पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पांच दिवसीय राम कथा का दूसरा दिन
राम किसी धर्म विशेष के नहीं सबके
विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में गुरुवार को पांच दिवसीय राम कथा के दूसरे दिन प्रवचन में देश के प्रख्यात राम कथा वाचक श्री शांतनु जी महाराज ने कहा कि श्री राम किसी धर्म विशेष के नहीं हैं। वे स्वयं धर्म हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम हैं। वो सभी भावों ,विचारों से बढ़ कर है। राम कथा देश की संस्कृति की कथा
है। राम कथा श्रवण से मानव पूर्णता प्राप्त करता है। शिव विवाह का भावपूर्ण सजीव वर्णन करते हुए शांतनु महराज ने कहा कि काम क्रोध के समापन के लिए शिव भजन सर्वोत्तम है। इसी लिए मानस में गोस्वामी तुलसी दास ने शिव विवाह का आनंद मय वर्णन किया है जिसमे वर और बाराती के मर्यादित बारात का वर्णन किया है। सदाशिव से पार्वती ने सवाल किया कि प्रभुराम ब्रह्म क्यों है। शिव ने जनहित में पूछे गए पार्वती के प्रश्न पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सगुन और निर्गुण में अपने आप को मत बांधो। भक्त जिस रूप में श्री रामको चाहते हैं। श्री राम, उसी रूप में सभी भक्त को प्राप्त होते हैं। प्रवचन के पूर्व व्यास पीठ का पूजन कुलपति प्रो डॉ राजा राम यादव , एनएसएस समन्वयक राकेश कुमार यादव,डॉ ए के श्रीवास्तव ,हिमांचल सिंह ,रामसूरत यादव तथा श्रीमती ममता भट्ट ने किया। पूर्व प्रचारक एवं राम कथा समिति के समन्वयक शतरुद्र प्रताप , डॉ वीडी शर्मा ,डॉ अजय दिवेदी ,डॉ अविनाश पाथर्डीकर ,डॉ दिनेश कुमार सिंह,डॉ अवध बिहारी सिंह ,डॉ सुनील कुमार ,श्याम त्रिपाठी , ने कथा वाचक शांतनु जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। संचालन मीडिया प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने किया।इस अवसर पर कशी प्रान्त के प्रान्त कार्यवाह बांकेलाल यादव ,डॉ राजीव प्रकाश सिंह ,डॉ समर बहादुर सिंह ,डॉ विजय कुमार सिंह ,प्रो बीबी तिवारी , डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ राम नारायण ,वित्त अधिकारी एम् के सिंह , कार्यवाहक कुलसचिव संजीव सिंह, डॉ राजकुमार सोनी , डॉ संतोष कुमार ,डॉ राजेश शर्मा ,डॉ अमरेंद्र सिंह
,अमल दार यादव, डॉ संजय श्रीवास्तव एवं आस पास के ग्रामीण सहित तमाम लोग उपस्थित रहे ।
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