Monday 24 February 2020

आदर्श,मूल्य और मर्यादा वाली हो शिक्षा: श्रीहरि बोरिकर

विश्वविद्यालय ‌के रज्जू भैया फिजिकल स्टडी एवं रिसर्च सेंटर  के आर्यभट्ट सभागार में युवाओं के विकास में नई शिक्षा नीति का योगदान विषय पर सोमवार को एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के काशी प्रांत द्वारा आयोजित की गई।

इस अवसर पर बतौर मुख्य वक्ता अखिल भारतीय विश्वविद्यालय प्रमुख श्रीहरि बोरिकर  ने कहा कि हमारी शिक्षा आदर्श, मूल्य और मर्यादा वाली होनी चाहिए। भारत में विविधता में एकता क्यों है. इसकी अवधारणा को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। हमारे क्रांतिवीरों का इतिहास पाठ्यक्रम में तोड़ मरोड़ कर रखा गया था अब उसे सही रूप दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत की शिक्षा नीति  समग्र बातों को ध्यान में रखकर बनाई गई है।इस शिक्षा नीति का मुख्य मकसद प्री प्राइमरी से रिसर्च तक विद्यार्थी को कैसा होना चाहिए उसकी व्यवस्था की गई। उन्होंने ने कहा कि शिक्षा को रोजगारपरक बनाने की भी व्यवस्था  शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में की गई है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि हमारी प्राचीन शिक्षा नीति में आधुनिकता का भी समावेश है। हमारी शिक्षा गर्भाधान से ही शुरू होती है, इसका मार्गदर्शन दुनिया को भारत ने ही किया, इसके लिए महाभारत के अभिमन्यु का उदाहरण हमारे सामने है। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल विश्वविद्यालय में नई शिक्षा नीति के ड्राफ्ट के समय मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर  शिक्षा और संस्कृति मंत्रालय का प्रस्ताव दिया था, उस पर विचार‌ किया गया है। हमारे विश्वविद्यालय के कई पाठ्यक्रम जिन उद्देश्यों को ध्यान में रखकर चलाए जा रहे हैं उसे नई शिक्षा नीति में रखा गया है यह हमारे लिए गर्व की बात है। इसके पूर्व विशिष्ट अतिथि प्रो.मानस पांडेय ने नई शिक्षा नीति पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए विषय प्रवर्तन किया।

कार्यक्रम का संचालन उद्देश्य सिंह और धन्यवाद ज्ञापन डॉ आशुतोष सिंह ने किया। इस अवसर पर पूर्व विधायक सुरेंद्र प्रताप सिंह, ‌नीरज सिंह, प्रो अविनाश पाथर्डीकर, डॉ अवनीश सिंह, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ मनोज पांडेय, डॉ जाह्नवी श्रीवास्तव, डॉ सुनील कुमार, वंदना, डॉ महेंद्र त्रिपाठी, डॉ. अजय दुबे, डॉ प्रमोद यादव, डॉ नितेश जायसवाल, डॉ गिरिधर मिश्र, डॉ मनीष गुप्ता, डॉ पुनीत धवन, डॉ आलोक दास, डॉ धर्मेंद्र सिंह,नितीन चौहान, विकास ओझा सुमित सिंह अवकाश सिंह, शीलनिधि सिंह आदि शामिल थे।

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