वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के विज्ञान संकाय द्वारा विश्वेश्वरैया हाल में वैज्ञानिक शोध में बौद्धिक सम्पदा अधिकार के महत्व पर सेमिनार का आयोजन किया गया. सेमिनार में शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किये।विशेषज्ञों एवं शोधार्थियों ने बौद्धिक सम्पदाअधिकार के विविध पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की.
सेमिनार में बतौर विषय विशेषज्ञ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आर एल सिंहने कहा कि आज बौद्धिक सम्पदाअधिकार के बारे सबको जागरूक होने की जरूरत है. इस अधिकारके द्वारा हम अपने श्रम से अर्जित किये गए सृजन का संरक्षण करते है.आज आवश्यकता है इसकेप्रक्रिया की बारीकियों को जानने की.उन्होंने कहा की नीम, हल्दी और बासमती का विवाद हमेंसुलझाने में कई साल लग गए.हमने 10 साल के संघर्ष के बाद नीम के पेटेंट को वापस पाया।आजबौद्धिक सम्पदा अधिकार के सम्बन्ध में जानकारी का अभाव है. इसके प्रति जागरूकता के लिएशोध के क्षेत्र से जुड़े लोगों की जिम्मेदारी है.
जनसंचार विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ मनोज मिश्र ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के कार्योंकी चर्चा करते हुए कहा कि हमारी पहली तकनीकी आग का अविष्कार है जिसे हमारे आदि मानवों नेकभी किया होगा,. लेकिन आग की खोज को अपने नाम करने का श्रेय ऋषि अथर्वन को जाता है. जन जन में जब तक विज्ञान की व्याप्ति नहीं होगी तब तक हम बौद्धिक सम्पदा अधिकार का लाभनहीं ले पाएंगे।
अध्यक्षता करते हुए विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. डीडी दूबे ने कहा कि प्राचीन भारतीय सभ्यता एवंसंस्कृति ने विश्व एवं मानवता को अनगिनत बहुमूल्य विचारों एवं ज्ञान से समृद्ध किया है. प्रायःसृजनकर्ताओं नेनवीन ज्ञान को लोक कल्याण के लिए लोगों से साझा करने करने में ही संतुष्ट एवंसार्थकता के बोध का अनुभव किया। हमें अपनी उपलब्धता को उस स्थान तक ले जाना है जो इससेवंचित है। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में बौद्धिक सम्पदा अधिकार की जानकारी भौतिक संसार में अपनेअमूल्य जानकारी को देना जरूरी है। जिससे अन्य लोगों द्वारा दुरूपयोग को रोका जा सके तथा नयेज्ञान का सृजन होता रहे। इस अवसर पर आयोजन सचिव डा. राजेश शर्मा द्वारा कार्यक्रम कीरूपरेखा प्रस्तुत की गई.
इस अवसर पर शोधार्थियों द्वारा विज्ञान के शोध में बौद्धिक सम्पदा का अधिकार केमहत्व पर प्रस्तुति दी गई. इस सेमिनार में विषय पर बेहतरीन प्रस्तुति के लिए शेखर आंनद पांडेय को प्रथम,श्वेता श्रीवास्तव को द्वितीय एवं सिम्प्ल कुमारी को तृतीय स्थान पाने पर शुक्रवारको राज्यपाल राम नाइक द्वारा पुरस्कृत किया जायेगा। कार्यक्रम का संचालन डा. कार्तिकेयशुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन डा . एसपी तिवारी केद्वारा किया गया.
इस अवसर पर प्रो. बीबी तिवारी, डा. राम नरायन, डा. वन्दना राय, डा. प्रदीपकुमार,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,डॉ अवध बिहारी सिंह, डा. विवके कुमार पाण्डेय, डा. सुधीरउपाध्याय, डा. प्रभाकर सिंह, डा. शुधान्शु शेखर यादव, डा. विनय वर्माा, रजनीश भास्कर, ऋषीश्रीवास्तव, डा. सुशील कुमार, आशीष गुप्ता, डा. राजेश कुमार, अरविन्द कुमार मौजूद रहे।
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