रिसर्च ग्रांट के अंतर्गत मिले 53 लाख रुपए
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भैया) भौतिकीय विज्ञान अध्ययन एवं शोध संस्थान के रसायन विभाग के शिक्षक डॉ अजीत सिंह आर्गेनिक और नैनो डेरिवेटिव्स से नये फोटोनिक मटेरियल पर शोध करेगे | इसके लिए उन्हें विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार के साइंस व इंजीनियरिंग रिसर्च बोर्ड की ओर से कोर रिसर्च ग्रांट के अंतर्गत 53 लाख रुपए का प्रोजेक्ट ग्रांट मिला है। इस प्रोजेक्ट की अवधि 3 साल होगी l बताते चलें कि इसके पूर्व में डॉ अजीत सिंह ने एम. एन. एन. आई. टी इलाहाबाद में भी फास्ट ट्रैक यंग साइंटिस्ट के तहत 33 लाख का प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा किया है l
प्रोजेक्ट के संबंध में डॉ अजीत सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट में नए फोटोनिक मटेरियल डिजाइन किए जाएंगे जो कि ऑर्गेनिक एवं नैनो नैनो डेरिवेटिव पदार्थ होंगे l अभी तक डाटा स्टोरेज के लिए बायनरी सिस्टम के तहत डाटा स्टोर करते हैं इस शोध प्रोजेक्ट में नए फोटोनिक मटेरियल की मदद से टरनरी डाटा स्टोरेज बनाए जायेंगे | जिसके प्रयोग से दिन पर दिन बढ़ते डाटा के प्रयोग को हम सभी आसानी से और छोटी जगहों में रख पाएंगे |
इस उपलब्धि पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ राजाराम यादव ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बधाई और शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर रज्जू भइया संस्थान के निदेशक प्रो. देवराज सिंह ने भी प्रसन्नता व्यक्त की। इस मौके पर जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ मनोज मिश्र, डॉ प्रमोद यादव, डॉ दिग्विजय सिंह राठौर,नितेश जायसवाल, डॉ मनीष गुप्ता, व अन्य शिक्षकों ने बधाई दी।
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