Tuesday 18 December 2018

विद्यार्थी के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी महाविद्यालय की- कुलपति



विश्वविद्यालय  के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी भवन में मंगलवार को प्राचार्य/प्रबंधकों की नैक एवं परीक्षा संबंधी दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। पहले दिन मऊ और गाज़ीपुर जनपद के प्रबंधक प्राचार्य कार्यशाला में शामिल हुए।
अध्यक्षीय कुलपति प्रो डा. राजाराम यादव ने कहा कि विद्यार्थी के भविष्य निर्माण की जिम्मेदारी महाविद्यालय की है। परीक्षा संचालन ठीक से हो, सुचितापूर्ण हो इसकी देखरेख के लिए अधिकारी और शिक्षक  लगाए गये हैं। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंदजी की जयंती के अवसर पर 12 जनवरी को विश्वविद्यालय में मनाए जाने वाले राष्ट्रीय युवा कार्यक्रम के दिन दो लाख से अधिक युवाओं के आने का लक्ष्य रखा गया है। इसकी जिम्मेदारी राष्ट्रीय सेवा योजना को दी गई है। इस कार्यक्रम में सभी महाविद्यालयों के विद्यार्थियों, शिक्षकों और प्रबंधकों भाग लेने की अपेक्षा की जाती है।
कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल ने कहा कि नकलविहीन परीक्षा कराने और समय से मूल्यांकन कराने में विश्वविद्यालय सफल रहा। ऐसा महाविद्यालय के सहयोग से ही संभव हो सका। वित्त अधिकारी श्री एम.के. सिंह ने कहा कि इस बार परीक्षा में वायस रिकार्डर युक्त सीसीटीवी का होना अनिवार्य है। राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डा. राकेश यादव ने कहा कि किसी भी कार्य को बेहतर ढंग से करने के लिए आई.क्यू.ए.सी एक अच्छा मंच है। इसके माध्यम से महीने दो महीने पर एक कार्यशाला होना जरूरी है, तभी विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय की गुणवत्ता में सुधार होगा। उन्होने 12 जनवरी को होने वाले कार्यक्रम की रूपरेखा बताई। आंतरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ के सहसंयोजक डा. धमेंद्र सिंह ने आई,क्यू.ए.सी. के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से संबंधित हर महाविद्यालय को नैक कराने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए।प्रबंधक सूर्यभान यादव एवं संदीप  तिवारी ने अपनी ने बात रखी। 
उन्होंने परीक्षा के समय आने वाली समस्याओं की ओर ध्यान आकृष्ट कराया। कार्यशाला का संचालन संजय श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ ईशदत्त सिंह, राजेंद्र यादव, रविंद्र यादव, जयभान यादव, देवेश सिंह, उदयभान सिंह समेत महाविद्यालय के प्राचार्य प्रबंधक मौजूद रहे। 

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