Thursday 3 September 2015

कैरियर काउंसिलिंग एण्ड ओरिएंटेशन प्रोग्राम

विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में बीटेक एवं बी.फार्मा के नवागत विद्यार्थियों के लिए कैरियर काउंसिलिंग एण्ड ओरिएंटेशन प्रोग्राम का आयोजन गुरूवार को किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. प्रेम चन्द पातंजलि एवं एमएनआईटी इलाहाबाद के प्रो. अनुज जैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।
    बतौर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति डा. पीसी पातंजलि ने विद्यार्थियों से संवाद स्थापित करते हुए कहा कि व्यक्तित्व विकास के लिए अध्ययन पर समुचित समय देते हुए एक उत्कृष्ट वातावरण को बनाने की जरूरत है। आपके समक्ष चुनौतियां कई है लेकिन आत्मविश्वास से हर चुनौतियों का मुकाबला किया जा सकता है। सतत परिश्रम आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए और उस समाज का सदैव ध्यान रखें जिसने आपको विश्वविद्यालय में पढ़ने का सुअवसर प्रदान किया है। उन्होंने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों से कहा कि आज दुनिया बदलाव की ओर है हमें उस बदलाव के दौर में अपने पांव मजबूती से गड़ाने है। सोशल मीडिया में युवाओं की बढ़ती दिलचस्पी पर चर्चा करते उन्होंने कहा कि इसके सकारात्मक पक्ष को अपनाने की आवश्यकता है। आप जो अध्ययन सामग्री चाहते है साइबर की दुनिया में उसी तक सीमित रहे। अपने को सदैव अपडेट करते रहे। आप नौकरी निश्चित रखने के लिए पढ़ाई न करें आप नौकरी देने के लिए ज्ञान अर्जित करें। इससे जो भाई किन्हीं कारणों से अध्ययन और सेवा से वंचित रह गये है उन्हें हम बेहतर अवसर उपलब्ध करा सके।

मुख्य वक्ता के रूप में सम्बोधित करते हुए एमएनआईटी इलाहाबाद के प्रो. अनुज जैन ने कहा कि जीवन में क्यों और कैसे का बहुत बड़ा महत्व है। अपनी जिज्ञासा को सदैव जागृत रखना चाहिए। जब तक आप प्रश्न पूछते रहेंगे तरक्की के रास्ते खुलते रहेंगे। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि आज आप बेहतर करेंगे तो भविष्य निश्चित रूप से बेहतर रहेगा। जो शिक्षक जानते है वह बेहतर रूप में आपके सामने प्रस्तुत करते है, उसे आप जल्दी सीखें। उसमें और बढ़ोत्तरी कर ज्ञान के प्रकाश को और आगे तक ले जाने की जिम्मेदारी आपकी है। तकनीकी ने आज आम आदमी के जीवन को बहुत गहरे हद तक प्रभावित किया है। आप सभी को मैं बधाई देता हूं कि आपने जीवन यापन के लिए तकनीकी ज्ञान को चुना है। समाज के विकास में आप अपना अमूल्य योगदान दे सकते है। आने वाला कल आपके ज्ञान के आधार पर आलोकित होगा।

अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि आज परिवर्तन का दौर है जो कि वैश्विक है। इसमें रहते हुए हम अपने को सुदृढ़ बनाये और समय का सदुपयोग करे। आज देश इसके लिए प्रयत्नशील है कि उसकी आने वाली पीढ़ी की शिक्षा उत्कृष्ट और बेहतर संस्थान में हो। इसलिए शिक्षा के क्षेत्र में हम अतिरिक्त क्या दे सकते है इस पर बराबर चिंतन होना चाहिए। आज हम ज्ञानी समाज में है जो कि आने वाले कल के लिए सुखद संकेत है। दुनिया में संख्या बल के हिसाब से सबसे ज्यादा युवा भारत में है। जनसंख्या आज हमारी सबसे बड़ी ताकत है। इस जनसंख्या को समझदार, पढ़ी लिखी और शिक्षित बनाना हमारा आपका दायित्व है। इसके लिए और बेहतर प्रयास करने की जरूरत है। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि नित्यप्रति आप ने क्या, कुछ नया अर्जित किया इस पर चिंतन करें। आप का रवैया कुछ नया करके दिखाने का होना चाहिए। यही भविष्य में आपको नई ऊंचाईयों पर ले जाएगा। विश्वविद्यालय परिवार इस बात के लिए संवेदनशील है कि हम अपने विद्यार्थियों को क्या बेहतर उपलब्ध करा सकते है। इस अवसर पर कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह एवं शाल भेंटकर सम्मानित किया।

    इसके पूर्व डा. मानस पाण्डेय, प्रो. एके श्रीवास्तव, डा. प्रवीण प्रकाश, डा. राजकुमार सोनी, डा. संतोष कुमार, डा. रविप्रकाश, डा. संजीव गंगवार, धर्मेंद्र कुमार, रजनीश भाष्कर, सुरजीत कुमार एवं डा. आशुतोष कुमार सिंह ने कार्यक्रम को सम्बोधित किया। स्वागत डा. आशुतोष सिंह एवं संचालन डा. एचसी पुरोहित ने एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. अविनाश पाथर्डिकर ने दिया। इस अवसर पर डा. मनोज मिश्र, डा. अवध बिहारी सिंह, अमरेंद्र कुमार सिंह, शैलेष प्रजापति, अमित वत्स, एचएन यादव सहित बीटेक एवं बीफार्मा के समस्त विद्यार्थी मौजूद रहे।
























 

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