Thursday, 3 November 2022

पूर्वांचल विश्वविद्यालय में मनाया गया जल भरो समारोह

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के सरस्वती सदन के बाहर बृहस्पतिवार को भारत जल सप्ताह 2022 के अंतर्गत जल भरो कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलश में पानी इक्कट्ठा करके जल संरक्षण के महत्व को बताया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. निर्मला एस. मौर्य की प्रेरणा से शासन के हर कार्यक्रम को विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण ढंग से मनाता है।  इस अवसर पर कुलसचिव ने कहा कि जल ही जीवन है। बिना पानी के मानव जीवन असंभव है। भारतीय संस्कृति में जल ना केवल इस जीवन में बल्कि जीवन के बाद की यात्रा में भी महत्वपूर्ण है, बिना जल के कोई भी कर्मकांड संभव नहीं है। इसलिए जल संसाधनों के सतत विकास के प्रति हमें सजग रहने की जरूरत है।वित्त अधिकारी संजय कुमार राय ने रहीम दास का दोहा रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। पानी गये ना ऊबरे, मोती मानुष चून को कोड करते हुए जल संरक्षण पर विस्तार से प्रकाश डाला।इस मौके पर आईक्यूएसी सेल के समन्वयक प्रो. मानस पांडेय ने कहा कि जल का उपयोग खेती के लिए भी प्रमुख है और बढ़ती जनसंख्या को आने वाले समय में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना एक बहुत बड़ी समस्या होगी इसलिए पानी का संचय बहुत जरूरी है। जनसंचार विभाग के डा. मनोज मिश्र ने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे विश्व के सामने जल संकट दिखाई दे रहा है। हमें इसे चुनौती के रूप में अभी से स्वीकार लेना चाहिए। जल संरक्षण के लिए हम सबको आगे आने की आवश्यकता है।मीडिया प्रभारी डा. सुनील कुमार ने कहा कि जल संरक्षण को हमें अपने घर से शुरू करने की जरूरत है. तभी हम दूसरे को रोक सकते हैं। घर में उपयोग होने वाली अत्याधुनिक मशीनों से स्वच्छ पानी ज्यादा नुकसान हो रहा है इसपर विचार करने की जरूरत है।इस अवसर पर परीक्षा नियंत्रक वीएन सिंह, सहायक कुलसचिव अजीत सिंह, श्रीमती बबिता सिंह. प्रो. वंदना राय, प्रो रामनारायन, प्रो. बी.डी शर्मा, डा. प्रमोद यादव, डा. रसिकेश, डा. गिरधर मिश्र. डा. पुनीत धवन, डा. लक्ष्मी प्रसाद मौर्य, डा. अमित वत्स, एमएम भट्ट, रमेश पाल, स्वतंत्र कुमार, रजनीश सिंह. संतोष कुमार मौर्य, हरिनाथ समेत शिक्षक, कर्मचारी और विद्यार्थी भी मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment