Tuesday 8 September 2015

शिक्षक सम्मान समारोह




विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में मंगलवार को शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में विश्वविद्यालय परिसर एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के सेवानिवृत्त प्राध्यापकों प्रो. वीके सिंह, प्रो. रामजी लाल, डा. यूपी सिंह, डा. लालजी त्रिपाठी, डा. अनिल कुमार सिंह, डा. बृजकिशोर सिंह, डा. अशोक कुमार सिंह, डा. जनार्दन सिंह, डा. राकेश कुमार श्रीवास्तव, डा. अनिल कपूर, डा. बलवान सिंह, डा. रामाश्रय शर्मा, डा. सर्वदा नंद पाण्डेय, डा. सुधीर कुमार श्रीवास्तव, डा. अजय कुमार श्रीवास्तव, डा. नारायण प्रकाश, डा. सर्वदेव त्रिपाठी, डा. बद्रीनाथ तिवारी, डा. माधुरी सिंह, डा. एम.एन. राय, डा. टीबी सिंह, डा. शीला सिंह, डा. नागेंद्र दूबे, डा. दयाशंकर सिंह, डा. राममोहन सिंह, डा. प्रेम चंद्र तिवारी एवं डा. नीलिमा सिंह को श्रीफल, अंगवस्त्रम् एवं सर्वपल्ली डा. राधाकृष्णन की कृति देकर सम्मानित किया गया।
समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. आर.के. शर्मा ने कहा कि शिक्षक कभी अवकाश नहीं प्राप्त करता। वह अपने देश और समाज के निर्माण में सदैव अग्रणी भूमिका अदा करता है। उन्होंने कहा कि आज आपका अभिनंदन करते हुए मुझे अपार खुशी है और आपसे यही अपेक्षा है कि आपका ज्ञान सदैव उच्च रहे और धर्म जाति से परे होकर समाज में शिक्षा के प्रति उच्च मापदण्ड स्थापित करने में आप अपनी महती भूमिका का निर्वहन करेंगे। उन्होंने कहा कि गुरूओं का सम्मान आदिकाल से इस देश में होता आया है। गुरू पूर्णिमा और शिक्षक दिवस इसके प्रतीक दिवस हैं। एक गुरू ही है जो हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। इस अवसर पर आदि योगी शिव, श्रीकृष्ण एवं महर्षि वेदव्यास का स्मरण करते हुए उन्होंने कहा कि ये ऐसे आदर्श शिक्षक थे जिसकी शिक्षा सबके लिए समान रूप से है। आज हमें भी भेदभाव रहित होकर सबके लिए शिक्षा को समान रूप से लागू करना है।
अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने कहा कि आज समाज तीव्र गति से परिवर्तन की ओर उन्मुख है। उन्होंने ग्रामीण समाज का जिक्र करते हुए कहा कि आज लोग अपनी परम्परा व संस्कृति को भूलते जा रहे है। संयुक्त परिवार की परिकल्पना अब सिमट रही है। ऐसे में हम शिक्षकों की जिम्मेदारी बहुत बढ़ जाती है। हम गुरूजनों को भविष्य के सुखमय समाज की नींव डालने के लिए तत्पर होना होगा। आज इस देश की ताकत लोकतंत्र और सूचना प्रौद्योगिकी ने समाज को बहुत गहरे हद तक प्रभावित किया है। हर नागरिक आज मुख्य धारा में रहना चाहता है। अध्यापक और शिष्य दोनों को बराबर से शिक्षित होने का अवसर मिला है। युवाओं में कुछ कर दिखाने की ललक बढ़ी है। हम समाज और देश को क्या और बेहतर दे सकते है, इस दिशा में हमें सोचना होगा। उन्होंने अवकाश प्राप्त कर रहे शिक्षकों से कहा कि हम आशावान है कि आप अपने ज्ञान और शोध से समाज के मूल चरित्र को बरकरार रखेंगे। आप समाज और देश को अपने अनुभव और असीम ज्ञान से अभिसिंचित कर सकते है।
इसके पूर्व समारोह का शुभारम्भ मुख्य अतिथि प्रो. आरके शर्मा एवं कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया। आये हुए अतिथियों का स्वागत प्रो. डीडी दूबे एवं शिक्षक संघ के अध्यक्ष डा. अनिल प्रताप सिंह ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. आरके शर्मा को कुलपति प्रो. पीयूष रंजन अग्रवाल ने स्मृति चिन्ह, श्रीफल एवं अंगवस्त्रम् प्रदान कर सम्मानित किया।  शिक्षक सम्मान समारोह पर शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डा. राजीव प्रकाश सिंह ने प्रकाश डाला। संचालन डा. एचसी पुरोहित एवं धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक संघ के महामंत्री डा. बद्रीनाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी श्री एम के सिंह ,डा. आरएन त्रिपाठी, डा. राकेश सिंह, डा. आलोक सिंह, डा. अनिल सिंह, डा. सत्येंद्र सिंह, डा. सूर्यप्रकाश सिंह मुन्ना, डा. रणजीत सिंह, डा. अखिलेश्वर शुक्ल, डा. अविनाश पाथर्डीकर, डा. वंदना राय, डा. प्रदीप कुमार, डा. मनोज मिश्र, डा. दिग्विजय सिंह राठौर, डा. अवध बिहारी सिंह, डा. सुनील कुमार, डा. रूश्दा आजमी, पूजा सक्सेना, डा. केएस तोमर, श्याम त्रिपाठी, सुबोध पाण्डेय, कपिल कुमार त्यागी एवं पंकज सिंह सहित विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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