विद्यार्थी प्रमाणिकता के साथ आगे बढ़ेः राम नाईक
सफाई, भ्रष्टाचार के लिए नए दृष्टिकोण की जरूरतः प्रो. विक्रम कुमार
वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 22 वें दीक्षांत समारोह में प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री राम नाईक जी ने प्रथम प्रयास में स्नातक एवं स्नातकोत्तर में सर्वोच्च अंक पाने पर 58 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किया। माइकोलॉजी एवं पौध रोग विज्ञान विभाग, कृषि विज्ञान संस्थान, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी में रहे प्रो0 उदय प्रताप सिंह को मानद उपाधि ‘‘डाक्टर आफ साइंस’’ से सम्मानित किया गया। दीक्षांत समारोह में 116 पी-एच.डी. धारकों को उपाधि एवं गणित में डॉ सत्य प्रकाश सिंह को डी.एस-सी की उपाधि दी गई।


इस अवसर पर बतौर अध्यक्षीय संबोधन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा की गोल्ड मेडल और उपाधि पाने वाले विद्यार्थियों को हर क्षेत्र में जागरूक रहने की जरूरत है, क्योंकि अब आप के पँखोँ मेँ ताकत आ गई है और आकाश में उड़ान के दौरान काफी प्रतिस्पर्धा का सामना करना होगा। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा के दीक्षांत में शपथ लेना सरल है लेकिन उसे निभाना कठिन है। इसे निभाने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति का होना बहुत जरूरी है । उन्होंने सलाह दिया कि आप प्रमाणिकता एवं पारदर्शिता के साथ आगे बढ़ो , असफलता के बारे में आत्मनिरीक्षण करो, अपने को अपडेट रखो तो उपलब्धियां आपके चरण चूमेगी। उन्होंने पूरे प्रदेश में उच्च शिक्षा का विश्लेषण करते हुए कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालय में गोल्ड मेडल और उपाधि पाने वालों में 51 फ़ीसदी छात्राएं हैं जोकि महिला सशक्तिकरण का उदाहरण प्रस्तुत करतीँ है । उन्होंने कहा कि सन 2000 में सर्व शिक्षा अभियान की बुनियाद अटल बिहारी वाजपेई की सरकार ने रखी थी और वर्तमान की मोदी सरकार ने बेटी बचाओ ,बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा दिया, जिसका असर अब देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश के विश्वविद्यालयों से हटकर दो बातें वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में देखने को मिलती है, पहला खेल के क्षेत्र में और दूसरा केंपस प्लेसमेंट के क्षेत्र में आगे है जो कि सराहनीय कार्य है।
इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि ‘‘शान्ति स्वरूप भटनागर’’ पुरस्कार से विभूषित राष्ट्रीय भौतिकीय प्रयोगशाला के पूर्व निदेशक एवं वर्तमान में रक्षा अनुसन्धान एवं विकास संगठन, भारत सरकार के डॉ0 राजा रमन्ना विशिष्ट फेलो प्रो0 विक्रम कुमार ने कहा कि दीक्षांत समारोह में आज का दिन विद्यार्थियों का दिन है उनके कठिन परिश्रम और परिणाम का दिन है। मुझे ऐसे ही युवाओं से मिलने और संवाद करने में खुशी का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि आर्थिक परिवर्तन ने समाज में एक बड़ा संरचनात्मक परिवर्तन किया है, जिससे लोगों के जीवन स्तर में बदलाव आया है। कहा कि हमें और भी वैज्ञानिक अनुसंधान की आवश्यकता है क्योंकि हमें वैश्विक स्तर पर कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है जो कि मौलिक रूप से वैज्ञानिक है, वह चाहे जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संशोधन, खाद उत्पादन आतंकवाद से लेकर स्वास्थ्य गरीबी, भूख जैसी पारंपरिक समस्या क्यों ना हो, हर जगह विज्ञान की भूमिका है। आज के समय में आपके पास बहुत सारे मौके और करियर है निजी क्षेत्र ने व्यापक संभावनाओं के साथ अपने आप को एक महान नियोक्ता के रूप में विकसित किया है। देश में स्वरोजगार उद्यमिता एवं स्टार्टअप की असीम संभावना है। हमारे स्नातकों की पूरी दुनिया में मांग है, हमने अपने ज्ञान और कौशल के साथ दुनिया की मदद करके एक बड़ा व्यवसाय किया है। उन्होंने उपाधि धारको को ईमानदारी के साथ कड़ी मेहनत करने की सलाह दी उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में हमारे देश ने महत्वपूर्ण प्रगति की है। इसके बावजूद हमें सफाई और भ्रष्टाचार जैसे समस्याओं से निपटने के लिए एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है।
