विजेता मानसिकता अपनाने के लिए प्रेरित किया।इससे पहले कार्यक्रम में सभी का स्वागत सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो. अविनाश डी. पाथर्डीकर ने किया तथा कार्यक्रम का संचालन व धन्यवाद ज्ञापन सेंट्रल ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट सेल के उप समन्वयक सुशील कुमार ने किया. इस मौके डा. मनोज त्रिपाठीडा. विशाल यादवश्याम त्रिपाठी व  विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के छात्र छात्राओं समेत  यश जायसवालअमन कुमाररिंसु सिंहआंचल विश्वकर्माकशिश शीकरीकोमल सिंह आदि उपस्थित रहे