Saturday 6 October 2018

कथक और कथा की अमृत वर्षा में डूबे श्रोता


पूर्वांचल विश्वविद्यालय के महंत अवैद्यनाथ संगोष्ठी हाल में शुक्रवार की शाम को आयोजित सांस्कृतिक संध्या का शुभारंभ कथक नृत्य से  हुआ। इस अवसर पर इलाहाबाद से आए कथक कलाकार रवि सिंह और प्रेरणा तिवारी ने एक से बढ़कर एक नृत्य प्रस्तुत किए । संगोष्ठी भवन में कथा और कथक दोनों ने अमृत वर्षा की। कार्यक्रम की शुरुआत रवि सिंह ने दुर्गा स्तुति से की, तो प्रेरणा तिवारी ने कथक के भाग तराना का परिचय कराया। इसके बाद रवि सिंह ने राधा तेरी, मेरा श्याम तू ...गीत पर जोरदार नृत्य की प्रस्तुति की। इस पर हाल तालियों से गूंज उठा। इस प्रस्तुति के जवाब में प्रेरणा तिवारी ने हाय मर जाएंगे, लूट जाएंगे , ऐसी बात ना करो ... गीत पर उनके भाव नृत्य ने दर्शकों की खूब तालियां बँटोरी। कथा में कृष्ण और गोपियों के महारास के वर्णन की रवि और प्रेरणा ने नृत्य के माध्यम से जो प्रस्तुति की वह दर्शकों के दिल में ऐसी उतरी कि लोग झूमने पर मजबूर हो गए। इसके बाद दोनों कलाकारों ने फ्यूजन गीत पर कथक करके दर्शकों को वन्स मोर , वन्स मोर करने पर मजबूर कर दिया। 
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने कहा कि कथक का मतलब कथा से आया भाव होता है। जब शरीर , मन और आत्मा एक साथ चलते हैं तब कथक होता है। इस अवसर पर कथावाचक आचार्य शांतनुजी महाराज और कुलपति प्रोफेसर डॉ. राजाराम यादव ने दोनों कथक कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। समारोह का सँचालन डॉ मनोज मिश्र ने किया । इस अवसर पर कुलसचिव सुजीत कुमार जायसवाल, वित्त अधिकारी एमके सिंह , प्रो अजय द्विवेदी , प्रोफेसर अविनाश पार्थीडेकर,डॉ सौरभ पाल,राकेश यादव,अनु त्यागी,डॉ  सुधीर उपाध्याय ,डॉ शैलेश प्रजापति,डा.नृपेन्द्र सिंह, डॉक्टर सुनील कुमार डाँ अवध बिहारी सिंह ,डॉ संजय श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।

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