डीएससी की मानद उपाधि से सम्मानित होने वाले बीएचयू के प्रोफेसर उदय प्रताप सिंह ने कहा की अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फोरम में अमेरिका के खिलाफ लड़ाई लड़कर हमने नीम का पेटेंट वापस कराया , इस पर मेरा 4 रिसर्च पेपर प्रकाशित था, जिस कारण यह वापस हुआ हालांकि इस काम में महत्वपूर्ण भूमिका दिल्ली की स्वयँसेवी संस्था वंदना शिवा ने निभाई।
कुलपति प्रो. डॉ. राजाराम यादव ने अपने सम्बोधन में विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि विश्वविद्यालय प्रदेश ही नहीं, देश के समस्त विश्वविद्यालयों की पंक्ति में सच्चे अर्थों में प्रमुख स्थान प्राप्त करे। ‘‘न त्वहं कामये राज्यं, न स्वर्गं ना पुनर्भवम्, कामये दुःख तत्वानां प्रणिना मर्तिनाशनम्’’ को सार्थक करने वाले हमारे छात्रों के महत्वपूर्ण अनुसन्धान ही विश्वविद्यालय को शीर्ष पटल पर रख देंगे।संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष डॉ0 मनोज मिश्र ने किया।
इस अवसर पर पूर्व राज्यपाल माता प्रसाद, प्रो.कीर्ति सिंह, प्रबंधक अशोक सिंह , डॉ यू पी सिंह ,डाँ.राधेश्याम सिंह ,डॉ राजीव प्रकाश सिँह, डॉक्टर समर बहादुर सिंह ,डॉ विजय सिंह डॉक्टर आलोक सिंह डॉ. गायत्री प्रसाद सिंह, विधायक बृजेश सिंह प्रिंसु, डॉ एस पी सिंह, डॉ राकेश यादव ,प्रो0 विलास ए तभाने, प्रो. बी.बी. तिवारी प्रो. रंजना प्रकाश, प्रो. अजय प्रताप सिंह, प्रो. अविनाश पाथर्डीकर प्रो. अजय द्विवेदी, प्रो. बी.डी. शर्मा, डॉ. राजीव सिंह, डॉ.वीरेन्द्र विक्रम यादव, डॉ. राकेश यादव, डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. अवध बिहारी सिंह, डॉ. विजय प्रताप तिवारी, डॉ. अनुराग मिश्र, सुरेन्द्र त्रिपाठी, डॉ. के.एस. तोमर, अमलदार यादव, डॉ. संजय श्रीवास्तव, सुशील प्रजापति, डॉ. पी.के. सिंह कौशिक, डॉ. राजेश जैन सहित विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
गतिमान के छठे अंक का राज्यपाल ने किया विमोचन
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के 22 वें दीक्षांत समारोह में गतिमान वार्षिक पत्रिका के छठे अंक का विमोचन दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री राम नाईक ने किया। इस पत्रिका में विश्वविद्यालय के वर्ष भर की गतिविधियों, स्वर्ण पदक धारकों की सूची, अतिथियों का परिचय समेत तमाम जानकारियां बड़े आकर्षण ढंग से प्रकाशित की गयी है। पत्रिका के सम्पादन मण्डल में डॉ0 मनोज मिश्र, डॉ0 दिग्विजय सिंह राठौर, डॉ0 के0 तोमर एवं डॉ0 पुनीत धवन शामिल है।
राज्यपाल ने महिला छात्रावास और कोचिंग सेन्टर का किया उद्घाटन
जौनपुर। दीक्षांत समारोह में आये राज्यपाल राम नाईक ने संगोष्ठी भवन परिसर में महारानी लक्ष्मीबाई महिला छात्रावास तथा राष्ट्रीय सेवा योजना भवन में तकनीकी उन्नत सिविल सर्विसेज कोचिंग सेन्टर का उद्घाटन किया।
गाँधी और वीर बहादुर सिंह को किया नमन
राज्यपाल श्री राम नाईक ने विश्वविद्यालय परिसर के मुख्य द्वार पर स्थित वीर बहादुर सिंह की प्रतिमा और गांधी वाटिका में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पाजंलि अर्पित की।
इन्हें मिला स्वर्ण पदक
स्नातक में कुल 16 विद्यार्थियों को पदक, 10 छात्र और 06 छात्राएं
