Wednesday, 26 July 2023

धैर्य और सतत प्रयास से ही मिलेगी मंजिल : कुलसचिव

"समकालीन समाज में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता" पर हुई प्रतियोगिता


पूर्व राष्ट्रपति मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि पर दत्तोपंत ठेंगड़ी विधि संस्थान में "समकालीन समाज में समान नागरिक संहिता की प्रासंगिकता" विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इस प्रतियोगिता में 10 छात्रों ने पक्ष में और 10 छात्रों ने विपक्ष में अपने मत प्रकट किए। पक्ष में  शिवम पांडेय ने बेस्ट डिबेटर का अवार्ड जीता, तो वहीं विपक्ष में मेधा को बेस्ट डिबेटर अवार्ड मिला।

कुलसचिव महेंद्र कुमार ने छात्रों को सफल होने के लिए टिप्स दिए और कहा कि धैर्य और सतत प्रयास से ही मंजिल प्राप्त की जा सकती है। आपको जीवन में जो भी दायित्व मिले उसे सकारात्मक दृष्टिकोण से पूरा करिए।  आइक्यूएसी कोऑर्डिनेटर प्रो. मानस पांडेय ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया। वित्त अधिकारी संजय राय ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लाने के लिए सरकार व्यापक पैमाने पर आम जनमानस में चर्चा करा रही है । भारत विविधताओं वाला देश है जहां आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर असमानताएं दिखाई पड़ती हैं।खुला प्रश्न यही है कि क्या प्रस्तावित समान नागरिक संहिता में इन विविधताओं को समाहित किया जा सकेगा।इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर देवराज सिंह ने कहा कि जब देश आजाद हुआ था उस समय की सामाजिक परिस्थितियां और वातावरण कुछ ऐसा था,जिसके कारण समान नागरिक संहिता लागू होने में दिक्कत थी, किंतु संविधान निर्माताओं की यह मंशा थी कि समय के साथ पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू हो। मैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देता हूं कि उनकी सरकार संविधान निर्माताओं की मंशा के अनुरूप इस मुद्दे पर गंभीर है और पूरे देश में इस विषय पर लोगों से सुझाव व सलाह मांग रही है और मुझे उम्मीद है कि सरकार जल्द ही इस पर सभी समुदायों से बातचीत कर इस पर कानून बनाएगी। प्रतियोगिता के संयोजक डॉ राजित राम सोनकर ने विषय प्रवर्तन किया। कार्यक्रम के सह संयोजक डॉ.अंकित कुमार ने सबका आभार प्रकट किया। डॉ.राहुल राय, डॉ प्रमोद कुमार, डॉ दिनेश कुमार सिंह निर्णायक मंडल के सदस्य रहे।इस अवसर पर विभागीय शिक्षक डॉ अनुराग मिश्र, डॉ वनिता सिंह, डॉ.प्रियंका कुमारी, श्री प्रकाश यादव, डॉ इंद्रजीत सिंह आज प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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