अपने घर को ही तीर्थ बनाएं
विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में शुक्रवार को पांच दिवसीय राम कथा के तीसरे दिन प्रवचन में देश के प्रख्यात राम कथा वाचक श्री शांतनु जी महाराज ने कहा कि तीर्थ अध्यात्म के वर्कशॉप होते है।जब जीवन मे कुछ अच्छा न लगे तो तीर्थ यात्रा पर जाना चाहिए। तीर्थों पर कभी स्थाई निवास नहीं बनाना चाहिए। अगर तीर्थ पर नहीं जा सकते तो अपने घर पर ही भजन कीर्तन करके घर को ही तीर्थ बनाये। जिससे परमात्मा वही आ जाये। दर दर भटकने से ईश्वर नहीं मिलता है।
उन्होंने मनु महाराज के श्रेष्ठ दाम्पत्य जीवन का उल्लेख करते हुए कहा कि यदि परिवार का वातावरण ठीक होगा तो संतान भी सदगुणी पैदा होते है।
मनु की तपस्या से प्रसन्न होकर ईश्वर प्रकट हुए तो मनु ने ईश्वर से उनके जैसा पुत्र मांगा ।प्रभु ने इस मांग को पूरा किया और कहा जब आप अयोध्या के नरेश होंगे तो मैं आपका पुत्र बन कर पैदा होऊंगा।
प्रवचन के पूर्व व्यास पीठ का पूजन कुलपति प्रो डॉ राजा राम यादव,वित्त अधिकारी एम के सिंह, डॉ के एस तोमर, पूर्व प्रचारक एवं राम कथा समिति के समन्वयक शतरुद्र प्रताप एवं गुलाबी देवी महाविद्यालय की एन एस एस की छात्राओं ने किया।
प्रो डी डी दुबे, प्रो बी बी तिवारी, डॉ आलोक सिंह,डॉ एस पी सिंह, डॉ बी डी शर्मा, डॉ ए के श्रीवास्तव, डॉ ज्ञान प्रकाश सिंह, डॉ दिनेश कुमार सिंह, डॉ सुशील कुमार, अमलदार यादव, रमेश पाल, ओम प्रकाश जायसवाल,सुशील प्रजापति, श्याम त्रिपाठी, सुमन सिंह, धर्मशीला गुप्ता, संजय श्रीवास्तव , ज्ञानेश पाराशरी, जगदम्बा मिश्र आदि ने कथा वाचक शांतनु जी महाराज का माल्यार्पण कर स्वागत किया। संचालन मीडिया प्रभारी डॉ मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर डॉ प्रवीण प्रकाश ,डॉ अजय द्विवेदी, डॉ अजय प्रताप सिंह, डॉ राम नारायण , डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार, अशोक सिंह, रजनीश सिंह, राघवेंद्र सिंह, अरुण सिंह समेत आस पास के ग्रामीण सहित तमाम लोग उपस्थित रहे ।
No comments:
Post a Comment