Wednesday 8 April 2015

रिसेंट ट्रेंड्स इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज विषयक राष्ट्रीय संगोष्ठी


विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में बुधवार को फार्मेसी संस्थान द्वारा रिसेंट ट्रेंड्स इन फार्मास्यूटिकल साइंसेज (औषधि विज्ञान में नवीन प्रवृत्तियां) विषयक दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ द्वीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। वक्ताओं ने वर्तमान समय में फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में हो रहे बदलाव और चुनौतियों के विभिन्न आयामों पर अपनी बात रखी।




बतौर मुख्य अतिथि सागर विश्वविद्यालय के प्रो. वीके दीक्षित ने औषधियों की गुणवत्ता और लाइलाज बीमारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आज भारत पूरी दुनिया में औषधि उत्पादन के क्षेत्र में तीसरा स्थान रखता है। उन्होंने कतिपय दवाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि पहले यह दवाएं गर्भवती महिलाओं के दर्द निवारण के लिए उपयोग में आती थी और आज इनका उपयोग हृदय रोगों के लिए किया जा रहा है। उन्होंने औषधि शोध की आवश्यकता पर बल देते हुए आम जन को दृष्टिगत रखते हुए सुरक्षित एवं कम मूल्य पर दवा उपलब्ध कराने की संभावनाओं पर ध्यान आकृष्ट किया। निश्चित मात्रा एवं सही समय पर औषधि के उपयोग को आवश्यक बताते हुए शोधार्थियों से उन्होंने अपील की कि ऐसे औषधियों को प्रभावी बनाया जाय जिससे मानव शरीर पर उसका दुष्प्रभाव न पड़े।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि यह सदी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए ज्यादा महत्वपूर्ण हो चली है। उन्होंने कई उदाहरणों के माध्यम से यह स्पष्ट किया कि आज चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में लोगों की रूचि एवं पहुंच दोनों बढ़ी है लेकिन अभी भी मांग और आपूर्ति के बीच एक दूरी बनी हुई है। उन्होंने प्रयोगशालाओं की स्थापना पर बल देते हुए कहा कि अभी भी दवाओं के परीक्षण की उपलब्धता बहुत कम है। जिस कारण सही दवा के गुणवत्ता की पहचान समय पर नहीं हो पाती। दवा उद्योग से जुड़े लोगों से उन्होंने अपील की कि अपने उत्पादों का निर्माण करते समय पर्यावरण का ध्यान रखते हुए सही मूल्य, सही समय, सही गुणवत्ता की औषधि मानव कल्याण हेतु प्रस्तुत करें।


मंच पर फार्मेसी संस्थान के पूर्व निदेशक एवं बाॅयोटेक्नोलाॅजी विभाग के प्रो. वीके सिंह, वाराणसी कालेज आॅफ फार्मेसी के निदेशक डा. ओपी तिवारी एवं हरिश्चंद्र पीजी कालेज वाराणसी के एसोसिएट प्रोफेसर डा. प्रदीप कुमार उपस्थित रहे।

इसके पूर्व विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा सरस्वती वंदना एवं विश्वविद्यालय का कुलगीत प्रस्तुत किया गया। संगोष्ठी की स्मारिका का विमोचन कुलपति एवं मुख्य अतिथि द्वारा किया गया। संगोष्ठी का विषय प्रवर्तन करते हुए फार्मेसी संस्थान के निदेशक प्रो. एके श्रीवास्तव ने आये हुए अतिथियों का स्वागत किया। डा. राजीव कुमार द्वारा संगोष्ठी की रूपरेखा प्रस्तुत की गयी। धन्यवाद ज्ञापन डा. धर्मेंद्र सिंह द्वारा एवं संचालन डा. एचसी पुरोहित द्वारा किया गया।
इस अवसर पर कुलसचिव डा. बीके पाण्डेय, प्रो. बीबी तिवारी, डा. एके श्रीवास्तव, डा. अविनाश पार्थडिकर, आलोक दास, नृपेंद्र सिंह, पूजा सक्सेना, विजय मौर्या, विनय कुमार वर्मा, सुरेंद्र सिंह, आशीष कुमार गुप्ता, विवेक पाण्डेय, कार्तिकेय शुक्ला, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. सुनील कुमार, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सौरभ पाल, मुनिन्द्र सिंह, डा. केएस तोमर, डा. श्याम त्रिपाठी, ज्ञानेश पाराशरी सहित प्रतिभागीगण एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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