Thursday 18 June 2020

पूर्वांचल विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों को यू जी सी से मिली 10-10 लाख की शोध ग्रांट*



रसायन विज्ञान विभाग के डा.अजीत सिंह पानी से हाइड्रोजन गैस उत्पादन के उत्प्रेरकों पर करेगें शोध
भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के डा. नीरज अवस्थी सरस्वती नदी एवं सिंधु-हड़प्पा सभ्यता पर करेगें शोध

जौनपुर. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भइया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विज्ञान विभाग के डा. अजीत सिंह एवं भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के   डा. नीरज अवस्थी को विश्विद्यालय अनुदान आयोग से बहुप्रतिष्ठित स्टार्ट - अप ग्रांट के अंतर्गत शोध हेतु 10-10 लाख रूपये का अनुदान मिला है । इस  प्रोजेक्ट की शोध की अवधि दो वषों की होगी ।

इसके अंतर्गत रसायन विज्ञान विभाग के डा.अजीत सिंह पानी से हाइड्रोजन गैस उत्पादन के उत्प्रेरकों पर शोध करेगें । उन्होंने बताया कि हाइड्रोजन स्वच्छ एवं नवीकरण ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है एवं विश्व के कई संस्थान पानी से हइड्रोजन उत्पादन की दिशा में काम कर रहे है । इसके पूर्व में डा. अजीत सिंह को  विज्ञान एवं प्रौद्योगोकी मंत्रालय की तरफ से 53 लाख का शोध ग्रांट मिला है ।
वहीं भू एवं ग्रहीय विज्ञान विभाग के डा. नीरज अवस्थी " यमुना नदी के पथ विस्थापन का सरस्वती नदी एवं सिंधु-हड़प्पा सभ्यता पर प्रभाव" विषय पर शोध करेगें । डा. अवस्थी ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस विषय  पर शोध किया जायेगा कि क्या वर्तमान यमुना नदी प्राचीन काल में कभी सरस्वती नदी ( जो कि हरियाणा-राजस्थान में बहती थी) की सहायक नदी थी एवं क्या यमुना नदी का अपने पूर्व पथ से भटकाव ही सिंधु-हड़प्पा सभ्यता के पतन का कारण बना ।
पिछले एक वर्ष में रज्जू भइया संस्थान के शिक्षकों को भारत सरकार के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगोकी मंत्रालय की तरफ से 4 शोध प्रोजेक्ट मिले हैं जो  80 लाख रूपये से अधिक है। इस दौरान संस्थान के शिक्षकों द्वारा 40 से अधिक शोध पत्र विश्व के बहुप्रतिष्ठित जर्नल्स में प्रकाशित जा चुके हैं । इस मौके पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. डा. राजराम यादव ने सभी शिक्षकों को बधाई दी तथा यह उम्मीद जताई की भविष्य में रज्जू भइया संस्थान विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वांचल विश्वविद्यालय को विश्व पटल पर स्थापित करेगा । रज्जू भइया सस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह एवं समस्त शिक्षकों ने  डा. अजीत सिंह तथा  डा. नीरज अवस्थी को बधाई दी ।

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