Sunday 8 October 2017

राम कथा का समापन

 विश्वविद्यालय के संगोष्ठी भवन में 4 अक्टूबर से चल रही पांच दिवसीय श्री  राम कथा अमृत वर्षा का समापन शनिवार को हुआ। प्रख्यात कथा  वाचक श्री शांतनु जी महाराज ने कहा  कि   चमत्कार को नमस्कार मत करिए. पुरुषार्थ पर विश्वास करिए। भगवान राम ने कर्म किया और चमत्कार पर कभी विश्वास नहीं किया। परमात्मा होकर भी गंगा पार  होने के लिए कोई जुगत नहीं लगाया। उन्होंने इस हेतु केवट की सहायता मांगी। कथा में  उन्होंने गुरु महिमा कुसंग  दहेज की बढ़ती बिभीषिका  जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से अपनी बात रखी। राम जानकी विवाह, राज तिलक, वनवास का वर्णन किया।मां जानकी की विदाई का वर्णन सुन श्रोताओं के नयन सजल हो उठे ।   मां- बेटी, पिता- पुत्री के भावपूर्ण अनन्य संबंधों को विस्तार पूर्वक बताते हुए पारिवारिक पसंस्कार पर प्रकाश डाला । उन्होंने वनवास काल के अनुसुइया आश्रम के प्रसंग को बताते हुए कहा कि सती अनुसुइया ने जानकी  से कहा था कि तुम पतिव्रता  स्त्रियों के लिए आदर्श हो क्योंकि पति का साथ तुमने सुख व दुख दोनों में साथ दिया है।करवा चौथ के दिन महिलाओं को संदेश देते हुए कहा कि घर में शांति बनी रहे इसके लिए पति की बात माने।  कथा का समापन भगवान राम के वनवास प्रसंग से हुआ।
व्यासपीठ पूजन  प्रो आर एन त्रिपाठी, प्रो  दीनानाथ सिंह,प्रो बी एन सिंह, प्रोफेसर बी बी तिवारी, डॉ एस के सिंह, कुलसचिव संजीव सिंह, डॉ बृजेंद्र सिंह, अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार सिंह ,डॉ एस पी सिंह, डॉ विजय कुमार सिंह, बिना सिंह ,डॉ माया सिंह ,आरएसएस  इलाहाबाद  के नितिन जी ने किया। 
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम यादव ने कहा कि राम कथा विश्व विद्यालय के विद्यार्थियों में नैतिक और सांस्कृतिक संचार के  लिए आयोजित की गई थी।  विद्यार्थियों ने इसमें अपनी  सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर इस कार्यक्रम को पूर्ण रूपेण सफल बनाया है। डॉ  दिनेश कुमार सिंह ने पांच दिवसीय राम कथा कासार संक्षेपण किया।  राम कथा वाचक श्री शांतनु जी महाराज द्वारा श्री राम कथा समिति के सदस्यों को माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया । रामकथा के संयोजक शतरुद्र प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया।कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रभारी डॉ. मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर डॉ अजय प्रताप सिंह ,राकेश कुमार यादव ,डॉ राम नारायण ,डॉ दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ अमरेंद्र सिंह ,डॉ अवध बिहारी सिंह, डॉ सुनील कुमार,  डॉ के एस तोमर, डॉ  संजय श्रीवास्तव, एम एम भट्ट, राघवेंद्र सिंह, अमलदार यादव, अशोक सिंह, रजनीश सिंह,मोहन पांडेय ,अनिल श्रीवास्तव ,धीरज श्रीवास्तव  समेत तमाम लोग मौजूद रहे।
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