उन्होंने कहा कि मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र में निरंतर अनुसंधान चल रहे है और इनके निश्कर्शों के फलस्वरूप मीडिया उद्योग में सुधार लाया जा रहा है। पत्रकारिता व प्रबंध के छात्रों के लिए मीडिया उद्योग सदैव अवसर उपलब्ध कराता रहेगा। बतौर मुख्य वक्ता मीडिया प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े डा. अंकुर चड्ढा ने कहा कि मीडिया संस्थान के लोग 24 घंटे कार्य करते है। अखबार के सभी विभाग हमेषा चुनौतियों का सामना करते रहते है। आज पत्रकारों के लिए पाठक और विज्ञापन विभाग के लिए टाॅरगेट की लड़ाई होती रहती है। उन्होंने कहा कि राश्ट्रीय समाचार पत्रों की तुलना में क्षेत्रीय समाचार पत्रों के समक्ष अधिक चुनौतियां है। हर स्तर पर इन चुनौतियों का सामना प्रबंधक करते है। उन्होंने कहा कि आज आम आदमी को सस्ते अखबार विज्ञापनों के कारण मिल पा रहे है अगर विज्ञापन समाचार पत्रों को न मिले तो इतने सस्ते मूल्य पर पाठक को अखबार नहीं मिल पायेगा।
अध्यक्षीय संबोधन में मानव संसाधन विकास विभाग के अध्यक्ष डॉ अविनाश पार्थिडकर ने मीडिया उद्योग के भविश्य में विस्तारपूर्वक प्रकाष डाला। उन्होंने कहा कि 2022 तक लाखों लोगों को मीडिया उद्योग में रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके लिए उन्हें अपडेट होने की जरूरत है।
विषय प्रवर्तन जनसंचार विभाग के प्राध्यापक डा. सुनील कुमार ने किया। स्वागत भाषण में संकायाध्यक्ष डा. अजय प्रताप सिंह ने कहा कि मीडिया उद्योग बहुत ही कौषल प्रबंधन के कारण इतने व्यवस्थित रूप से आगे बढ़ रहा है।
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डॉ अवध बिहारी सिंह |
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डॉ सुनील कुमार |
कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने अतिथियों को पौध भेंट कर हरियाली का सन्देश दिया।धन्यवाद् डॉ अवध बिहारी सिंह एवं संचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया । इस अवसर पर डा. रसिकेष, डा. रूष्दा आजमी, डा. सुभाश वर्मा, सुधाकर षुक्ला, मोहम्मद अबु सालेह, अभिनव, अंषुमान, परमेंद्र विक्रम सिंह समेत विभिन्न विभागों के शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
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