Monday, 16 October 2023

इंटरनेट एडिक्शन एक मनोवैज्ञानिक बीमारीः प्रो. अजय प्रताप सिंह

साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता जरूरीः  डॉ. मनोज मिश्र

स्वयं से करें इंटरनेट पर अपनी निजता का निर्धारणः डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर
पीयू में हुआ साइबर अपराध से बचाव हेतु कार्यशाला का आयोजन


वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के संकाय भवन के कांफ्रेंस हाल में सोमवार को जनसंचार विभाग एवं साइबर क्लब द्वारा साइबर अपराध से बचाव हेतु एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान संकाय के अध्यक्ष प्रो. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि लोगों में इंटरनेट एडिक्शन बढ़ता जा रहा है। मनोविज्ञान में अब डीएसएम 5 के तहत इंटरनेट एडिक्शन एक बीमारी के अंतर्गत आ गई है।
उन्होंने कहा कि असली दुनिया को छोड़कर इंटरनेट की आभासी दुनिया में लोग अपना बहुत सारा समय अनावश्यक बर्बाद कर रहे हैं और साइबर अपराध के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें यह तय करना होगा कि इंटरनेट फ्री है या हम फ्री हैं।
जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. मनोज मिश्र ने कहा कि समय बदल रहा है। मोबाइल और इंटरनेट हमारे जीवन का अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं। आए दिन साइबर अपराध के मामले हमारे आस-पास सुनने को मिलते है। ऐसे में आवश्यकता है कि हम स्वयं से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि अगर हमारे साथ साइबर अपराध हो जाता है तो हमें बिना किसी डर या शर्म के उसके खिलाफ शिकायत दर्ज करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचने के लिए जागरूकता ही महत्वपूर्ण है।
मुख्य वक्ता साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि इंटरनेट पर हमें अपनी निजता स्वयं से निर्धारित करनी होगी। सोशल मीडिया पर जिन लोगों से परिचित न हों उनके रिक्वेस्ट या मैसेज पर कभी भी प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने तमाम तरह के साइबर अपराधों के बारे में बताया और बचाव हेतु सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि अपनी किसी भी निजी तस्वीर को साझा नहीं करना चाहिए। वित्तीय साइबर फ्रॉड होने पर भारत सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 1930 पर तत्काल संपर्क करें।
कार्यक्रम का संचालन संस्कार श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ. अनु त्यागी, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, डॉ. मनोज कुमार पांडेय, डॉ. राहुल राय और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।

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