रक्षा क्षेत्र के लिए नैनोकंपोजिट से सैनिकों के बनाए जाते हैं दस्ताने
नैनोकंपोजिट विषय पर हुआ व्याख्यान
मा. कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल राज्यपाल उत्तर प्रदेश एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो वंदना सिंह की प्रेरणा से दीक्षोत्सव के अंतर्गत व्याख्यानमाला की श्रृंखला में विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रोफेसर राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के द्वारा "नैनोकंपोजिट के पहचान हेतु विभिन्न प्रयोगात्मक तकनीक" विषय पर शुक्रवार को आर्यभट्ट सभागार में व्याख्यान का आयोजन हुआ।
व्याख्यान के मुख्य वक्ता डीआरडीओ के डिफेंस मटेरियल लैब के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ कैलाश नाथ पांडे ने कहा कि नैनोकंपोजिट एक महत्वपूर्ण पदार्थ है। इसका प्रयोग एयरोस्पेस, इंजीनियरिंग मटेरियल में बहुत महत्त्वपूर्ण हैं। डॉ पांडेय ने कहा कि नैनो कंपोजिट आधारित ब्यूटाइल रबर का प्रयोग सैनिकों के लिए दस्ताने बनाने में हो रहा है। डॉ. पांडेय ने माइक्रोस्कोप तथा थर्मल तकनीक द्वारा नैनोकंपोजिट के अध्य्यन पर प्रकाश डाला। डॉ. पांडेय ने पालीइथरइमाइड और पॉलीइथरकीटोन के प्रयोग पर चर्चा की। इस अवसर पर रज्जू भैया संस्थान के निदेशक डॉ प्रमोद यादव ने स्वागत उद्बोधन दिया तथा मुख्य अतिथि को अंगवस्त्रम और स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। व्याख्यान का संचालन शोध छात्र आलोक मौर्य ने धन्यवाद ज्ञापन रसायन विभाग के डॉ नितेश जायसवाल ने किया l इस अवसर पर प्रो. मिथिलेश सिंह, डॉ. गिरिधर मिश्र, डॉ. अजीत सिंह, डॉ. मिथिलेश यादव, डॉ. दिनेश वर्मा, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. आलोक वर्मा, डॉ. आशीष वर्मा, डॉ. नीरज अवस्थी, डॉ. श्याम कन्हैया, डॉ. श्रवण कुमार, डॉ शशिकांत यादव, डॉ. सौरभ सिंह, डॉ. सुजीत चौरसिया, डॉ. काजल डे, डॉ. विजय शंकर पांडे तथा पीएचडी शोधार्थी व बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहीं।
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