Friday 13 January 2017

*विवेकानंद जयंती सप्ताह के अन्तर्गत विद्यार्थियों को स्वामी जी के विचारों पर आधारित पुस्तक व्यक्तित्व का विकास का वितरण


 विश्वविद्यालय में विवेकानंद जयंती सप्ताह के अन्तर्गत शुक्रवार को विद्यार्थियों को स्वामी जी के विचारों पर आधारित पुस्तक व्यक्तित्व का विकास वितरित किया गया। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार के पास स्थापित विवेकानंद के शिकागो उदबोधन शिलालेख के समक्ष जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित किया गया।

इस अवसर पर जनसंचार विभाग के वरिष्ट शिक्षक डॉ मनोज मिश्र ने विद्यार्थियों से कहा कि आज के दौर में हताशा और निराशा से बचने का अचूक मंत्र स्वामी जी का जीवन दर्शन है।यह  असफलताओं के बाद भी सफल होने का सूत्र बताता है। व्यक्तित्व विकास के लिए हमें स्वामी विवेकानन्द के विचारों को आत्मसात करना होगा।स्वामी  विवेकानन्द जी ने जो सन्देश दिए हैं वे भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण  अध्याय के साथ ही आनुभविक भी हैं। पुरी दुनिया को विश्व-बन्धुत्व के सूत्र में बांधने  वाले ऐसे व्यक्तित्व इतिहास में दुर्लभ हैं। 
माइक्रोबायोलॉजी विभाग के शिक्षक डॉ एस पी तिवारी ने कहा कि सफलता में व्यक्तित्व की बहुत बड़ी भूमिका है।स्वामी जी का जीवन दर्शन हमें अपने व्यक्तित्व विकाश के लिए मजबूत आधारशिला देता है।उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में लगा यह शिकागो उदबोधन का  शिलालेख हमारे लिए प्रेरणा का स्रोत है।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ दिग्विजय सिंह राठौर ने कहा कि सकारात्मक सोच के बिना कभी सृजन नहीं किया जा सकता। स्वामी जी के आदर्शों  से हम सभी अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करते है.उन के विचारों पर आधारित रामकृष्ण मठ द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक निश्चित तौर पर सभी के व्यक्तित्व विकास में सहायक होगी।
इस अवसर पर डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ कार्तिकेय शुक्ला, डॉ धर्मेंद्र सिंह,डॉ सुधांशु शेखर, डॉ विद्युत् मल्ल, श्याम त्रिपाठी, पंकज सिंह समेत विद्यार्थी मौजूद रहे।

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