Tuesday 10 January 2017

वित्तीय साक्षरता अभियान


विश्वविद्यालय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नइ्र्र दिल्ली द्वारा निर्देशित तीन दिवसीय वित्तीय साक्षरता अभियान (विसाका) के दूसरे दिन नकदरहित अर्थव्यवस्थाः चुनौतियां एवं संभावनाएं विषय पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।
 पोस्टर प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के कुल 41 प्रतिभागियों ने अपनी सृजन क्षमता प्रदर्शित की। इसमें विद्यार्थियों ने वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था एवं भविष्य का दृश्यात्मक प्रदर्शन बड़े रोचक तरीके से किया। एक तरफ जहां प्रतिभागियों ने विमुद्रीकरण के उपरांत उपजी सामाजिक कठिनाईयों को चित्रित किया वहीं दूसरी तरफ डिजिटल अर्थव्यवस्था एव ंनकदरहित लेन-देन की संभावनाओं को रंगों एवं चित्रों के माध्यम से उकेरा। 
प्रतिभागियों के पोस्टर में डिजिटल पेमेन्ट, भीम एप, पे-टीएम, कैशलेश भुगतान, आतंकवाद, भ्रष्टाचार पर अंकुश, साइबर चुनौतियां आदि विषयों पर प्रकाश डाला। विकासा अभियान के संयोजक डॉ. अजय द्विवेदी ने प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि नकदरहित अर्थव्यवस्था के लिए हम सबको सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। इस व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए बड़े स्तर पर लोगों को वित्तिय साक्षर बनाना होगा। इस दिशा में बड़े स्तर पर बदलाव के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों की बड़ी भूमिका है। 
अभियान की सदस्य डॉ. नुपूर तिवारी ने कहा कि डिजिटल भुगतान प्रणाली सरल और पारदर्शी है। इसके कारण समाज में भ्रष्टाचार में कमी आयेगी और कालेधन की समस्या से भी निजात मिलेगा। प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में डॉ. वन्दना राय, डॉ. प्रदीप कुमार, डॉ. एसपी तिवारी, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. आलोक सिंह शामिल रहे।
इस अवसर पर डॉ. सुशील कुमार, डॉ. आलोक गुप्ता, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. अंशुमान, डॉ. परमेन्द्र विक्रम सिंह, मो. अबु सलेह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के अंतर्गत तीन दिवसीय वित्तीय साक्षरता अभियान शुरू 



विश्विद्यालय में सोमवार को मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नई दिल्ली के अंतर्गत तीन दिवसीय दिनांक 09-11 जनवरी, 2017 तक वित्तीय साक्षरता अभियान " विसाका " की शुरूवात हुई जिसमे विभिन्न वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों का  आयोजन किया जाना है। जिसमे पहले दिन निबंध और वाद-विवाद प्रतियोगिता विषयक “नकद रहित अर्थव्यवस्था: चुनौतियां एवं संभावनाएं” का आयोजन किया गया।
इंजीनियरिंग संस्थान के विश्वशरैया सेमिनार हाल में उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए  प्रबंध अध्ययन संकाय के संकायाध्यक्ष डा० वी० डी० शर्मा ने कहा कि आज के समय के मांग है कि भारत नकद रहित अर्थव्यवस्था को विकसित करे और भारत इसकी ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। अभियान के संयोजक डा० अजय द्विवेदी ने कहा कि नकद रहित अर्थव्यवस्था से अर्थव्यवस्था में विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है मगर इसके लिए जरूरी है कि लोगो को वित्तीय साक्षर होना पड़ेगा अन्यथा परिणाम विपरीत हो सकता है जैसा कि हाल ही में कुछ एक देशों में देखने को मिला है। 
प्रथम सत्र में  निबंध प्रतियोगिता में विभिन्न संकायों से 100 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में डा० सौरभ पाल, डा० संतोष कुमार, डा० संजीव कुमार शामिल रहे।
द्वितीय सत्र में “नकद रहित अर्थव्यवस्था: चुनौतियां एवं संभावनाएं” पर वाद-विवाद प्रतयोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम संयोजक डा० अजय प्रताप सिंह, संकायाध्यक्ष, व्यवहारिक सामाजिक विज्ञानं संकाय ने छात्र-छात्राओं का मनोबल बढ़ाते हुए कहा कि नकद रहित अर्थव्यवस्था को अपनाने के लिए भारत सरकार ने इससे पहले दो बार विमुद्रीकरण किया था मगर भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत न होने के कारण इसका सकारात्मक प्रभाव नहीं दिखाई पड़ा परन्तु आज के समय में जबकि हम तकनिक से काफी लैस हो चुके है तो इस दिशा में नकद रहित अर्थव्यवस्था को विकसित किया जो सकता है।
प्रतियोगिता में कुल चार टीमें बनाई गई थी जिसमे तीन टीमें विषय के पक्ष में कहा जबकि एक टीम ने विषय के विपक्ष में बोला और नकद रहित अर्थव्यवस्था को भारत जैसे विकाशील देश के लिए इस तरह की अर्थव्यवस्था को विकसित करना मात्र एक कल्पना है। बाकी तीन टीमों ने कहा के इसके अभी सकारात्मक परिणाम नहीं मिल रहे है परन्तु दीर्घकालीन में इसके सकारात्मक परिणाम शर्तिया मिलेंगे। निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में डा० सुशील सिंह, डा० अवध बिहारी सिंह, डा० एस० पी० तिवारी, डा० मुराद अली, डा० अलोक सिंह शामिल रहे।
उक्त दोनों प्रतियोगिताओं के परिणाम निर्णायक मंडल ने संयोजक को सौंप दिए है जिसकी घोषणा दिनांक 11 जनवरी को “नकद रहित अर्थव्यवस्था: चुनौतियां एवं संभावनाएं”  विषयक कार्यशाला के दौरान किया जायेगा।
इसी क्रम में दिनांक 10 जनवरी को “नकद रहित अर्थव्यवस्था: चुनौतियां एवं संभावनाएं”  विषयक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन प्रबंध अध्ययन संकाय में पूर्वाहन 11 बजे से आयोजन किया जायेगा। छात्र-छात्राओं को निर्देशित किया गया है कि वो समय से अपनी  तयारी के साथ तय समय पर उपस्थित होकर प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर सकते है।

कार्यक्रम का सञ्चालन  सुशील कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डा० अजय द्विवेदी ने किया। इस दौरान डॉ राम नारायण,श्री आलोक गुप्ता,  डा० नुपुर तिवारी, डा० रशिकेश, डा० दिग्विजय सिंह राठौर, अभिनय श्रीवास्तव, मो० अबू सलेह,श्री कमलेश मौर्या के साथ साथ छात्र-छात्राएं अनुराग उपाध्याय, शहबाज़, विजय शंकर यादव, लल्लन कुमार, अंकिता श्रीवास्तव, शिखा दुबे, अंकिता साहू आदि मौजूद रहे।

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