आउट बेस्ड एजुकेशन की दो दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन
विद्युत अभियंत्रण विभाग, अभियांत्रिक एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा
दो दिवसीय कार्यशाला के दूसरे दिन शनिवार को आर्यभट्ट सभागार में
आउटकम बेस्ड एजुकेशन पर विस्तार से चर्चा की गई।
कार्यशाला में जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी फरीदाबाद के मेकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर विक्रम सिंह ने कहा
कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार का ध्यान कौशल विकास पर केंद्रित है।विद्यार्थियों को पारंगत रखने के लिए पाठ्यक्रम में ज्ञान, कौशल और व्यवहार का समावेश होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सामाजिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम का निर्माण हो। उन्होंने प्रश्नपत्र निर्माण की बारीकियों को विस्तार से बताया।
भारतीयों के जुगाड़ जैसे उदाहरण को उन्होंने इस संदर्भ में इनोवेशन बताया।
जेसी बोस यूनिवर्सिटी आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर मुनीश वशिष्ठ ने कहा कि छात्रों को परिणाम आधारित शिक्षा से लाभ ही लाभ है अभी चूंकि इससे लोग परीचित नहीं है इसलिए लोगों को कठिनाई महसूस हो रही है। छात्रों के लिए इसके दूरगामी अच्छे असर आने की संभावना है इसमें छात्रों की अंकों के लिए अंधी दौड़ रुकेगी।
जेसी बोस यूनिवर्सिटी के प्रो. आशुतोष दीक्षित ने कोर्स आउटकम और प्रोग्राम आउटकम के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला।
समापन सत्र की अध्यक्षता इंजीनियरिंग संकाय के संकायाध्यक्ष प्रो. बीबी तिवारी ने और धन्यवाद ज्ञापन आइक्यूएसी के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने संचालन डॉ. धर्मेंद्र सिंह ने किया। कार्यशाला के आयोजन सचिव डॉ रजनीश भास्कर ने सभी अतिथियों का आभार जताया कि बहुत ही कम समय में उन्होंने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया। तकनीकी सहयोग सत्यम उपाध्याय ने किया।
इस अवसर पर प्रो. वंदना राय, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर, प्रो. देवराज सिंह, डॉ. संदीप सिंह, डॉ. राजकुमार, डॉ. संजीव गंगवार, डॉ. संतोष कुमार, डॉ. मनीष कुमार गुप्ता, डॉ.रसिकेश, डॉ. सुशील कुमार, डॉ. परमेंद्र विक्रम सिंह, सहायक कुलसचिव बबिता सिंह, डॉ. मंगला प्रसाद, जया शुक्ला, सौरभ कुमार, अनुराग सिंह, मनीष कुमार गुप्ता समेत सभी शिक्षक मौजूद थे।
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