विश्व विरासत सप्ताह अंतर्गत आयोजित हुए कार्यक्रम
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस मौर्य ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश की विरासतों से समाज को जोड़े रखने में अपना अभिन्न योगदान दिया है. विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार का हमारी सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक अशोक स्तम्भ इस वर्ष स्थापित किया गया है. वहीं भव्य तिरंगा झंडा युवाओं में निरंतर देश भक्ति की भावना जागृत कर रहा है. राष्ट्र की आत्मा विरासतों में ही बसती है.उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी अपनी समृद्ध विरासत पर गर्व करें और संरक्षित करने में अपना योगदान दे. कुलसचिव महेंद्र कुमार ने विद्यार्थियों को अपनी संस्कृति से जुड़े रहने के लिए प्रेरित किया.
इसके पूर्व संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में हमारी संस्कृति हमारी विरासत कार्यक्रम में संकायाध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि भारत की संस्कृति बहुत ही समृद्ध रही है. इसी क्रम में जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा कि दुनिया में सबसे प्राचीन धरोहरों में हमारी पांडुलिपियाँ,वास्तुकला, मूर्तिकला, सांस्कृतिक परिवेश, बौद्धिक सम्पदा सबसे ऊँचे पायदान पर है. उन्होंने कहा कि आज हमें पूर्वांचल की समृद्ध विरासत मातृभाषा अवधी एवं भोजपुरी को भी संरक्षित और समृद्ध करने की जरूरत है.
डॉ. मनोज पाण्डेय द्वारा चलचित्र के माध्यम से भारत की प्रमुख धरोहरों और उसके ऐतिहासिक, सामाजिक महत्व के बारे में बताया गया. कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव एवं संचालन डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने किया. इस अवसर पर प्रो. मानस पाण्डेय, प्रो देवराज, प्रो राजेश शर्मा, प्रो. मुराद अली, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ चन्दन सिंह, डॉ पुनीत धवन, अन्नू त्यागी,डॉ लक्ष्मी प्रसाद मौर्य समेत तमाम लोग उपस्थित रहे.
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