कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू बच्चों को बहुत प्यार करते थे। उन्हें गुलाब का फूल भी बहुत पसंद था। उनका मानना था कि आज के बच्चे कल के भारत के भविष्य होंगे. जिस तरह से हम उनका पालन-पोषण करेंगे, उससे देश का भविष्य तय होगा। बच्चों के साथ अच्छे व्यवहार कर उन्हें शिक्षित किया जाना चाहिए ताकि देश निर्माण में इनकी अच्छी भूमिका तय हो सके।
इस अवसर पर कुलसचिव महेंद्र कुमार ने कहा कि बाल दिवस मनाने का मकसद ही बच्चों की जरूरतों को पहचानना, उनके अधिकारों की रक्षा करना और उनके शोषण को रोकना था, ताकि बच्चों का समुचित विकास हो सके।संचालन कार्यक्रम संयोजक डा. जाह्नवी श्रीवास्तव ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर मनोज पांडेय ने किया।
इस अवसर पर कीड्जी प्ले स्कूल के प्रिन्सपल संतलाल वर्मा को कुलपति द्वारा अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया गया। इस बीच कंपोजिट विद्यालय अतरौरा शाहगंज जौनपुर की शिक्षक डॉक्टर सुनिधि प्रजापति, श्रीमती रेखा रानी समेत एक दर्जन विद्यार्थी आए हुए थे। कुलपति ने इन विद्यार्थियों को कुरकुरे, चाकलेट, कोलड्रिंक और उपहार दिया और उनसे बाल दिवस के बारे में पूछा। उन्होंने कहा कि बच्चों मन लगाकर पढ़ो ताकि बड़े पदों पर आसीन होकर देश की सेवा कर सकों। यह बच्चे विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों और पुस्तकालय में भी गये।इस अवसर पर सहायक कुलसचिव श्रीमती बबीता सिंह, प्रो. देवराज सिंह, डॉ मनोज मिश्र, डॉ सुनील कुमार, डॉक्टर संजीव गंगवार, अनू त्यागी, डॉ लक्ष्मी मौर्या, द्विबेन्दु मिश्र, झांसी मिश्र, किड्जी प्ले की शिक्षक सरिता सिंह, श्रद्धा त्रिपाठी, सलोनी मौर्या, शिल्पी, हीना प्रजापति, उषा सिंह, सोनम, प्रेक्षा, अन्य शिक्षकगण मौजूद रहे।
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