विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को 'ग्रोथ ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन द यूनिवर्सिटी कैंपस' विषयक कार्यशाला का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन सत्र में बतौर मुख्य अतिथि भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के पूर्व अध्यक्ष प्रोफ़ेसर कृष्ण लाल ने कहा कि विश्वविद्यालय ऐसा रोड मैप तैयार करें जो यहां से निकलने वाले छात्रों को देश के निर्माण से जोड़े।

उन्होंने कहा कि उपनिषद में विज्ञान को परिभाषित किया गया है 'विज्ञानम् आनंदम ब्रह्म' विज्ञान में जो अंतिम आनंद है वही ब्रह्म है। यह हमारे लिए महामंत्र है जिसे सदैव चित्त में रखना चाहिए।
विज्ञान भारती दिल्ली के महासचिव डॉ ए जय कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला विश्वविद्यालय के सपने को साकार करेगी। समाज निर्माण में विश्वविद्यालयों की बड़ी भूमिका है। आज वैश्विक स्तर पर एक नए क्षेत्र का निर्माण हो रहा है। भारत में पहली बार राजनीतिक चिंतक व विद्वान मिलकर मेक इन इंडिया के लिए काम कर रहे हैं।

कार्यशाला के अध्यक्ष प्रो बीबी तिवारी ने स्वागत भाषण एवं डॉक्टर राजकुमार सोनी ने कार्यशाला के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर संतोष कुमार ने किया। इस अवसर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर पी सिंह एवं कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति प्रो कीर्ति सिंह मंचासीन रहे। तकनीकी सत्रों में विशेषज्ञों ने अपनी बात रखी.प्रो वी के अग्रवाल ने ग्रेफीन की गुणवत्ता एवं महत्व तो बताया। लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो आर पी सिंह ने प्रशासनिक, शिक्षकों एवं छात्रों की गुणवत्ता सुधार पर बात की। दिल्ली के प्रो नीरज खरे ने सामाजिक जरूरतों के मद्देनजर विश्वविद्यालय में बेसिक साइंस के पाठ्यक्रमों को खोलने की बात की।
कार्यशाला में देश के विभिन्न भागों से आये हुए विषय विशेषज्ञ निदेशक निस्केयर-सीएसआईआर डॉ मनोज कुमार पटैरिया , प्रो सुनीता मिश्रा, प्रोफेसर रंजना प्रकाश, प्रो राम कृपाल,प्रो पी.एस यादव,प्रो पीके मिश्रा, प्रो वी ए ताभाने, डॉ लोकेंद्र कुमार, डॉ युधिष्ठिर यादव,डॉ अंबेशदीक्षित,प्रो पी पालानिचमी, डॉ वी राजेंद्रन,प्रो राजीव कुमार,प्रोफेसर नीरज खरे, डॉ सीएस पतित्रिपाठी,डॉ देवराज सिंह, डॉ गिरिधर मिश्रा एवं डॉ प्रमोद यादव आदि ने प्रतिभाग किया ।
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