Monday 15 June 2020

एडवांस फंक्शनल मैटेरियल पर तीन दिवसीय ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय

कोविड से लड़ने में ग्राफीन मैटेरियल सहायक: प्रो अविनाश

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित रज्जू भैया संस्थान के नवीकरण ऊर्जा केंद्र द्वारा एडवांस फंक्शनल मैटेरियल  एवं आप्टोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन शनिवार को देर शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ।
प्रथम दिन के उद्घाटन सत्र में सीएसआइआर भोपाल के निदेशक डॉ अविनाश चंद्र श्रीवास्तव ने नैनो मैटेरियल तथा इससे संबंधित अन्य पदार्थों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया कि कैसे ग्राफीन बेस्ड मैटेरियल कोरोना वायरस के डायग्नोस्टिक किट बनाने तथा पीपीपी की बनाने में सहायक हो सकता है। इससे महामारी से लड़ने में सहायता मिल सकती है।
फोटोवोल्टिक इंस्टीट्यूट, टेक्निकल यूनिवर्सिटी दरमस्तब, जर्मनी के निदेशक प्रोफ़ेसर माइकल सिलाबे ने कम लागत तथा उच्च क्षमता के सोलर सेल डिवाइसों के बारे में बताया। आईआईटी दिल्ली के प्रो. नीरज खरे ने स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में नैनोकंपोजिट मटेरियल के उपयोग के बारे में चर्चा की। पुणे विश्वविद्यालय के प्रो विलासराव तभाने ने सेमी कंडक्टर फोटोनिक डिवाइसेज के बारे में विस्तार से चर्चा की। कहां की इस डिवाइसेज की उपयोगिता वर्तमान समय में महत्वपूर्ण है।

उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कर रहे कुलपति डॉ राजाराम यादव ने कहा कि फंक्शनल मटेरियल तथा आप्टोइलेक्ट्रिक डिवाइसेज का प्रयोग दिन पर दिन मानव जीवन में बढ़ रहा है। उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से अपील की वह कोविड-19 से लड़ने में सहायक नैनोमटेरियल बेस्ट डिवाइसेज बनाने का प्रयास करें।

इस ऑनलाइन सम्मेलन में भारत तथा 16 अन्य देश के 800 से अधिक प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस मौके पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह ने अतिथियों, वैज्ञानिकों तथा प्रतिभागियों का स्वागत किया । आयोजन के संयोजक डॉ धीरेंद्र चौधरी ने कांफ्रेंस की रूपरेखा के बारे में बताया जबकि सह संयोजक डॉ काजल डे ने धन्यवाद ज्ञापन किया । डॉ नितेश जायसवाल ने संगोष्ठी का संचालन किया। इस मौके पर संस्थान के शिक्षक डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ पुनीत धवन, डॉ सुजीत कुमार, डॉ अजीत सिंह व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे। 

पेरोस्काइट सोलर सेल स्वच्छ ऊर्जा के प्रमुख स्रोत: डॉ महड़ी
नैनो वायर स्वच्छ ऊर्जा केलिए महत्वपूर्ण : प्रो भट्टाचार्य 

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय स्थित रज्जू भैया संस्थान के नवीकरण ऊर्जा केंद्र द्वारा एडवांस फंक्शनल मैटेरियल  एवं आप्टोइलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज पर आयोजित  ई-संगोष्ठी  के तीसरे दिन देश-विदेश के विभिन्न वैज्ञानिकों और प्रोफेसरों ने स्वच्छ ऊर्जा, नवीकरण ऊर्जा तथा सोलर ऊर्जा नैनोमेटेरियल तथा फंक्शनल मटेरियल के ऊपर महत्वपूर्ण व्याख्यान दिए ।
एमआईटी, यूएसए के शोध वैज्ञानिक डॉ महाड़ी तवाकोली ने उच्च क्षमता के पेरोस्काइट सोलर सेल की दिशा में हो रहे शोध कार्यों के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की तथा बताया कि आने वाले समय में सोलर सेल स्वच्छ ऊर्जा की अधिकांश मांग को पूरा करेंगे।
आईसर, कोलकाता के प्रो स्यान भट्टाचार्य ने जिंक आयन बैटरी आधारित बैटरी के उपयोग से स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन पर विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने बताया की हाइड्रोजन ऊर्जा के उत्पादन में बाईकैटलिस्ट नैनोवायर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है।
आईआईटी कानपुर के प्रो सुंदर कुमार अय्यर ने फ्लेक्सिबल ऑर्गेनिक सोलर सेल के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की साथ ही साथ उन्होंने नेशनल सेंटर फॉर फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक आईआईटी कानपुर में चल रहे शोध को भी लोगों के साथ साझा किया ।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्रो लोकेंद्र कुमार, दीन दयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी के डॉ पंकज यादव तथा पोलैंड एकेडमी ऑफ साइंसेज के डॉ डेनियल प्रोकोविच ने सोलर सेल के विकास तक विभिन्न आयामों पर विस्तृत रूप से चर्चा की तथा कहा कि आने वाले समय में सोलर सेल स्वच्छ ऊर्जा के प्रमुख स्रोत होंगे ।
आईओपी भुवनेश्वर के प्रो टी सोम, शिव नादर यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शंकर शरण, जेएनयू दिल्ली के प्रो. केदार सिंह, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय विलासपुर के प्रो. पी के बाजपेई मटेरियल साइंस के विभिन्न आयामो के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की।
 संगोष्ठी के समापन समारोह में  संयोजक डॉ धीरेंद्र चौधरी ने बताया कि इस ऑनलाइन सम्मेलन में भारत समेत विश्व के 16 अन्य देशों के वैज्ञानिक व शोध छात्रों ने भाग लिया तथा 48 विषय विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण विषय पर अपने व्याख्यान दिए। आयोजन सचिव डॉ सुजीत कुमार ने बताया कि सम्मेलन में कुल 128 प्रतिभागियों ने अपने शोध कार्य को ऑनलाइन प्रस्तुत भी किया। डॉ काजल डे व डॉ नितेश जायसवाल ने संगोष्ठी का सफल संचालन किया । इस मौके पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक प्रो देवराज सिंह तथा डॉ प्रमोद यादव, डॉ गिरिधर मिश्रा, डॉ पुनीत धवन, डॉ अजीत सिंह व अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।




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