प्रो. वंदना सिंह ने ब्रोशर की सराहना करते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता, नवाचार, अनुसंधान और विद्यार्थियों की प्रतिभा को उजागर करने वाला एक सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि आज के प्रतिस्पर्धात्मक युग में छात्र-छात्राओं को तकनीकी दक्षता के साथ-साथ संचार कौशल और व्यावसायिक आचार संहिता की समझ होनी चाहिए। इस दिशा में विश्वविद्यालय का प्लेसमेंट प्रकोष्ठ निरंतर प्रयासरत है।
इस अवसर पर आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो. गिरिधर मिश्र ने विश्वविद्यालय की गुणवत्ता उन्नयन और उद्योग जगत से बेहतर समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। केंद्रीय ट्रेनिंग एवं प्लेसमेंट सेल के समन्वयक प्रो. अविनाश पाथर्डीकर ने ब्रोशर की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इसमें विश्वविद्यालय के विभिन्न पाठ्यक्रमों, इंफ्रास्ट्रक्चर, उद्योगों से साझेदारी और विद्यार्थियों की योग्यता का समावेश किया गया है।कार्यक्रम में डॉ. नितेश जायसवाल एवं डॉ. विशाल यादव, उप समन्वयक भी उपस्थित रहे।
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