प्रथम प्रयास में स्नातक कक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर बीटेक कम्प्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में प्रगति राय, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में लक्ष्मीकांत, बीटेक इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग में हर्ष सिंह बघेल, बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीयूष कुमार यादव, बीटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में वैभव श्रीवास्तव, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग में दिव्या ओमार, बीफार्मा में मोहम्मद परबीन, बीसीए में निशांत श्रीवास्तव, बीबीए में सोनाली सोनी, कला में गौरव सिंह, बीएससी में उत्कर्ष सिंह, बीकॉम में अभिषेक पाठक, बीएससी कृषि में दिवाकर, बीपीई में सुधीर सिंह, एलएलबी में तहजीब जहां और बीएड श्रेया सिंह को राज्यपाल राम नाईक के हाथों स्वर्ण पदक मिला।
परास्नातक में 42 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक, 28 छात्रायें और 14 छात्र
स्नातकोत्तर में एमसीए अंकिता श्रीवास्तव, एमएससी पर्यावरण विज्ञान में प्रगति तिवारी, एमएससी जैव प्रौद्योगिकी में अंकित मौर्य, एमएससी जैव रसायन में मनोज चौबे, एमएससी माइक्रोबायोलॉजी आशीष शुक्ला, एमए एप्लाइड साइकोलॉजी में रेलुमल, एमबीए मोहित सिंह भटिया, एमबीए कृषि-व्यवसाय में अभिषेक सिंह, एमबीए बिजनेस इकोनॉमिक्स में श्यामल श्रीवास्तव, एमबीए वित्त और नियंत्रण में नदीम अहमद खान, एमबीए एचआरडी में प्रीति मिश्रा, एमए मास कम्युनिकेशन में सोनम, एमकॉम में विवेक निषाद, एमएससी गणित में प्रीति, एमएससी प्राणि विज्ञान में श्रेया श्रीवास्तव, एमएससी भौतिक विज्ञान में अंशुका सिंह, एमएससी रसायन विज्ञान में रेशम खान, एमएससी बॉटनी में अंकिता सिंह, एमए सैन्य विज्ञान में पूनम पाठक , एमएससी एजी प्लांट पैथोलॉजी में पूजा पाल, एमएससी एजी बागवानी अंकुर कुमार सिंह, एमएससी एजी जेनेटिक्स एंड प्लांट प्रजनन में सुमन, एमएससी एजी एग्रोनोमी में सुजीत कुमार, एमएससी एजी कृषि अर्थशास्त्र में वीरेन्द्र कुमार, एमएससी एजी कृषि रसायन और मिट्टी विज्ञान में गणेश कुमार,एमएससी एजी एंटोमोलॉजी में ओम लता राव, एमएड में श्वेता श्रीवास्तव , एमए प्राचीन इतिहास में चंचल सिंह, एमए राजनीति विज्ञान में सिद्धार्थ सिंह, एमए हिंदी में सुषमा, एमए अर्थशास्त्र में अर्चना सिंह, एमए अंग्रेजी में सुजाता, एमए संस्कृत में सरोज यादव, एमए शिक्षा में अलका मौर्या, एमए होम साइंस फूड न्यूट्रिशियन में गारिमा सिंह, एमए होम साइंस ह्यूमन डेवलपमेंट में संध्या यादव, एमए मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास में सुमन सिंह, एमए उर्दू में उम्मे साबा, एम ए मनोविज्ञान में विम्मी जायसवाल, एमए दर्शनशास्त्र में अवंतिका सिंह, एमए भूगोल में नेहा उपाध्याय, एमए समाजशास्त्र में शिंपी मिश्रा को स्वर्ण पदक मिला है।
115 शोधार्थियों को पी- एचडी, एक को मिली डी0 एस-सी
जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के २२वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल श्री राम नाईक और कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने टीडी कॉलेज के गणित विषय के शिक्षक डॉ सत्य प्रकाश सिंह को कंट्रीब्यूशन ऑफ़ द थ्योरी ऑफ़ जनरलाइज़्ड बेसिक ह्यपरजोमेट्रिक सीरीज विषय पर डी0 एस-सी की उपाधि प्रदान की।

इसके साथ ही 115 शोधार्थियों को पी- एचडी की उपाधि मिली है । कुलपति प्रो० डॉ० राजाराम यादव ने शोधार्थियों को उपाधि के योग्य स्वीकारते हुए आदेश दिया कि आजीवन अपने को इस उपाधि के योग्य प्रमाणित करते रहे। कला संकाय में 84, विज्ञान संकाय में 21, शिक्षा संकाय में 8, कृषि संकाय में 01 एवं विधि संकाय में 01 शोधार्थी को पी- एचडी की उपाधि मिली।